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ईश्वर की शांति मेरी आत्मा में भरी हुई है। ईश्वर का दिया हुआ प्रकाश मेरे अंदर प्रकाशित हो रहा है। मैं सोचता हूँ, बोलता हूँ और अपने अंदर की दैवी शक्ति की आवाज सुनकर कोई कार्य करता हूँ।
जिंदगी का एक साधारण-सा सत्य याद रखें : कोई भी व्यक्ति, परिस्थिति या फिर समाचार आपकी शांति का हरण नहीं कर सकता है। आप खुद ही अपने विचारों, शब्दों, इच्छाओं और प्रतिक्रियाओं में नियंत्रण खो देते हैं। आप ही खुद के नेता हैं, आप ही अपने विचारों के मालिक हैं।
इस बात को जान लें कि ईश्वर को आपकी सभी समस्याओं का हल पता है और वह आपके अंदर सबकुछ बेहतर, सामंजस्य में स्वस्थ जीवन का निर्माण करते हैं। अपनी पुरानी बुरी आदतों को छोड़ दीजिए। नीचे गिरानेवाली सभी उम्मीदों को नकार दीजिए। सबसे ऊँचे और बढि़या की उम्मीद कीजिए और सबसे ऊँचा और बढि़या आपके पास आएगा। इस दुनिया में रहते हुए आपके होंठों में हमेशा ईश्वर की तारीफ रहनी चाहिए।
सामंजस्य, आनंदमयता और साथ-साथ चेतन मन तथा अवचेतन मन का अभ्यास करने से ही आप स्वास्थ्य, शांति, शक्ति और सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं। अपने मन में सही विचार को प्रवेश कराएँ। तब आपके मन को सही भावना प्राप्त होगी। अपने मन को ईश्वर के प्रेम से भर लीजिए। तब आप वह सब हासिल कर पाएँगे, जो इस पृथ्वी पर ईश्वर की संतान को हासिल करना चाहिए।
—इसी पुस्तक से
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अनुक्रम
1. आपका मन कैसे काम करता है —Pgs. 13
• सुझाव और आपका अवचेतन मन —Pgs. 14
• दो विरोधाभासी सुझाव —Pgs. 15
• उसने किस तरह से समुद्री डर के सुझाव को सँभाला —Pgs. 15
• तुम्हारा प्रारंभिक प्रिशक्षण —Pgs. 16
• उसने अपने मन को साफ कैसे किया —Pgs. 16
• हम शांतिपूर्ण जीवन कैसे प्राप्त कर सकते हैं —Pgs. 18
• उसके मन में संपत्ति अर्जित करना था —Pgs. 18
• अपने भीतर झाँकिए —Pgs. 20
• आप खुद को बदल सकते हैं —Pgs. 21
• विश्व से आगे बढ़िए —Pgs. 21
• आप ऊपर उठ सकते हैं —Pgs. 22
• उसने अपनी दुनिया कैसे बदल दी —Pgs. 23
• एक आधारभूत तथ्य जरूर याद रखें —Pgs. 24
• उसे संतरे का जूस पीने से एलर्जी थी —Pgs. 25
• इस तथ्य का अभ्यास करें —Pgs. 26
• उसने कहा, ‘हाँ, यह तो काम करता है।’ —Pgs. 26
• आपका दायाँ हाथ —Pgs. 27
2. आपका मन आपका इलाज कैसे करता है —Pgs. 28
• मानवीय जीवन के शुरुआती दिन —Pgs. 28
• प्लेसिबो की शक्ति —Pgs. 28
• सेंट्रो मेडिको डेल मर तिजुआना —Pgs. 29
• हाथ फेरना —Pgs. 29
• भरोसे की शक्ति —Pgs. 30
