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'सशक्त पंचायत : समृद्ध भारत की संकल्पना' पुस्तक मूलतः स्वशासन की पंचायती प्रणाली पर आधारित है। पुस्तक में पंचायती प्रणाली के इतिहास से लेकर भविष्य की संकल्पना तक को समावेशित किया गया है। लेखक ने पंचायती प्रणाली की आधुनिकता पर नए विमर्श को प्रोत्साहित करने की कोशिश की है। चूँकि लेखक मूलतः टेक्नोक्रेट हैं, इसलिए पंचायती प्रणाली के तकनीकी पक्ष पर विशेष जोर दिया गया है। पुस्तक का अंतिम अध्याय पूर्णरूपेण लेखक के अनुभव और व्यक्तिगत ज्ञान पर आधारित है। पुस्तक के सभी अध्याय यह सिद्ध करते हैं कि प्रशासन की स्थानीय प्रणाली में यदि स्वशासन का समावेश होता है, तो वह शासन न केवल सशक्त होता है, बल्कि सर्वस्पर्शी, सार्वदेशिक और सार्वकालिक होता है। में भारतीय चिंतन पर विशेषपुस्तकध्यान दिया गया है; विकास के स्वदेशी मापदंडों पर चर्चा की गई है। पंचायत व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए स्वदेशी चिंतकों के चिंतन का समावेश करना होगा। समर्थ सशक्त भारत के स्वप्न को साकार करने में सशक्त पंचायती राज व्यवस्था को रेखांकित करती व्यावहारिक एवं पठनीय पुस्तक ।