₹100
साक्षर बनने के बाद कुछ-न -कुछ पढ़ने की इच्छा और रुचि व्यक्ति में पैदा हो जाती है । यह रुचि बनी रहे या बढ़ती जाए, इसके लिए नवसाक्षरों को अच्छी और उपयोगी पुस्तकें उपलब्ध कराना आवश्यक है । पढ़ने की आदत पड़ जाने पर वे ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायक, काम - धंधे की जानकारी से संबंधित पुस्तकें भी पढ़ने लगेंगे । पर प्रारंभ में उन्हें हलकी -फुलकी, रोचक, मनोरंजक कहानियाँ ही पढ़ने देनी चाहिए ।
प्रस्तुत पुस्तक ' साक्षरता की कहानियाँ ' ऐसी ही कहानियों का संग्रह है । ये कहानियाँ साक्षरता- आभियान से जुड़े व्यक्तियों - शिक्षार्थियों, शिक्षक- शिक्षिकाओं और अधिकारियों -को पात्र बनाकर लिखी गई हैं । इनमें निरक्षर से साक्षर होनेवाले : व्यक्ति की अत्यधिक उन्नति होती हुई बताई गई है । या तो उसे बहुत धन और यश मिलता है या उसकी किसी तीव्र इच्छा अथवा मनोकामना की पूर्ति होती है । इनमें संयोगों का हाथ हो सकता है, पर किसी चमत्कार का नहीं । सबकुछ पात्र की समझदारी, प्रयत्न और परिश्रम से होता है । प्रत्येक कहानी का सुखद और संतोषप्रद अंत होता है ।
अत्यंत रोचक और सरल भाषा में लिखी गई ये कहानियाँ नवसाक्षरों को अपनी या अपने आस -पास रहनेवाले लोगों की कहानियाँ लगेंगी ।
जन्म : 1 जनवरी, 1944 को गुजरात के एक गाँव में ।
शिक्षा : स्नातक ।
लेखन : गत छत्तीस वर्षों से राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में लेख, कहानियों और कविताओं का प्रकाशन ।
संपादन : जिला साक्षरता समिति, रायगढ़ द्वारा सन् 1996 में प्रकाशित ' उत्तर साक्षरता पुस्तिका ' प्रवेशिका भाग- 2 का संपादन ।
संप्रति : कोचिंग क्लास में अध्यापन व स्वतंत्र लेखन ।