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Santon Ke Prerak Prasang   

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Author Surendra Singh Negi
Features
  • ISBN : 9788189573744
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Surendra Singh Negi
  • 9788189573744
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2016
  • 144
  • Hard Cover

Description

हमारा देश संत-महात्माओं एवं ऋषि-मुनियों का देश है। उनकी सांसारिक पदार्थों में आसक्ति नहीं होती। वे सिर्फ जीने भर के लिए जरूरी चीजों का सीमित मात्रा में उपभोग करते हैं। क्रोध, मान, माया और लोभ से संत का कोई प्रयोजन नहीं है। ऐसा सात्त्विक तपस्वी जीवन सबके लिए अनुकरणीय होता है।
संत का जीवन जीना साधारण मानव के बस की बात नहीं है। संत-जीवन में बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जो लोग आदर्श गृहस्थ धर्म को निभाते हैं, वे धन्य हैं। जो लोग मेहनत से, उचित साधनों से आजीविका अर्जित करते हैं, व्यवहार-कुशल हैं, परहितकारी हैं, खुद जीते हैं और दूसरों को जीने देते हैं, ऐसे मानव भी किसी संत से कम नहीं हैं।
प्रस्तुत पुस्तक का प्रत्येक दृष्टांत जीवन के बारे में स्पष्ट दृष्टि देता हुआ अमूल्य संदेश देता है। इस आपाधापी भरे युग में जो व्यक्ति सत्संगों का लाभ नहीं उठा पाते, उन्हें इस पुस्तक के द्वारा बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
संतों के प्रेरणाप्रद जीवन का सार यदि हम जीवन में उतारें तो सुख-संतोष से परिपूर्ण होगा हमारा जीवन।

