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Sanjay-Dhritrashtra Samvad   

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Author Pramod Kumar Agrawal
Features
  • ISBN : 9789384344658
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Pramod Kumar Agrawal
  • 9789384344658
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2017
  • 120
  • Hard Cover

Description

भगवद्गीता मानव जाति की धरोहर है, जीवन के सद्निर्माण की पथ-प्रदर्शिका है। श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया गीता का उपाख्यान संजय ने धृतराष्ट्र को सुनाया। उसे सुनकर धृतराष्ट्र ने जगह-जगह पर संशय व्यक्त किए, जिनका समाधान संजय ने अपनी बुद्धि के अनुसार किया, पर धृतराष्ट्र मोह, लोभ एवं अहं से संतृप्त होने के कारण संजय के कथन को पूर्णरूप से ग्रहण नहीं कर सके।
धृतराष्ट्र के समय के परिवेश तथा वर्तमान परिवेश में कई समानताएँ हैं। आजकल के मनुष्य के मन एवं बुद्धि में गीता पढ़ते समय उसी प्रकार के प्रश्न उठते हैं। इस कृति के माध्यम से मनुष्य के उन सभी संभावित प्रश्नों, संशयों को गीता के सूत्रों की पृष्ठभूमि में स्पष्ट किया गया है।
आशा है, यह कृति इस सरलीकृत रूप में गीता के मूल सिद्धांतों को हृदयंगम करने में सहायक होगी।

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अनुक्रम

पुरोवाक् — 7

प्रथम सर्ग

अर्जुन का विषाद — 19

द्वितीय सर्ग

कर्मयोग — 29

तृतीय सर्ग — ज्ञानयोग — 49

चतुर्थ सर्ग

विश्वरूप दर्शन — 60

पंचम सर्ग

भतियोग — 75

षष्ठ सर्ग

दैवी और आसुरी वृत्ति — 98

सप्तम सर्ग

सार संदेश — 104

The Author

Pramod Kumar Agrawal

भारतीय प्रशासनिक सेवा से अवकाश ग्रहण करने के पश्‍चात साहित्य-रचना के माध्यम से समाज के उत्थान के कार्य हेतु समर्पित। हिंदी व अंग्रेजी में लगभग 50 पुस्तकें प्रकाशित, जिनमें उनके तीन खंडों में प्रकाशित एक दर्जन उपन्यास भी सम्मिलित। भूमि-सुधारों पर अंतरराष्‍ट्रीय ख्याति के विचारक।
कर्मयोग पर ‘भगवद‍्गीता : नाट्य रूप’ शीर्षक से गीता पर उनका भाष्य, राजधर्म को केंद्रबिंदु बनाकर उनके द्वारा लिखित ‘चित्रकूट में राम-भरत मिलाप’, भारतीयता की परिचायक कृति ‘भारतीय सोच’ तथा तुलसीकृत ‘रामचरितमानस’ को यथार्थ व नाट्य रूप में प्रस्तुत करनेवाली कृति ‘रामचरितमानस : नाट्य रूप’ भारतीय संस्कृति के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण पड़ाव हैं।
संप्रति भारत के अग्रणी विधि प्रतिष्‍ठान ‘खेतान एंड कंपनी’, नई दिल्ली में प्रमुख सलाहकार।
स्थायी संपर्क सूत्र : 105, चौक बाजार, बरुआ सागर, झाँसी-284201 (उ.प्र)
इ-मेल pk_usha@rediffmail.com

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