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"भारतवर्ष की आत्मा उसकी धर्म और संस्कृति में बसती है। बिना इसके राष्ट्र-जीवन को कोई कल्पना नहीं है। राष्ट्र-जीवन का प्राण तीर्थ, पर्व, ऋतु राग, उत्सव में बसता है। तीर्थ देश का लघु रूप है तो पर्व काल का प्रवाह है। ऋतु राग है, तो उत्सव उस राग का रस है। सूर्य का आगमन भगवान् विष्णु का पहला चरण है, तो दोपहर दूसरा और सांध्यवेला तीसरा पग है।
यहाँ नदियाँ माता का आशीष हैं तो पहाड़ पिता का पुण्य है। हमारे पूर्वजों ने देश की दुर्गम और अलंघ्य पर्वत-श्रृंखलाओं में तीर्थयात्राओं के लिए कई स्थलों को जाग्रत् एवं तपस्थल का रूप दिया। भगवान् राम राज्याभिषेक के पूर्व तीर्थाटन करते हैं तो पांडव भी तीर्थयात्रा करते हैं। जीवन में सनातन की खोज ही भारतीय का लक्ष्य रहा और सनातन के तत्त्वों को तीर्थ, पर्व, उत्सव, और यात्राओं ने प्रगाढ़ किया है।
सनातन संस्कृति और परंपराओं का दिग्दर्शन करवाती ज्ञानवर्धक पठनीय पुस्तक ।"
डॉ. मयंकमुरारी
शिक्षा : एम.ए. इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, पीजी इन मैनेजमेंट, पीजी इन रूरल डेवलपमेंट, डिग्री इन जर्नलिज्म, पी-एच.डी.।
प्रकाशित पुस्तकें : ‘मानववाद एवं राजव्यवस्था’, ‘भारत : एक सनातन राष्ट्र’, ‘राजनीति एवं प्रशासन’, ‘माई, एक जीवनी’ एवं ‘जहाँ है अच्छाई’।
रिप्रोडक्शन एंड चाइल्ड हेल्थ इन रूरल एरिया इन झारखंड पर रिसर्च पेपर, झारखंड में स्वास्थ्य की समस्याओं पर पेपर, उद्योग एवं विकास से संबंधित सैकड़ों रचनाएँ प्रकाशित, भारतीय दर्शन, स्वतंत्रता, सिंधु सभ्यता व आर्य सभ्यता, अंतरराष्ट्रीय विषयों पर दर्जनों शोधपरक लेख प्रकाशित।
जुड़ाव : दैनिक हिंदुस्तान, प्रभात खबर, एस्सार ग्रुप, रिलायंस ग्रुप में कार्यरत।
अंतरराष्ट्रीय संस्था केयर झारखंड के पूर्व सलाहकार। सलाहकार समिति अनुसंधानिका रिसर्च जर्नल के अवैतनिक सदस्य।
संप्रति : उप महाप्रबंधक—जनसंपर्क, उषा मार्टिन, राँची (झारखंड)।
स्थायी पता : तेलपा निवास, नजदीक एच/116 एजी क्वार्टर, हिनू कॉलोनी, राँची-834002 (झारखंड)।
दूरभाष : 09934320630
इ-मेल : murari.mayank@gmail.com