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SAMPOORNA BAL SAHITYA (VOL. 2)

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Author Shriramvriksha Benipuri
Features
  • ISBN : 9789350481028
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 2012
  • ...more

More Information

  • Shriramvriksha Benipuri
  • 9789350481028
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2012
  • 2018
  • 304
  • Soft Cover
  • 450 Grams

Description

भारत में जिन दिनों बाल-साहित्य प्रारंभ हुआ था, उन्हीं दिनों बेनीपुरीजी ने इस विधा को चुना था और बच्चों के लिए लिखना शुरू कर दिया। बेनीपुरी हिंदी बाल-साहित्य के एकमात्र ऐसे लेखक हैं, जिन्होंने योजनाबद्ध तरीके से बड़े पैमाने पर बाल-साहित्य लिखा है।
उन्होंने बाल-कथाएँ लिखीं, महापुरुषों की जीवनियाँ तैयार कीं और बच्चों को प्रेरित करनेवाली साहस-कथाएँ भी लिखीं। ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र की नई से नई जानकारी का परिचय दिया। संभवत: रवींद्रनाथ ठाकुर को छोड़कर किसी भी दूसरे भारतीय लेखक के बाल-साहित्य में बेनीपुरी जितनी विविधता नहीं है। उन्होंने 1926 में सर्वप्रथम हिंदी में बच्चों की पत्रिका 'बालक’ का प्रकाशन और संपादन भी शुरू किया था।
इस संकलन में 'अमर कथाएँ—लावजे से लेनिन तक’ (प्रथम प्रकाशित 1949), 'हम इनकी संतान हैं’ (प्रथम प्रकाशित 1948), 'संसार की मनोरम कहानियाँ’ (प्रथम प्रकाशित 1950), 'सियार पाँड़े’ (प्रथम प्रकाशित 1925), 'अनोखा संसार’ (प्रथम प्रकाशित 1942), 'गुरु गोविंद सिंह’ (प्रथम प्रकाशित 1926), 'हीरामन तोता’ (प्रथम प्रकाशित 1927) तथा 'बेटियाँ हों तो ऐसी’ (प्रथम प्रकाशित 1948) सम्मिलित हैं।

