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समाज में व्यभिचार, हिंसा, ईर्ष्या बढ़ती ही जा रही है। ऐसा नहीं है कि मनुष्यों के अंदर पलनेवाले इन दुर्भावों को नहीं रोका जा सकता, अवश्य रोका जा सकता है, लेकिन इसके लिए आवश्यकता है ऐसी कथाओं की, जो व्यक्तियों को कम समय में एक बड़ी शिक्षा दें और उन्हें भँवर से बाहर निकालें।
संत हमारे जीवन के मार्गदर्शक होते हैं, वे हमें सही राह दिखाते हैं। इस पुस्तक में अनेक संतों की ऐसी कथाएँ हैं, जो व्यक्ति को न सिर्फ प्रभावित करेंगी, बल्कि उसके कदम गलत मार्ग पर पड़ने से भी बचाएँगी। कई व्यक्तियों के पास इतना समय नहीं होता कि वे पुस्तकों के बड़े अध्याय या कहानियों को पढ़ पाएँ, इसलिए इस पुस्तक में सरल भाषा में हर कहानी को केवल एक पृष्ठ तक ही समेटने का प्रयास किया गया है। जीवन में सद्गुणों का विकास करने का मार्ग दिखाती संत कथाएँ।
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अनुक्रम | |
प्राक्कथन —Pgs. 5 | 76. भोजन की चिंता —Pgs. 96 |
1. मृदु शस्त्र —Pgs. 11 | 77. आज और अभी —Pgs. 97 |
2. त्याग की सीख —Pgs. 12 | 78. राज सुख से बड़ा सुख —Pgs. 99 |
3. अति आत्मविश्वास से बचो —Pgs. 13 | 79. नियमित दिनचर्या —Pgs. 100 |
4. असली ज्ञानी —Pgs. 15 | 80. गुरुकुल का उत्तराधिकारी —Pgs. 101 |
5. बच्चों सी ऊर्जा —Pgs. 16 | 81. नैतिकता का मूल्य —Pgs. 103 |
6. मौन की शक्ति —Pgs. 17 | 82. शिष्य का अभिमान —Pgs. 104 |
7. मेरी पहचान —Pgs. 18 | 83. मन का अहंकार —Pgs. 105 |
8. लोभ की गंध —Pgs. 19 | 84. आकाश का चाँद —Pgs. 106 |
9. प्रसन्नता के कारण —Pgs. 20 | 85. ब्रह्मर्षि की पदवी —Pgs. 107 |
10. दूरदर्शी चाणक्य —Pgs. 21 | 86. बुद्धि का प्रयोग —Pgs. 108 |
11. दिगंबर महावीर —Pgs. 22 | 87. गुणों से महान् —Pgs. 109 |
12. मैले कपड़े की सफाई —Pgs. 23 | 88. पेड़ की पीड़ा —Pgs. 110 |
13. कुसंस्कारी शिष्य —Pgs. 24 | 89. संन्यासी और गृहस्थ —Pgs. 111 |
14. साधु कौन है —Pgs. 25 | 90. दिशा का पूजन —Pgs. 113 |
15. बुराई या भलाई —Pgs. 26 | 91. ईश्वर की उपस्थिति —Pgs. 114 |
16. असली दौलत —Pgs. 27 | 92. असली श्रावक —Pgs. 115 |
17. आत्मविश्वास का सुख —Pgs. 28 | 93. तीन कठिन काम —Pgs. 116 |
18. ईर्ष्या की सड़न —Pgs. 29 | 94. महान् व्यक्ति —Pgs. 117 |
19. मन के काँटे —Pgs. 30 | 95. संकल्प और समर्पण —Pgs. 118 |
20. बालक की चंचलता —Pgs. 31 | 96. ज्ञान का मार्ग —Pgs. 119 |
21. भाग्य का निर्माता —Pgs. 33 | 97. अमरत्व का फल —Pgs. 120 |
