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भारत में जिन दिनों बाल-साहित्य प्रारंभ हुआ था, उन्हीं दिनों बेनीपुरीजी ने इस विधा को चुना था और बच्चों के लिए लिखना शुरू कर दिया। बेनीपुरी हिंदी बाल-साहित्य के एकमात्र ऐसे लेखक हैं, जिन्होंने योजनाबद्ध तरीके से बड़े पैमाने पर बाल-साहित्य लिखा है। उन्होंने बाल-कथाएँ लिखीं, महापुरुषों की जीवनियाँ तैयार कीं और बच्चों को प्रेरित करनेवाली साहस-कथाएँ भी लिखीं। ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र की नई-से-नई जानकारी का परिचय दिया। संभवत: रवींद्रनाथ ठाकुर को छोड़कर किसी भी दूसरे भारतीय लेखक के बाल-साहित्य में बेनीपुरी जितनी विविधता नहीं है। उन्होंने 1926 में सर्वप्रथम हिंदी में बच्चों की पत्रिका 'बालक’ का प्रकाशन और संपादन भी शुरू किया था।
इस संकलन में 'लंगट सिंह’ (प्रथम प्रकाशित 1926), 'फूलों का गुच्छा’ (प्रथम प्रकाशित 1938), 'अमृत की वर्षा’ (प्रथम प्रकाशित 1952), 'रंग-बिरंग’ (प्रथम प्रकाशित 1942), 'पद-चिह्न’ (प्रथम प्रकाशित 1938 के साथ 'इनके चरण-चिह्नों पर’ (प्रथम प्रकाशित 1949) सम्मिलित हैं।
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अनुक्रमणिका
अपनी बात —Pgs 7
लंगट सिंह
दो शब्द —Pgs 15
फूलों का गुच्छा
1. अभागा —Pgs 47
2. रानी की चोरी —Pgs 61
3. टिलटिल की शादी —Pgs 65
4. गरीब की लड़की —Pgs 74
5. सच्चा राजकुमार —Pgs 78
6. मिस्र की शहजादी —Pgs 87
7. अलबेले बहादुर —Pgs 93
8. सच्ची दोस्ती —Pgs 99
9. नटखट लड़का —Pgs 104
अमृत की वर्षा
10. अमृत की वर्षा —Pgs 113
11. दिनों की कहानी —Pgs 117
रंग-बिरंग
12. स्कूलों की दुनिया —Pgs 123
13. नाव पर —Pgs 127
14. फेरीवाला —Pgs 131
15. मछली का शिकार —Pgs 134
16. टोपियाँ —Pgs 138
17. शिकार और शिकारी —Pgs 142
18. अमन के रक्षक —Pgs 145
19. नाचो हे नाचो नटवर! —Pgs 149
20. गाना-बजाना —Pgs 152
21. खेलकूद की दुनिया —Pgs 155
22. चल बे घोड़े, चल रे चल! —Pgs 159
23. कंजड़ —Pgs 162
पद-चिह्न
24. भारत की खोज में —Pgs 167
25. शारदा के सपूत —Pgs 173
26. देश के नाम पर —Pgs 182
27. जीवन-त्राता —Pgs 189
28. मानव-कल्याण की ओर —Pgs 194
इनके चरण-चिह्नों पर
29. अलबेले साझीदार —Pgs 201
30. आँचल में बारूद —Pgs 203
31. बहादुर किसान —Pgs 205
32. पृथ्वी के धधकते हुए गर्भ से —Pgs 207
33. हाथ या मोमबत्ती —Pgs 210
34. लेखक की पत्नी —Pgs 212
35. झंडा-चोर —Pgs 214
36. तेजस्वी कलाकार —Pgs 217
37. बाप-बेटा —Pgs 219
38. टे्रन उलटने से बची —Pgs 221
39. कलम का धनी —Pgs 223
40. नरक-कुंड से —Pgs 225
41. मौत को हाथ में लेकर —Pgs 227
42. वह छोटी सी बच्ची! —Pgs 229
43. विज्ञान के शहीद —Pgs 232
44. सच्ची दोस्ती —Pgs 235
45. अंतिम शहीद —Pgs 237
46. लहरों पर घुड़दौड़ —Pgs 239
47. वचन की रक्षा के लिए —Pgs 241
48. शीतल जल की तीन प्यालियाँ! —Pgs 243
49. धन्य बेटी! —Pgs 246
50. चिड़ीमार की चुप्पी —Pgs 248
51. सच्चा साधु —Pgs 250
52. भेडि़यों से भिड़ंत —Pgs 252
53. नाविक! नाविक! —Pgs 255
54. परोपकारी लड़की —Pgs 257
55. तैराक लड़के —Pgs 259
56. बलिदान की चरम सीमा —Pgs 262
"जन्म : 23 दिसंबर, 1899 को बेनीपुर, मुजफ्फरपुर (बिहार) में।
शिक्षा : साहित्य सम्मेलन से विशारद।
स्वाधीनता सेनानी के रूप में लगभग नौ साल जेल में रहे। कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापकों में से एक। 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से विधायक चुने गए।
संपादित पत्र : तरुण भारत, किसान मित्र, गोलमाल, बालक, युवक, कैदी, लोक-संग्रह, कर्मवीर, योगी, जनता, तूफान, हिमालय, जनवाणी, चुन्नू-मुन्नू तथा नई धारा।
कृतियाँ : चिता के फूल (कहानी संग्रह); लाल तारा, माटी की मूरतें, गेहूँ और गुलाब (शब्दचित्र-संग्रह); पतितों के देश में, कैदी की पत्नी (उपन्यास); सतरंगा इंद्रधनुष (ललित-निबंध); गांधीनामा (स्मृतिचित्र); नया आदमी (कविताएँ); अंबपाली, सीता की माँ, संघमित्रा, अमर ज्योति, तथागत, सिंहल विजय, शकुंतला, रामराज्य, नेत्रदान, गाँव का देवता, नया समाज और विजेता (नाटक); हवा पर, नई नारी, वंदे वाणी विनायकौ, अत्र-तत्र (निबंध); मुझे याद है, जंजीरें और दीवारें, कुछ मैं कुछ वे (आत्मकथात्मक संस्मरण); पैरों में पंख बाँधकर, उड़ते चलो उड़ते चलो (यात्रा साहित्य); शिवाजी, विद्यापति, लंगट सिंह, गुरु गोविंद सिंह, रोजा लग्जेम्बर्ग, जय प्रकाश, कार्ल मार्क्स (जीवनी); लाल चीन, लाल रूस, रूसी क्रांति (राजनीति); इसके अलावा बाल साहित्य की दर्जनों पुस्तकें तथा विद्यापति पदावली और बिहारी सतसई की टीका।
स्मृतिशेष : 7 सितंबर, 1968।