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लोकप्रिय राजनेता हुक्मदेव नारायण यादव के सोलहवीं लोकसभा में दिए गए भाषण ‘संसद् में आमजन की बात’ इस पुस्तक रूप में प्रकाशित हुए हैं। इससे पहले 15वीं लोकसभा के भाषणों का संसद् में गाँव गरीब की किसान की बात के रूप में प्रकाशन हुआ था।
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद तथा एकात्म मानवदर्शन के साथ-साथ समाजवाद का समन्वय उनके जीवन का आदर्श रहा। आध्यात्मिकता के बिना दृष्टि और दिशा नहीं बन सकती है। समय आ गया है एकात्म मानववाद के आध्यात्मिक दर्शन और समाजवाद के सांस्कृतिक एवं राष्ट्रवादी चिंतन का समन्वय किया जाए। श्री नरेंद्र मोदी सत्ता, शासन और राष्ट्र को सम्यक् भाव से एकरूप कराने में लगे हुए हैं। निर्धन, निर्बल, उपेक्षित, उपहासित, पीडि़त, प्रताडि़त और वंचित समाज को समतामूलक, समाज के आधार पर संपन्न, समृद्ध और सबल बनाने के लिए समय सीमाबद्ध कार्यक्रम को सही दिशा दे रहे हैं।
करोड़ों का सपना साकार होते दिख रहा है। ऐसी स्थिति में इस पुस्तक का महत्त्वपूर्ण योगदान रहेगा। यह आमजन की बात है। इसमें भावना का महत्त्वपूर्ण स्थान है। भाषा भी आमजन की है।
आशा है, राजनीति में दिलचस्पी रखनेवाले तथा राजनीति को गहराई से समझने की चाह रखनेवाले पाठकों को यह अवश्य पसंद आएगी।
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अनुक्रम
संदेश —Pgs.5
अपनी बात —Pgs.7
1. मेरे चुनाव लड़ने का कारण क्या है? घोषणा और वक्तव्य —Pgs.13
2. एक लाख 25 हजार से ज्यादा फर्जी कंपनियों के विरुद्ध जाँच की जा रही है —Pgs.17
3. ‘रोटी, कपड़ा और मकान, माँग रहा है हिंदुस्तान’ —Pgs.19
4. राहुल गांधी के नाम खुला पत्र —Pgs.21
5. मोदी के खिलाफ भ्रम फैलाने का काम जारी —Pgs.24
6. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना : कुछ सुझाव —Pgs.27
7. गुजरात का पिछड़ा वर्ग आत्मचिंतन करें —Pgs.30
8. आर्थिक व सामाजिक क्रांति के वाहक हैं नरेंद्र मोदी —Pgs.32
9. सोनिया गांधी के नाम खुला पत्र —Pgs.34
10. विशेषाधिकार बनाम विशेष अवसर —Pgs.37
11. पिछड़ा वर्ग विरोधी है कांग्रेस —Pgs.40
12. जाति प्रथा के कठघरे में कैद है भारतीय समाज —Pgs.42
13. जाति के नाम पर संगठन बनाए जाते हैं —Pgs.46
14. क्या पिछड़ों की सुध ली जाएगी? —Pgs.50
15. लोकसभा में हर-हर हुक्मदेव —Pgs.53
16. नियम 193 पर बहस : देश में अत्याचार और भीड़ द्वारा हिंसा —Pgs.55
17. लोकसभा चौदह बजकर सत्रह मिनट पर पुनः समवेत हुई —Pgs.65
18. सामाजिक समरसता हो —Pgs.71
19. अन्य पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय आयोग को संवैधानिक दर्जा देनेवाले विधेयक पर भाषण —Pgs.77
20. सामान्य बजट पर चर्चा —Pgs.83
21. महँगाई पर चर्चा —Pgs.98
22. शून्यकाल में चर्चा —Pgs.108
23. शून्यकाल में चर्चा —Pgs.109
24. सामान्य चर्चा —Pgs.110
25. निजी विधेयक पर चर्चा —Pgs.118
26. बाढ़-सुखाड़ पर बहस —Pgs.123
27. न्यायाधीशों के वेतन-भत्ते से संबंधित विधेयक पर चर्चा —Pgs.129
28. गैर-सरकारी संकल्प —Pgs.131
29. गैर-सरकारी संकल्प पर चर्चा —Pgs.133
30. सामान्य बजट पर चर्चा —Pgs.137
31. शून्यकाल —Pgs.147
32. गैर-सरकारी विधेयक पर चर्चा —Pgs.149
33. गैर-सरकारी संकल्प पर चर्चा —Pgs.156
34. शून्यकाल —Pgs.158
35. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा —Pgs.159
36. मनरेगा पर बहस (नियम 193) —Pgs.162
37. प्रश्नकाल —Pgs.170
38. नियम 193 पर चर्चा —Pgs.171
39. शून्यकाल —Pgs.177
40. गैर-सरकारी संकल्प —Pgs.179
41. बाढ़-सुखाड़ पर चर्चा —Pgs.183
42. बजट पर सामान्य चर्चा —Pgs.186
43. शून्यकाल —Pgs.192
44. प्रश्नकाल —Pgs.193
45. शून्यकाल —Pgs.194
46. आर्थिक आरक्षण के फायदे —Pgs.195
शिक्षा : स्नातक (अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र)।
कृतित्व : तीन बार बिहार विधानसभा के सदस्य, जे.पी. के बिहार आंदोलन में 1974 में विधानसभा से त्याग-पत्र, आपातकाल में बिहार के चार जेल के सेल में बंदी, 1977 में मधुबनी से लोकसभा सदस्य बने, 1980 से 1986 तक राज्यसभा सांसद, 1990-91 में लोकसभा में उप नेता जनता दल, दो विभागों के कैबिनेट मंत्री; 1993 में भाजपा में शामिल। 1999 में वाजपेयीजी की सरकार में राज्यमंत्री बने। 2009 और 2014 में लोकसभा सदस्य रहे। हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार एवं उत्थान में निरंतर क्रियाशील रहे।
पता : गाँव-बिजुली, पत्रालय-बिजुली, जिला-दरभंगा (बिहार)