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आज भारत विश्व-पटल पर अपनी एक विशिष्ट पहचान बना चुका है। प्रगति के पथ पर सरपट दौड़ती भारत की अर्थव्यवस्था लोगों को चकित कर रही है। आधारभूत ढाँचा निरंतर बेहतर हो रहा है, विकास का सूर्य चमक रहा है। आर्थिक मंदी के दौर में भी भारत का विकास-क्रम जारी रहा है। सुप्रसिद्ध अर्थ-चिंतक और नीतिज्ञ एस. गुरुमूर्ति का दृढ़ विश्वास है कि यह समय भारत के सूर्योदय का है। भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है—अतीत के अंधकार से निकलकर एक नया चमकता प्रकाश देखने के लिए। उनका मानना है कि बड़ी हैरानी की बात है कि भारत जिस तेजी से विकास कर रहा है, उसका हम भारतीयों को पूरा ज्ञान नहीं है। प्रस्तुत पुस्तक में उनके विचारशील चिंतन से भारत की सामाजिक-आर्थिक दशा-दिशा और व्यावहारिक कठिनाइयों तथा उनसे उबरने का मार्ग निकलता है। भारत के उज्ज्वल एवं स्वर्णिम भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती चिंतनपरक पुस्तक।
भारत के विख्यात चार्टर्ड एकाउंटेंट और कंपनी मामलों के वरिष्ठ जानकार तथा सलाहकार हैं। वे राजनीति, अर्थशास्त्र, विधि, धर्म तथा दर्शन में विशेष अभिरुचि रखते हैं। गुरुमूर्ति एक विलक्षण खोजी पत्रकार तथा चतुर नीतिज्ञ भी हैं। अपने क्षेत्र में अग्रगण्य गुरुमूर्ति भारत के प्रमुख कॉरपोरेट समूहों के सलाहकार हैं। 27 वर्ष की आयु में ही वे ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के अध्यक्ष श्री रामनाथ गोयनका के विश्वस्त सलाहकार बन गए। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनकी अद्भुत प्रतिभा भारत व विश्व भर में सराही जाती है। अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पत्रकार हैमिश मैक्डोनल्ड ने कहा है, ‘गुरुमूर्ति की अनुसंधान व छानबीन करने की शैली तथा उनकी लेखनी विश्व भर की खोजी पत्रकारिता के सबसे सशक्त उदाहरणों में से एक है।’ भारत के सम्मुख खड़ी विभिन्न चुनौतियों और संकटों पर गुरुमूर्ति निरंतर विख्यात व्यावसायिक पत्रिकाओं ‘हिंदू बिजनेसलाइन’ तथा ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ में निरंतर लेख लिखते रहे हैं। बहुआयामी व्यक्तित्व और बहुमुखी प्रतिभा के धनी गुरुमूर्ति भूमंडलीकरण के दौर में भारत में स्वदेशी की अवधारणा को बल देने और भारत के आर्थिक मुद्दों पर गंभीर बहस करने में अग्रणी संस्था स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक हैं।