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अनुक्रम  
दो शब्द —Pgs. 5 97. जाति का भेदभाव —Pgs. 78
1. संत की महानता —Pgs. 13 98. कागज की पुडि़या —Pgs. 79
2. राजा का अभिमान —Pgs. 14 99. भय का त्याग —Pgs. 79
3. दूध में मलाई —Pgs. 14 100. सेवा ही सबसे बड़ी पूजा —Pgs. 80
4. संत की दलील —Pgs. 15 101. धर्मग्रंथ —Pgs. 81
5. अनुकूलता —Pgs. 16 102. स्वर्ग और नरक —Pgs. 81
6. मोह बड़ा दुःखरूप —Pgs. 16 103. चार रत्न —Pgs. 82
7. श्रद्धा-भावना —Pgs. 17 104. हम एक हैं —Pgs. 83
8. चंचल मन —Pgs. 18 105. सहनशीलता और धैर्य —Pgs. 84
9. दुर्व्यसनों से छुटकारा —Pgs. 18 106. हँसी का संदेश —Pgs. 85
10. संतोष —Pgs. 19 107. ऊँचा उठने की लालसा —Pgs. 85
11. ईश्वर कहाँ है? —Pgs. 19 108. अपने कर्तव्य से मत डिगो —Pgs. 86
12. संत का हीरा —Pgs. 20 109. ईश्वर की पहचान —Pgs. 87
13. सत्य के मार्ग पर चलो —Pgs. 21 110. संत की सहनशीलता —Pgs. 88
14. बुरे लोगों पर रहम —Pgs. 21 111. प्रभु-भक्ति —Pgs. 89
15. स्वर्ग की प्राप्ति —Pgs. 22 112. अपवित्र हाथ —Pgs. 89
16. मेहनत की कमाई —Pgs. 23 113. मूर्खता पर ज्ञान की वरीयता —Pgs. 90
17. प्रेम के आँसू —Pgs. 23 114. सच्ची मित्रता —Pgs. 91
18. अमीरी-गरीबी —Pgs. 24 115. संस्कारों की प्रबलता —Pgs. 91
19. ईश्वरीय प्रेम —Pgs. 25 116. स्वर्ग की प्राप्ति —Pgs. 92
20. माँ की महानता —Pgs. 25 117. संन्यासी का अहंकार —Pgs. 93
21. पद्धति और शिल्प —Pgs. 26 118. विवेक दृष्टि —Pgs. 94
22. शिक्षा और संस्कार —Pgs. 27 119. आत्मा के दर्शन —Pgs. 94
23. श्रेष्ठ कौन? —Pgs. 28 120. संत की शिक्षा —Pgs. 95
24. अक्लमंद की पहचान —Pgs. 28 121. कलश का जल —Pgs. 96
25. गृहस्थ और संन्यासी —Pgs. 29 122. व्यर्थ का अहंकार —Pgs. 96
26. संत का प्रेम —Pgs. 29 123. ध्यान और योग की शक्ति —Pgs. 97
27. चार दिन की दुनिया —Pgs. 30 124. जीवन का आदर्श —Pgs. 98
28. आध्यात्मिक कमाई —Pgs. 31 125. अपना-अपना स्वभाव —Pgs. 98
29. पहले खुद को सुधारो —Pgs. 31 126. अनमोल हीरा —Pgs. 99
30. संतों की संगति —Pgs. 32 127. राजा और रंक में भेद —Pgs. 99
31. प्रशंसा और निंदा —Pgs. 33 128. मंत्र साधना —Pgs. 101
32. खोटे सिक्के —Pgs. 33 129. वातावरण का असर —Pgs. 101
33. अतिथि सत्कार —Pgs. 34 130. सच्चा ज्ञान —Pgs. 102
34. आसान उपाय —Pgs. 35 131. धर्म का उपदेश —Pgs. 103
35. बंधन मुक्त संन्यासी —Pgs. 36 132. अज्ञान और अंधकार —Pgs. 103
36. कर्म करो, फल की चिंता मत करो —Pgs. 36 133. समस्या का समाधान —Pgs. 104
37. छिद्र वाला पात्र —Pgs. 37 134. स्वर्ण और मिट्टी —Pgs. 105
38. भगवान् पर विश्वास —Pgs. 37 135. संगति का असर —Pgs. 106
39. कड़वे की पहचान —Pgs. 38 136. पापी से नहीं, पाप से घृणा करो —Pgs. 106
40. जीवन जीने का ढंग —Pgs. 39 137. समर्पण —Pgs. 107
41. पाँच साधु —Pgs. 40 138. प्रेम के बीज —Pgs. 107
42. भगवान् की सेवा —Pgs. 41 139. भूल का एहसास —Pgs. 108
43. संत का आशीर्वाद —Pgs. 42 140. महान् व्यक्ति —Pgs. 109
44. हिम्मत न हारिए —Pgs. 43 141. गुणों को जीवन में उतारो —Pgs. 109
45. अनोखी भिक्षा —Pgs. 43 142. ज्ञान का अभिलाषी —Pgs. 110
46. शराबी से सीख —Pgs. 44 143. अपनी भूल को सुधारो —Pgs. 111
47. दुर्गुणों का त्याग करो —Pgs. 45 144. परमात्मा का साथ —Pgs. 111
48. डाकू की उदासी —Pgs. 45 145. सोना तो सोना है —Pgs. 112
49. लकड़ी की सीख —Pgs. 46 146. हिंसा का मार्ग त्यागो —Pgs. 112
50. मनःस्थिति —Pgs. 46 147. महापुरुष के लक्षण —Pgs. 113
51. असली तीर्थयात्रा —Pgs. 47 148. दूध में मिलावट —Pgs. 114