• मन दवाइयों को असर करने में कैसे मदद करता है —Pgs. 30
• सुरक्षा की अपेक्षा करें —Pgs. 31
• उसने खुद को खोज लिया —Pgs. 31
• संपूर्ण विश्व से युद्ध न करें —Pgs. 34
• पुरानी बातों को याद न रखें —Pgs. 35
• दो दुनिया —Pgs. 36
• मन की शांति —Pgs. 37
3. जीवन में कामयाबी का रहस्य —Pgs. 39
• उसने कहा, “मैं कामयाब नहीं हूँ” —Pgs. 39
• प्रतिवर्ती सिद्धांत —Pgs. 42
• प्रार्थना से कामयाबी प्राप्त करना —Pgs. 42
• विवेकहीन नियम —Pgs. 43
• अध्यात्म से कामयाबी —Pgs. 44
• वह एक बड़ी कंपनी का प्रेसीडेंट था —Pgs. 45
• बंद एवं खुला मन —Pgs. 46
• सभी आशीर्वादों का स्रोत —Pgs. 47
• कामयाब जीवन —Pgs. 48
• अपने शब्दों पर ध्यान दें —Pgs. 49
• सिद्धांतों की विजय —Pgs. 49
• वे उन्हें मानदेय क्यों नहीं देते थे —Pgs. 50
• कुछ सामान्य अंधविश्वास —Pgs. 51
• मन का सिद्धांत अवैयक्तिक है —Pgs. 52
• आपकी जरूरत है —Pgs. 53
• कामयाबी के लिए ध्यान —Pgs. 53
4. आत्मा की शक्ति —Pgs. 55
• मृत्यु के पाताल से बचा लाना —Pgs. 55
• एक साधारण सत्य —Pgs. 56
• अलौकिक प्रेम इलाज करता है —Pgs. 56
• एक नई अंतर्दृष्टि ने उसकी जिंदगी बदल दी —Pgs. 57
• स्विर्णम नियम का असली मतलब जानना जरूरी है —Pgs. 58
• उसने कहा, ‘मैंने कोशिश की, पर सफल नहीं हुआ’ —Pgs. 59
• उसने अपने मन को किस तरह से ठीक किया —Pgs. 60
• उसने रहस्य जान लिया था —Pgs. 60
• उसने बताया कि व्याख्या ने जिंदगी बदल दी —Pgs. 61
• असीम शक्ति से संपर्क स्थापित कीजिए —Pgs. 61
• आपकी चाहत को हर हाल में आपके अवचेतन तक पहुँचना चाहिए —Pgs. 62
• उसके मन में अपनी गलत छवि थी —Pgs. 63
• वह दोष और भय से घिरी हुई थी —Pgs. 64
• आपके अंदर दो व्यक्ति हैं —Pgs. 64
• कामयाबी का मार्ग —Pgs. 64
5. हमें प्रार्थना करना सिखाइए —Pgs. 66
• उसने प्रकाश का अनुभव कैसे किया —Pgs. 66
• ईश्वर के साथ मित्रता —Pgs. 67
• विश्वास की प्रार्थना —Pgs. 67
• उसने अपने देवर के लिए कैसे प्रार्थना की —Pgs. 68
• ईश्वर के वचन —Pgs. 68
• आप मध्यस्थ हो —Pgs. 69
• परियाँ आप पर निगाह रखती हैं —Pgs. 69
• क्या आप परमेश्वर हैं —Pgs. 70
• क्या यह बुद्धिमत्ता है —Pgs. 71
• संरक्षक संत —Pgs. 71
• आप अपना यशस्वी भविष्य बना सकते हैं —Pgs. 72
• आप अपने पुल के कप्तान हो —Pgs. 73
• उम्र सिर्फ एक संख्या है —Pgs. 74
• वह एक चिकित्सीय चमत्कार है —Pgs. 75
• उसका धर्म ही उसकी समस्या थी —Pgs. 77
6. आध्यात्मिक मन को प्राप्त करें —Pgs. 79
• आपका उदय हो सकता है —Pgs. 80
• विश्वास रखना शुरू करें —Pgs. 80
• मेमने के रक्त का अर्थ —Pgs. 81
• मूल्य, जो आपको चुकाना पड़ेगा —Pgs. 82
