Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Sati & Vilasi   

₹300

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Sarat Chandra Chattopadhyay
Features
  • ISBN : 9789352662609
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Sarat Chandra Chattopadhyay
  • 9789352662609
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2022
  • 224
  • Soft Cover
  • 200 Grams

Description

शरतकथा' की यह तीसरी पुस्तक है। इस संग्रह में पाँच कहानियाँ हैं, जिनमें 'बालकों का चोर ' कहानी शरतबाबू की बचपन की कहानियों में से ली गई है। 'सती ', 'दर्पचूर्ण', ' अँधेरे में उजाला' तथा *अनुपमा का प्रेम' उनकी सुप्रसिद्ध कहानियाँ हैं। शरतबाबू की अन्य बड़ी कहानियाँ हिंदी में स्वतंत्र पुस्तकों के रूप में अलग-अलग प्रकाशित हो चुकी हैं। इस कथा-माला का उद्देश्य उनकी छोटी-छोटी कहानियों को मूल बँगला से अक्षरश: अनूदित एवं संकलित कर हिंदी-पाठकों तक पहुँचाना मात्र था, अतः यह सीरीज इस पुस्तक 'सती' के साथ यहीं समाप्त हो रही है। आशा है, शरतकथा-माला की तीनों पुस्तकों--' अभागी का स्वर्ग ', 'विलासी ' एवं 'सती' को पाठक स्नेहपूर्वक अपनाएँगे

 

The Author

Sarat Chandra Chattopadhyay

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW