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सही सोच और सफलता व्यक्तित्व विकास एवं व्यवहार-प्रबंधन पर आधारित एक उच्च कोटि की पुस्तक है। इसमें मानव-व्यवहार एवं उसकी सकारात्मक सोच के प्रभावों और परिणामों पर विस्तृत विश्लेषण एवं व्यावहारिक चर्चा की गई है। इसमें बताया गया है कि सकारात्मक और सही सोच से हम जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कैसे सफल हो सकते हैं। लेखक का कहना है कि अधिकांश समस्याएँ विचार-शून्यता के कारण उत्पन्न होती हैं। पुस्तक में—‘आनेवाले कल की समस्याएँ आज ही सुलझाएँ’, ‘क्या आपका विद्यार्थी मन नियम से विश्लेषण करता है?’, ‘सफलता और आनंद-प्राप्ति के लिए अपने परिवार से मधुर संबंध बनाए रखें’, ‘तनाव पर कैसे काबू पाएँ’, ‘आत्म-प्रबंधन की प्रेरणादायी कहानियाँ’, ‘सीमित दायरे से बाहर सोचनेवालों की सफलता की गाथाएँ’, ‘भूसे के ढेर में छिपे कुशल प्रबंधन के हीरे’ जैसे उपयोगी अध्यायों के अंतर्गत सही सोच और सफलता पर व्यापक और महत्त्वपूर्ण चर्चा की गई है। प्रस्तुत पुस्तक को पढ़कर सोचने की नई दिशा प्राप्त होती है।
यह कृति सकारात्मक सोच विकसित कर सफलता की राह का कुशल निर्देशन करेगी, ऐसा विश्वास है।
व्यक्तित्व विकास एवं व्यवहार-प्रबंधन की पुस्तकों के सुपरिचित लेखक हैं। अमेरिका की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा से एम.बी.ए. करने के उपरांत वे तैंतीस वर्ष तक भारत के प्रमुख उद्योग समूह ‘एस्कॉर्ट्स’ से संबद्ध रहे और अनेक उच्च पदों पर आसीन रहे। हिंदी-अंग्रेजी में मानव-व्यवहार से संबंधित उनकी 60 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनकी 10 लाख से अधिक प्रतियाँ बिक चुकी हैं। देश-विदेश में व्यवहार-प्रबंधन पर 1 हजार से अधिक सेमिनारों का आयोजन भी कर चुके हैं।