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Sapanon Bhare Din   

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Author Ramdarash Mishra
Features
  • ISBN : 9789353229573
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Ramdarash Mishra
  • 9789353229573
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2020
  • 176
  • Hard Cover
  • 250 Grams

Description

रामदरश मिश्र के कथा-साहित्य में से किशोर चरित्रों और उनके परिवेश के इर्द-गिर्द सृजित कहानियों का यह महत्त्वपूर्ण संकलन है। किशोर सुलभ रोचक प्रसंगों से भरपूर इनको पढ़ने का एक अलग ही आनंद है। इसमें पंद्रह कहानियों के साथ चार उपन्यासों से चयनित अंश और उनकी डायरी का एक अंश शामिल है। लेखक द्वारा गढ़े गए किशोर चरित्रों की जीवंतता की व्यापकता हास्य, व्यंग्य, करुणा, वात्सल्य आदि रस-रंग से सराबोर है। कहानियों में अनेक ऐसे प्रसंग भी हैं, जो मात्र किशोरवय को ही नहीं, बल्कि मानव जीवन को समग्रता के साथ प्रस्तुत करते हैं और किशोरों को स्वयं को समझने तथा सँवारने की नई दृष्टि प्रदान करते हैं। जिए हुए जीवन से उत्पन्न लेखक की गहन अनुभूतियाँ इन कहानियों को पाठक के लिए सहज संप्रेष्य बनाती हैं। 
शिक्षा क्षेत्र से जुड़े मनीषियों के लिए कुछ नवीन आयामों को उजागर करने में यह संकलन सहायक सिद्ध होगा। साथ ही भारतीय बाल-साहित्य के विशेष संदर्भ में इनका पठन-पाठन अध्येताओं के लिए भी उपयोगी है।   
कहानियों की भाषा-शैली भी परिवेशगत सहजता से ओतप्रोत है। जहाँ शहरी या कस्बाई वातावरण में शब्दों का सौंदर्य है तो वहीं ग्रामीण परिवेश में देशज शब्दों की मिठास है। कथ्य और अभिव्यक्ति दोनों ही दृष्टियों से यह संग्रह पठनीय व किशोरोपयोगी है।

 

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अनुक्रम

ये कहानियाँ —Pgs.5

भूमिका —Pgs.7

1.सीमा —Pgs.11

2.मिस फिट —Pgs.17

3.जमीन —Pgs.29

4.माँ : एक बिखरा हुआ दिन —Pgs.34

5.मुर्दा मैदान —Pgs.40

6.गीतू —Pgs.52

7.सोनू कब आएगा पापा? —Pgs.58

8.आज का दिन भी —Pgs.64

9.एहसान —Pgs.84

10.लड़की —Pgs.87

11.माँ —Pgs.91

12.पटाखे —Pgs.94

13.चोरी —Pgs.96

14.परोपकार की आदत —Pgs.99

15.कुछ यादें बचपन की —Pgs.102

16.शिक्षक दिवस —Pgs.106

17.थकी हुई सुबह —Pgs.110

18.बचपन भास्कर का —Pgs.126

19.एक बचपन यह भी —Pgs.134

20.एक था कलाकार —Pgs.140

21.एक था नीरू —Pgs.147

22.यश का बचपन —Pgs.165

The Author

Ramdarash Mishra

जन्म : 15 अगस्त, 1924 को गोरखपुर जिले के डुमरी गाँव में।
रचना-संसार :  ‘पानी के प्राचीर’, ‘जल टूटता हुआ’, ‘सूखता हुआ तालाब’, ‘अपने लोग’, ‘रात का सफर’, ‘आकाश की छत’, ‘आदिम राग’, ‘बिना दरवाजे का मकान’, ‘दूसरा घर’, ‘थकी हुई सुबह’, ‘बीस बरस’, ‘परिवार’, ‘बचपन भास्कर का’ (उपन्यास); ‘खाली घर’, ‘एक वह’, ‘दिनचर्या’, ‘सर्पदंश’, ‘बसंत का एक दिन’, ‘इकसठ कहानियाँ’, ‘मेरी प्रिय कहानियाँ’, ‘अपने लिए’, ‘चर्चित कहानियाँ’, ‘श्रेष्ठ आंचलिक कहानियाँ’, ‘आज का दिन भी’, ‘एक कहानी लगातार’, ‘फिर कब आएँगे?’, ‘अकेला मकान’, ‘विदूषक’, ‘दिन के साथ’, ‘मेरी कथा-यात्रा’ (कहानी-संग्रह) के अलावा बीस काव्य-संग्रह, पाँच ललित निबंध, दो आत्मकथा, दो यात्रा-वृत्तांत, तीन डायरी के अलावा 11 पुस्तकें समीक्षा की; 14 खंडों में रचनावली प्रकाशित।
सम्मान-पुरस्कार : दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, शलाका सम्मान, भारत भारती सम्मान, व्यास सम्मान, महापंडित राहुल सांकृत्यायन सम्मान, उदयराज सिंह स्मृति सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान, रामविलास शर्मा सम्मान,  राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार (इंदौर)।

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