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अनुक्रमणिका

अपनी बात —Pgs 7

अमर कथाएं

1. हम बच्चे की तरह रहें! —Pgs 15

2. जो पढ़ो, सो करो! —Pgs 17

3. जहर का प्याला —Pgs 20

4. जो हँसते हुए जन्मा! —Pgs 22

5. नूर का नूर —Pgs 24

6. काँटों का ताज —Pgs 26

7. खतरे का बड़ा भाई! —Pgs 28

8. मिस्र की शहजादी —Pgs 30

9. भगवान् एक हैं! —Pgs 33

10. खलीफा या फकीर! —Pgs 35

11. रोम या मृत्यु —Pgs 37

12. लाश को फाँसी —Pgs 39

13. आँधी बोई, तूफान काटा —Pgs 41

14. वह विचित्र राजा —Pgs 43

15. जो जिंदा जलाई गई —Pgs 45

16. देश की आजादी के लिए —Pgs 47

17. आदमी या हौआ —Pgs 49

18. मजदूर राष्ट्रपति —Pgs 51

19. टर्की का पिता —Pgs 54

20. नए चीन का विधाता —Pgs 56

21. मानवता की मुक्ति के लिए —Pgs 58

हम इनकी संतान हैं

22. नर्तकी का रक्तदान —Pgs 63

23. द्वितीय भीष्म (स्कंदगुप्त) —Pgs 65

24. बच्चे की तड़पती लाश! —Pgs 68

25. सिर दिया, सार न दिया —Pgs 71

26. गढ़ आया, पर सिंह गया —Pgs 74

27. बेटों के सिर बाप को नजराना! —Pgs 77

28. तिल-तिल कर जान दे दी —Pgs 80

29. हे राम! —Pgs 83

30. हड्डी तक दे दी! —Pgs 86

31. मांस के बदले मांस —Pgs 88

32. पहला सत्याग्रही —Pgs 91

33. राजा से श्वपच —Pgs 94

34. शरीर नाप दिया —Pgs 97

35. प्राणों का दानी —Pgs 99

36. सौ बेटों का बलिदान —Pgs 101

37. अँगूठा दे दिया! —Pgs 104

संसार की मनोरम कहानियाँ

38. पृथ्वी पर गंगा —Pgs 109

39. स्वप्न-वासवदत्ता —Pgs 112

40. कुमुद-कुमारी —Pgs 119

41. उड़न-बछेड़ा —Pgs 123

42. पंडुक का जोड़ा —Pgs 129

43. चोंच-कटा गौरैया —Pgs 136

सियार पांडेय

44. सियार पांडे —Pgs 141

अनोखा संसार

45. खेल-कूद का संसार —Pgs 165

46. बाजों का संसार —Pgs 169

47. नाच का संसार —Pgs 172

48. टोपियों का संसार —Pgs 175

49. सवारियों का संसार —Pgs 179

50. कंजड़ों का संसार —Pgs 182

51. पाठशालाओं का संसार —Pgs 185

52. नावों का संसार —Pgs 188

53. फेरीवालों का संसार —Pgs 191

54. जाल और बंसी का संसार —Pgs 194

55. शिकारियों का संसार —Pgs 198

56. पुलिस का संसार —Pgs 201

गुरु गोविन्द सिंह

57. गुरु गोविंद सिंह —Pgs 207

हीरा मन तोता

58. हीरामन तोता —Pgs 237

59. चार लाल-बुझक्कड़ —Pgs 242

बेटियाँ हो तो ऐसी

60. लटें दे दीं —Pgs 247

61. पिता की मुक्ति के लिए —Pgs 249

साहस के पुतले

62. एवरेस्ट की चोटी पर —Pgs 253

63. दक्षिणी ध्रुव का अन्वेषक —Pgs 259

64. अफ्रीका के अंतः प्रदेश में —Pgs 266

65. नई दुनिया की ओर —Pgs 272

66. संसार की परिक्रमा —Pgs 279

67. अन्वेषण की बलिवेदी पर —Pgs 286

68. उपनिवेश की स्थापना —Pgs 292

69. उत्तरी धु्रव तक —Pgs 297

The Author

Shriramvriksha Benipuri

"जन्म : 23 दिसंबर, 1899 को बेनीपुर, मुजफ्फरपुर (बिहार) में।
शिक्षा : साहित्य सम्मेलन से विशारद।
स्वाधीनता सेनानी के रूप में लगभग नौ साल जेल में रहे। कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापकों में से एक। 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से विधायक चुने गए।
संपादित पत्र : तरुण भारत, किसान मित्र, गोलमाल, बालक, युवक, कैदी, लोक-संग्रह, कर्मवीर, योगी, जनता, तूफान, हिमालय, जनवाणी, चुन्नू-मुन्नू तथा नई धारा।
कृतियाँ : चिता के फूल (कहानी संग्रह); लाल तारा, माटी की मूरतें, गेहूँ और गुलाब (शब्दचित्र-संग्रह); पतितों के देश में, कैदी की पत्‍नी (उपन्यास); सतरंगा इंद्रधनुष (ललित-निबंध); गांधीनामा (स्मृतिचित्र); नया आदमी (कविताएँ); अंबपाली, सीता की माँ, संघमित्रा, अमर ज्योति, तथागत, सिंहल विजय, शकुंतला, रामराज्य, नेत्रदान, गाँव का देवता, नया समाज और विजेता (नाटक); हवा पर, नई नारी, वंदे वाणी विनायकौ, अत्र-तत्र (निबंध); मुझे याद है, जंजीरें और दीवारें, कुछ मैं कुछ वे (आत्मकथात्मक संस्मरण); पैरों में पंख बाँधकर, उड़ते चलो उड़ते चलो (यात्रा साहित्य); शिवाजी, विद्यापति, लंगट सिंह, गुरु गोविंद सिंह, रोजा लग्जेम्बर्ग, जय प्रकाश, कार्ल मार्क्स (जीवनी); लाल चीन, लाल रूस, रूसी क्रांति (राजनीति); इसके अलावा बाल साहित्य की दर्जनों पुस्तकें तथा विद्यापति पदावली और बिहारी सतसई की टीका।
स्मृतिशेष : 7 सितंबर, 1968।

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