22. ज्ञान का अभिमान —Pgs. 34 | 98. पवित्र विचार —Pgs. 121 |
23. जिह्वा और चंचल मन —Pgs. 35 | 99. आत्मसंयम की परीक्षा —Pgs. 122 |
24. सूफी संत का जवाब —Pgs. 36 | 100. प्रभु का संरक्षण —Pgs. 123 |
25. कर्म के अनुरूप फल —Pgs. 37 | 101. तीन बातें —Pgs. 125 |
26. पहले सुयोग्य बनो —Pgs. 38 | 102. जीने के अंदाज —Pgs. 126 |
27. अच्छाई की प्रवृत्ति —Pgs. 39 | 103. अपंग शरीर —Pgs. 128 |
28. प्रायश्चित्त क्यों करें —Pgs. 40 | 104. अहंकार का अंत —Pgs. 130 |
29. अवतारी और अज्ञानी —Pgs. 41 | 105. विश्वास की महिमा —Pgs. 131 |
30. सामयिक फल —Pgs. 42 | 106. राजा के कर्तव्य —Pgs. 133 |
31. छोटे का सुख —Pgs. 43 | 107. ‘मैं’ से मुक्ति —Pgs. 135 |
32. चार मठ की स्थापना —Pgs. 44 | 108. सभी धर्म एक समान —Pgs. 136 |
33. नया रोजगार —Pgs. 45 | 109. भविष्य की चिंता —Pgs. 137 |
34. गलत चाल —Pgs. 46 | 110. अमीरी और गरीबी —Pgs. 138 |
35. मोह बंधन —Pgs. 47 | 111. नदी से सीख —Pgs. 139 |
36. सर्वोत्तम सौंदर्य —Pgs. 48 | 112. सद्गुणों की महत्ता —Pgs. 140 |
37. सेवा और कार्य का अंतर —Pgs. 49 | 113. विपत्ति के साथी —Pgs. 141 |
38. ईश्वर की उपासना —Pgs. 50 | 114. नेक कर्म —Pgs. 142 |
39. देवतुल्य प्रकृति —Pgs. 51 | 115. श्रम की सुगंध —Pgs. 143 |
40. अनाथ को जीवनदान —Pgs. 52 | 116. सज्जनों की संगति —Pgs. 144 |
41. दुर्व्यसनों से मुक्ति —Pgs. 53 | 117. मूर्ख गुरु —Pgs. 145 |
42. बीमारी से घृणा —Pgs. 54 | 118. कान का पक्का —Pgs. 146 |
43. लोभ का त्याग —Pgs. 55 | 119. चिंता और रोग —Pgs. 147 |
44. जीवन का रहस्य —Pgs. 56 | 120. एकाग्रता से चिंतन —Pgs. 148 |
45. महान् कला —Pgs. 58 | 121. व्यक्ति की विशेषताएँ —Pgs. 149 |
46. सबसे उत्तम प्राणी —Pgs. 59 | 122. कर्म पूजा है —Pgs. 151 |
47. सुंदरता का अभिमान —Pgs. 60 | 123. प्रेम का मूल्य —Pgs. 152 |
48. पितरों की तृप्ति —Pgs. 61 | 124. पंछियों सा जीवन —Pgs. 153 |
49. सेवा-भाव —Pgs. 63 | 125. शांत स्वभाव —Pgs. 155 |
50. भेंट का मूल्य —Pgs. 64 | 126. चंचल मन की इच्छा —Pgs. 156 |
51. दान का अर्थ —Pgs. 65 | 127. गुरु का सम्मान —Pgs. 157 |
52. कीमती पत्थर —Pgs. 66 | 128. अद्भुत गुरुदक्षिणा —Pgs. 158 |
53. आत्मसंतोष की भावना —Pgs. 67 | 129. जीने का मार्ग —Pgs. 159 |
54. दान की महिमा —Pgs. 68 | 130. आलस्य और जागरूकता —Pgs. 160 |
55. विनम्र व्यवहार —Pgs. 69 | 131. क्रोध से नुकसान —Pgs. 161 |
56. डाकू का हृदय परिवर्तन —Pgs. 70 | 132. नियम और अनुशासन —Pgs. 162 |