52. असीम आस्था —Pgs. 48 149. समाज में सम्मान —Pgs. 115
53. सुख का स्रोत —Pgs. 48 150. जुलाहे का लोटा —Pgs. 115
54. वाणी पर संयम रखो —Pgs. 49 151. अनासक्ति का भाव —Pgs. 116
55. परछाइयाँ —Pgs. 49 152. प्रतिकार की अग्नि —Pgs. 117
56. जीवन और मृत्यु —Pgs. 50 153. दुःख के बीज —Pgs. 117
57. बाहर नहीं, अंदर ढूँढ़ो —Pgs. 51 154. संतोष धन —Pgs. 118
58. शाश्वत सत्य —Pgs. 52 155. सच्चा साधु —Pgs. 119
59. दोषों से रहित ईश्वर —Pgs. 52 156. स्वर्ण-रसायन —Pgs. 120
60. आनंद की वर्षा —Pgs. 53 157. रूपांतरण का सशक्त सूत्र —Pgs. 120
61. सात प्रकार के फूल —Pgs. 54 158. कामना कष्टदायिनी —Pgs. 121
62. सच्चा समाजसेवी —Pgs. 54 159. असीम प्रेम —Pgs. 121
63. स्वर्ग का रास्ता —Pgs. 55 160. तीन प्रकार की बुद्धियाँ —Pgs. 122
64. संत की दया —Pgs. 56 161. प्रेम की शक्ति —Pgs. 123
65. संन्यासी और चोर —Pgs. 57 162. विलक्षण फल —Pgs. 123
66. स्वर्ग की टिकट —Pgs. 57 163. संत की परीक्षा —Pgs. 124
67. पश्चात्ताप के आँसू —Pgs. 58 164. विचित्र आशीर्वाद —Pgs. 124
68. मोह माया को त्याग दो —Pgs. 59 165. आत्मज्ञान —Pgs. 125
69. अंतःकरण की खेती —Pgs. 60 166. क्रोध असुर है —Pgs. 126
70. ईश्वर का राज्य —Pgs. 60 167. पहले अपनी तृष्णा त्यागो —Pgs. 126
71. उग्र स्वभाव —Pgs. 61 168. माया से मुक्ति —Pgs. 127
72. संत का स्वभाव —Pgs. 61 169. धन का संग्रह —Pgs. 128
73. प्रशंसा और अपमान —Pgs. 62 170. मन को शिक्षा —Pgs. 128
74. बंधन नहीं मुक्ति —Pgs. 63 171. सर्वश्रेष्ठ भूमि —Pgs. 129
75. मौनव्रत —Pgs. 64 172. दान की महिमा —Pgs. 130
76. पाँच बोरियाँ —Pgs. 64 173. जीवनरूपी कमंडल —Pgs. 130
77. जन-विश्वास का महत्त्व —Pgs. 65 174. अनूठी भिक्षा —Pgs. 131
78. अज्ञानी ही दुःखी —Pgs. 66 175. दया की शिक्षा —Pgs. 132
79. निंदा और प्रशंसा —Pgs. 66 176. नियम पालन का लाभ —Pgs. 132
80. आँख और कान में भेद —Pgs. 67 177. शांति का पाठ —Pgs. 133
81. स्वर्ग-नरक की परिभाषा —Pgs. 67 178. अपशब्द —Pgs. 134
82. समस्या का समाधान —Pgs. 68 179. बैर को अबैर से जीतो —Pgs. 134
83. सच्चा समर्पण —Pgs. 69 180. अपने प्रति अन्याय —Pgs. 135
84. मोक्ष प्राप्ति का मार्ग —Pgs. 69 181. स्थिर-दृष्टि —Pgs. 136
85. सबसे अपवित्र है क्रोध —Pgs. 70 182. लोभ से दूर रहो —Pgs. 136
86. स्वयं का मालिक —Pgs. 71 183. पारस से भी कीमती वस्तु —Pgs. 137
87. सांसारिक मायाजाल —Pgs. 72 184. असत्य का सहारा —Pgs. 137
88. संत की सद्प्रेरणा —Pgs. 72 185. दुःख का कारण —Pgs. 138
89. एक शब्द का उपदेश —Pgs. 73 186. मिठास और आत्मीयता —Pgs. 138
90. सच्चा सुख —Pgs. 73 187. संत की उदारता —Pgs. 139
91. शरीर का संस्कार —Pgs. 74 188. परमात्मा को कैसे खोजें —Pgs. 140
92. मोक्ष की चाह —Pgs. 75 189. संत का उपदेश —Pgs. 141
93. पुराना साथी —Pgs. 75 190. तीन प्रश्न —Pgs. 141
94. सच्ची भक्ति —Pgs. 76 191. ज्ञान और भक्ति की कुंजी —Pgs. 142
95. संन्यासी का जवाब —Pgs. 76 192. हँसी का राज —Pgs. 143
96. धन का सदुपयोग —Pgs. 77 193. भौतिक पीड़ा का अनुभव —Pgs. 143

The Author

Surendra Singh Negi

सुपरिचित  लेखक।  धार्मिक, पौराणिक विषय पर लेखन-पठन में विशेष रुचि। समाचार-पत्र व पत्रिकाओं में लेख, कहानी आदि के साथ ही अनेक पुस्तकें प्रकाशित।
सांस्कृतिक  कार्यक्रम,  सभा-समारोह तथा सेमिनारों में विशेष रूप से सहभागिता।
संपर्क : आरजेड-511, गली नं. 17, कैलाश पुरी एक्सटेंशन, नई दिल्ली-45, फोन : 9250556370

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