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Author Prabhat Jha
Features
  • ISBN : 9788173157318
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Prabhat Jha
  • 9788173157318
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 390
  • Hard Cover

Description

सुविदित है कि भारत सोने की चिड़िया कहलाता था । जब विश्‍व के अधिकांश देश पिछड़े हुए थे तब भारत समृद्ध राष्‍ट्र था । अंग्रेजों के शासन से पूर्व यह विश्‍व के धनी राष्‍ट्रों में से एक था ।
विडंबना है कि आज भारत अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है । गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्‍टाचार, जातिवाद, क्षेत्रवाद, वंशवाद, बालश्रम, भुखमरी, कुपोषण, किसानों की। आत्महत्या, धर्मांतरण, घुसपैठ, अशिक्षा, शिक्षा का व्यवसायीकरण, नक्सलवाद, आतंकवाद, बेलगाम महँगाई से देश की स्थिति भयावह हो रही है । इनका मूल कारण रहा कि हम पाश्‍चात्य देशों की अंधी नकल करने में लगे रहे, जबकि हमें अपने देश की समस्याओं का समाधान अपनी माटी में ही तलाशना चाहिए था ।
पर इतिहास साक्षी है कि अनेक झंझावातों को झेलने के बाद भी भारत समर्थ सिद्ध हुआ है । मंदी के दौर में जहाँ दुनिया के विकसित राष्‍ट्र भी लड़खड़ा गए वहीं हा चट्टान की भांति अडिग रहे ।
सन् 2020 में समृद्धशाली भारत का सपना तभी साकार हो सकता है, जब हम पाश्‍चात्य देशों की नकल छोड़कर अपनी ही प्रकृति के अनुसार विकास प्रक्रिया को आगे बढ़ाएँ व भारत को पश्‍च‌िम की कार्बन कॉपी बनाने की बजाय भारत ही रहने दें ।
समर्थ भारत में संकलित हैं-
शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा, चिकित्सा, राजनीति विधि तथा अन्य सामाजिक क्षेत्रों के विश‌िष्‍ट महानुभावों के व्यापक अनुभव से भारत की सामर्थ्य और शक्‍त‌ि को रेखांकित करते मार्गदर्शक एवं प्रेरणाप्रद लेख ।

The Author

Prabhat Jha

प्रभात झा

जन्म : सन् 1958, दरभंगा (बिहार)।
शिक्षा : स्नातक (विज्ञान), कला में स्नातकोत्तर, एल-एल.बी., पत्रकारिता में डिप्लोमा (मुंबई)। जगतगुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट (उ.प्र.) से डी.लिट की उपाधि प्राप्त।
कृतित्व : 'शिल्पी' (तीन खंड), 'अजातशत्रु दीनदयालजी', 'जन गण मन' (तीन खंड), 'समर्थ भारत', 'गौरवशाली भारत', कृतियों के अलावा विभिन्न स्मारिकाओं एवं पत्र-पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित। दैनिक भास्कर, नई दुनिया, हरिभूमि, स्वदेश, ट्रिब्यून, प्रभात खबर, राँची एक्सप्रेस, आज एवं वार्ता के नियमित स्तंभकार तथा राजनैतिक विश्लेषक के रूप में सतत लेखन कार्य जारी। हिंदी 'स्वदेश' समाचार-पत्र में सहयोगी संपादक रहे। वक्ता के रूप में प्रतिष्ठित संस्थानों में नियमित आमंत्रित।
संप्रति : राज्यसभा सांसद तथा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (भारतीय जनता पार्टी) एवं संपादक 'कमल संदेश' (हिंदी एवं अंग्रेजी)।

इ-मेल : prabhatjhabjp@gmail.com

 

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