57. भाग्य और पुरुषार्थ —Pgs. 71 | 133. स्वभाव से संन्यासी —Pgs. 163 |
58. सबसे तेज विष —Pgs. 73 | 134. सच्चा सुख —Pgs. 164 |
59. कुदरत का सच —Pgs. 74 | 135. मन की जीत —Pgs. 165 |
60. हीरे का मुकुट —Pgs. 75 | 136. सुख का अंत —Pgs. 166 |
61. ज्ञानी और सदाचारी —Pgs. 76 | 137. विनय का घड़ा —Pgs. 167 |
62. परोपकार का फल —Pgs. 77 | 138. कठिन काम —Pgs. 168 |
63. स्नेह की भावना —Pgs. 78 | 139. मन पर संयम —Pgs. 169 |
64. मार्ग का पत्थर —Pgs. 80 | 140. लोभहीन सेवा —Pgs. 170 |
65. अहंकार —Pgs. 81 | 141. तपस्या और जनसेवा —Pgs. 171 |
66. सत्संग का प्रभाव —Pgs. 82 | 142. दीर्घायु का राज —Pgs. 172 |
67. सुखी व्यक्ति —Pgs. 84 | 143. संत का त्याग —Pgs. 173 |
68. बड़प्पन —Pgs. 86 | 144. राज की बात —Pgs. 174 |
69. दूषित विचार —Pgs. 87 | 145. प्रार्थना —Pgs. 175 |
70. अंधविश्वास का अंत —Pgs. 89 | 146. सुख की तलाश —Pgs. 176 |
71. व्यर्थ वस्तु —Pgs. 90 | 147. ईश्वर की खोज —Pgs. 177 |
72. सच्चे ज्ञान की खोज —Pgs. 92 | 148. ज्ञान सबको बाँटो —Pgs. 178 |
73. अकाल में सेवा —Pgs. 93 | 149. जीवन के सुख —Pgs. 179 |
74. आराधना का समय —Pgs. 94 | 150. बुद्धि का प्रयोग —Pgs. 181 |
75. सच्चा संत —Pgs. 95 | 151. धर्म का अर्थ —Pgs. 182 |
रेनू सैनी
जन्म : 1 अप्रैल।
शिक्षा : एम.फिल. (हिंदी)।
प्रकाशन : ‘दिशा देती कथाएँ’, ‘बचपन का सफर’, ‘बचपन मुसकाया जब इन्हें सुनाया’, ‘महात्मा गांधी की प्रेरक गाथाएँ’, ‘कलाम को सलाम’, ‘संत कथाएँ मार्ग दिखाएँ’, ‘सक्सेस गीता : सफल जीवन के 125 मंत्र’, ‘डायमंड लाइफ’, ‘जीवन धारा’, ‘मोदी सक्सेस गाथा’, ‘दीनदयाल उपाध्याय की प्रेरककहानियाँ’, ‘मिशन Impossible’, ‘दिल्ली चलो’, ‘लौहपुरुष सरदार पटेल के प्रेरकप्रसंग’ एवं ‘शास्त्रीजी के प्रेरकप्रसंग ’।
सम्मान : दिल्ली सरकार की हिंदी अकादमी द्वारा चार बार नवोदित लेखन एवं आठ बार आशुलेखन में पुरस्कृत; ‘बचपन का सफर’ पुस्तक को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा बाल साहित्य वर्ग के अंतर्गत ‘भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पाँचवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक ‘वितान’ के अंतर्गत कहानी ‘अद्भुत प्रतिभा’ एवं पाठ्यपुस्तक ‘बातों की फुलवारी’ के अंतर्गत ‘आखरदीप’ कहानी का प्रकाशन। राष्ट्रीय स्तर की अनेक पत्र-पत्रिकाओं एवं आकाशवाणी से रचनाओं का प्रकाशन व प्रसारण। अनेक साहित्यिक कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन।
संप्रति : सरकारी सेवा में कार्यरत।
संपर्क : saini.renu830@gmail.com