₹350
"इस भवसागर की मचलती हुई लहरों से जूझती हुई, इसके उतार-चढ़ाव को सहन करती हुई, इस मन में उठती हुई तरंगों को आत्मसात करती हुई सदैव एक साहिल ढूँढ़ने का प्रयास करती रही, अंततः उसे पा ही गई हूँ ।
अब इसको पकड़ जीवन जीने का उत्साह आ गया। पक्षियों के समूह में सम्मिलित हो इस अनंत नीलाकाश में उड़ती जाऊँगी, यही मेरी कामना थी, जो पूर्ण हो गई है।"