₹350
यह कहानी है सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक की, जो दरशाती है कि परिवर्तन अभी भी हो सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारी भरोसा किए जाने और ललकारे जाने पर, प्रोत्साहनों एवं बोनस आदि के बिना भी, किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की सफलता की यह कहानी दरशाती है कि सार्वजनिक उपक्रमों को न विशेष प्रोत्साहन की जरूरत है और न अनावश्यक आलोचना की। इन्हें झिड़कने या इन पर दया दिखलाने की भी कोई जरूरत नहीं है।
एस.बी.आई. के कायापलट की कहानी इस बात का एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि मानव की कर्मठता एवं दृढ़निष्ठा व्यक्तिगत तथा सामूहिक रूप से क्या कुछ हासिल कर सकती है। कुछ कर दिखाने का जोश पैदा करने में धन की कोई महत्ता नहीं है। नेतृत्व का अर्थ है आशावादी होना, सकारात्मक सपने बुनना; और सबसे अहम बात कि टीम चाहे जितनी बड़ी हो, टीम के सदस्यों को गर्व और अपनी पहचान का एहसास कराना।
जो अपने-अपने संगठनों में क्रांतिकारी सकारात्मक परिवर्तन लाने का इरादा रखते हैं, जिन संगठनों को व्यावसायिक जगत् में कभी गौरवशाली स्थान प्राप्त था, पर जो आज कड़ी प्रतिस्पर्धा एवं परिवर्तनों के मकड़जाल में घिर गए हैं, उन संगठनों का नेतृत्व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से सबक लेकर अपनी प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त करने का जोश जगा सकता है। विपरीत परिस्थितियों में यथोचित परिवर्तन कर सफलता के शिखर छूने की कहानी है यह पुस्तक, जो प्रबंधकों और कर्मियों को समान रूप से प्रेरित करेगी।
राजेश चक्रवर्ती प्रोफेसर राजेश चक्रवर्ती भारती इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के क्लीनिकल एसोसिएट हैं। पहले वे जॉर्जिया टेक, अमेरिका और यूनिवर्सिटी ऑफ अलबार्टा, कनाडा में पढ़ा चुके हैं तथा भारतीय सांख्यिकीय संस्थान, दिल्ली; भारतीय प्रबंधन संस्थान, कोलकाता और फेडरल रिजर्व बैंक, अटलांटा समेत कई प्रतिष्ठित संस्थानों में महत्त्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। उनके वित्त, अर्थशास्त्र और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के बारे में लेख शीर्ष अंतरराष्ट्रीय शोधपत्रों में प्रकाशित हो चुके हैं। वे छह पुस्तकों का लेखन/संपादन कर चुके हैं, और ‘फाइनेंशियल एक्सप्रेस’ के स्तंभकार भी हैं। वे प्रेसीडेंसी कॉलेज, कोलकाता और आई.आई.एम. अहमदाबाद के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया, लॉस एंजेल्स से प्रबंधन में पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की है।