• वह दुःखी क्यों था —Pgs. 82
• उसने निराशा पर विजय कैसे पाई —Pgs. 83
• इस विश्व का राजकुमार —Pgs. 84
• भय को कैसे सँभालें —Pgs. 85
• एक आसान रास्ता है —Pgs. 86
• रहस्य जिंदगी का —Pgs. 87
• कयामत और निराशा का जवाब —Pgs. 87
• वे उसे जिब्राल्टर की चट्टान कहते थे —Pgs. 88
• दूसरों से खुद की तुलना न करें —Pgs. 89
• वह एक मंत्री बनना चाहता था —Pgs. 90
• कारण और प्रभाव के सिद्धांत —Pgs. 91
• एक बेहतर भविष्य —Pgs. 92
7. वैचारिक इच्छा रचनात्मक होती है —Pgs. 93
• उसने मानसिक बीमारी का निर्माण कर लिया —Pgs. 94
• आओ, वैचारिक शक्ति पर ध्यान केंद्रित करें —Pgs. 95
• शत्रु किधर है —Pgs. 96
• वह समृद्ध क्यों नहीं हुआ —Pgs. 96
• साइकोसोमेटिक दवा —Pgs. 97
• दो बहनें —Pgs. 98
• मन का प्रभुत्व —Pgs. 99
• जीवन के मानसिक और आध्यात्मिक सिद्धांतों को सीखिए —Pgs. 100
• इलाज में सुझाव की शक्ति —Pgs. 101
• आप यहाँ प्रगति और विस्तार के लिए हैं —Pgs. 102
• शब्द ईश्वर का रूप हैं —Pgs. 103
• मानसिक ब्लाॅक हटा दीजिए —Pgs. 103
• कितनी सटीक पुरानी कहावत है —Pgs. 104
8. अपनी अभिलाषा (चाहत) पूरी कर लो —Pgs. 106
• आपकी सबसे आंतरिक इच्छाशक्ति —Pgs. 106
• चाहत प्राकृतिक और ईश्वर-प्रदत्त है —Pgs. 107
• खुद का संरक्षण —Pgs. 108
• अभिलाषा ईश्वर का दिया हुआ उपहार है —Pgs. 108
• चाहत को दबाना —Pgs. 109
• उसकी चाहत कॉलेज जाना थी —Pgs. 110
• आप यहाँ क्यों हैं —Pgs. 110
• एक जवाब है —Pgs. 111
• स्विर्णम नियम —Pgs. 111
• उसने एक जरूरत खोज ली —Pgs. 112
• आपको आवश्यकता है —Pgs. 113
• दो भाई —Pgs. 113
• रचनात्मक कल्पना —Pgs. 114
• वह एक घर चाहती थी —Pgs. 115
• एक आसान रास्ता है —Pgs. 155
• उसकी बेटी की मानसिक छवि —Pgs. 116
• आप हमेशा कल्पना कर रहे हैं —Pgs. 117
• कल्पना का दुरुपयोग —Pgs. 117
• वह वक्ता क्यों असफल हुआ? —Pgs. 117
• एक रहस्यवादी किंवदंती —Pgs. 118
9. व्याख्या ही इलाज है —Pgs. 120
• अल्सर-युक्त विचार —Pgs. 121
• उसने पाया कि वह बेवकूफ है —Pgs. 122
• व्याख्या ही इलाज है —Pgs. 122
• अफेयर एक झटके में खत्म हो गया —Pgs. 123
• स्वाभाविक इलाज —Pgs. 123
• वे लोग 16 वर्ष तक अपाहिज रहे —Pgs. 124
• स्व-इलाज —Pgs. 124
• मरीज का ध्यान —Pgs. 125
• हँसने की शक्ति —Pgs. 125
• उच्च रक्तचाप —Pgs. 125
• उसने ईर्ष्या से निजात पा ली —Pgs. 126
• उसने चोरी करना खुद ही बंद कर दिया —Pgs. 127
• परेशानियाँ उसके अंदर ही थीं —Pgs. 127
• अपने भीतर किसी विशेष कारण के लिए झाँकिए —Pgs. 128
• आप अपने भंडार पर कॉल कर सकते हैं —Pgs. 129
