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"प्रस्तुत पुस्तक हिंदी दैनिक 'प्रभात खबर' में प्रकाशित इसके प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी के लेखों का संकलन है। उन्होंने इस पुस्तक में खेल, आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपने गहन दृष्टिकोण और विश्लेषण को प्रस्तुत किया है। इसमें 81 लेख शामिल हैं, जो विषयों की विविधता को दरशाते हैं। इनमें आर्थिक असमानता से लेकर देश के विकास तक और सामाजिक व सांस्कृतिक परिवर्तनों से लेकर पर्यावरणीय चुनौतियों तक के विषयों को शामिल किया गया है।
आज के सोशल मीडिया के दौर में जहाँ हर कोई अपने आपको मूर्धन्य संपादक मानने लगा है, ऐसे में एक संपादक की जिम्मेदारी और उसकी भूमिका ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो गई है। यह पुस्तक न केवल वर्तमान पत्रकारों के लिए, बल्कि भविष्य के पत्रकारों और संपादकों के लिए भी मार्गदर्शक हो सकती है। इसमें बताया गया है कि पत्रकारिता केवल अपराध, क्रिकेट, सिनेमा और राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असली उद्देश्य समाज को जागरूक करना और विचारशील बनाना है। महत्त्वपूर्ण और समयानुकूल होने के कारण यह न केवल पत्रकारिता के छात्रों, बल्कि व्यापक पाठक वर्ग के लिए भी समान रूप से उपयोगी होगी।"
वरिष्ठ पत्रकार और प्रभात खबर के प्रधान संपादक। मीडिया-जगत् में 30 वर्षों की विशेषज्ञता। भारत की हिंदी पत्रकारिता में अनुभवी और विशेषज्ञ पत्रकारों में गिनती। भारत ही नहीं, विदेशों में भी काम करने का गहन अनुभव प्राप्त। मीडिया-जगत् के बड़े घरानों में प्रिंट के साथ इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता का अनुभव। मीडिया इंडस्ट्री की अच्छी समझ। पत्रकार शिरोमणि पंडित बनारसीदास चतुर्वेदी के परिवार से संबंधित और उन्हें अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं। उन्हीं के आशीर्वाद से पत्रकारिता के क्षेत्र में आए हैं। कॅरियर की शुरुआत इलाहाबाद से प्रकाशित होनेवाली प्रसिद्ध समाचार पत्रिका ‘माया’ के साथ प्रशिक्षु पत्रकार के रूप में की। उसके बाद इंडिया टुडे, संडे ऑब्जर्वर, जागरण, बी.बी.सी. लंदन व दिल्ली होते हुए अमर उजाला के कार्यकारी संपादक और प्रभात खबर के प्रधान संपादक तक की पत्रकारिता की उतार-चढ़ाव भरी यात्रा पूरी की। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ उन्होंने एक दर्जन देशों की विदेश यात्राएँ की हैं। आगरा विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री हासिल की। ब्रॉडकास्टिंग जर्नलिज्म का प्रशिक्षण लिया। संप्रति एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्य हैं।