• चिकित्सकों ने बताया कि वह दुर्घटना-प्रवण है —Pgs. 129
10. जीवन की पुस्तक —Pgs. 132
• मन कैसे काम करता है —Pgs. 134
• हमारे परमेश्वर का निवास स्वर्ग है —Pgs. 135
• आप किस बात पर विश्वास करते हैं —Pgs. 137
• आपका जन्म विजेता बनने के लिए हुआ है —Pgs. 139
• सात मोहरबंद —Pgs. 140
• आप कौन हैं —Pgs. 142
• खुद को खोजिए —Pgs. 143
• आग का दरिया —Pgs. 146
• ओमर ने कहा है —Pgs. 147
11. आप यहाँ क्यों हैं? —Pgs. 148
• अपना सही स्थान खोजिए —Pgs. 148
• उसकी विशेष प्रार्थना —Pgs. 148
• अपने लिए अच्छे का दावा कीजिए —Pgs. 149
• वर्तमान क्षण —Pgs. 150
• उसने ईश्वर को दोष देना बंद कर दिया —Pgs. 150
• जीवन का एक सिद्धांत —Pgs. 151
• वह समृद्ध क्यों नहीं हो पाई —Pgs. 152
• दिव्य असंतोष —Pgs. 153
12. प्रेम, विवाह और तलाक —Pgs. 154
• व्हील चेयर पर बैठी लड़की चलने लगी —Pgs. 154
• उसने अपनी माँ की मदद क्यों नहीं की —Pgs. 155
• जब आप प्रार्थना करें तो क्या करें —Pgs. 156
• आप में ठीक होने की ललक होनी चाहिए —Pgs. 156
• वह तलाक को लेकर स्वयं को अपराधी क्यों महसूस कर रही थी —Pgs. 159
• उसने ‘मैथ्यू 19’ कहना शुरू किया —Pgs. 160
• ईश्वर ही प्रेम है —Pgs. 160
• अज्ञानता सबसे बड़ा पाप है और सभी कष्टों का कारण है —Pgs. 163
• हम साथ रहते हैं, क्या फर्क पड़ता है —Pgs. 163
• सच्ची शादी क्या है —Pgs. 164
• निराशापूर्ण वैवाहिक स्थिति —Pgs. 165
• आपका शरीर जिम्मेदार नहीं है —Pgs. 165
• वह अपने पति में दोष ढूँढ़ती थी —Pgs. 165
• वह वापस अपनी पत्नी के पास लौट गया —Pgs. 167
• मन को अनुशासित करना —Pgs. 167
जोसेफ मर्फी का जन्म 20 मई, 1898 को आयरलैंड में हुआ था। वे अमेरिकी लेखक और नव विचारों के पादरी थे। बीस वर्ष की उम्र को पार करने और पादरी बनने से पहले प्रार्थना से चंगा करने के उनके अनुभव ने उन्हें ईसाइयों को छोड़ने और अमेरिका जाने के लिए प्रेरित किया, जहाँ न्यूयॉर्क शहर में वे एक फार्मासिस्ट बन गए।
मर्फी भारत आए और भारतीय साधु-संतों के साथ काफी समय बिताते हुए हिंदू दर्शन के बारे में जाना। 1940 के दशक के बीच में वे लॉस एंजेल्स चले गए, जहाँ उनकी मुलाकात धार्मिक विज्ञान के संस्थापक अर्नेस्ट होम्स से हुई। उन्होंने लॉस एंजेल्स स्थित धार्मिक विज्ञान संस्थान में अध्यापन भी किया।
उनकी कुछ प्रमुख रचनाओं में शामिल हैं—‘योर इनफानाइट पावर टु बी रिच’ (1966), ‘द कॉस्मिक पावर विद इन यू’ (1968), ‘द हीलिंग पावर ऑफ लव’ (1958), ‘स्टे यंग फॉरएवर’ (1958), ‘व्हील्स ऑफ ट्रुथ’ (1946), ‘सुप्रीम मिस्ट्री ऑफ फियर’ (1946) इत्यादि।