Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Se. Ra. Yatri Ki Lokpriya Kahaniyan   

₹250

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Se.Ra. Yatri
Features
  • ISBN : 9789351862758
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Se.Ra. Yatri
  • 9789351862758
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2015
  • 176
  • Hard Cover

Description

वरिष्ठ साहित्यकार से.रा. यात्री की लोकप्रिय कहानियों के इस संग्रह की अवधि प्रायः पाँच दशकों तक फैली हुई है। ये कहानियाँ अनेक बार प्रकाशित होकर भी अपने आशय में कभी पुरानी नहीं पड़ीं। हमारे समाज का अंतर्बाह्य इन कथाओं में अपनी विविधता में बहुपक्षीय और बहुआयामी है। यद्यपि इन सभी रचनाओं का कथ्य मामूली और बेचेहरे वाले निम्न-मध्यवर्गीय समाज का है, तथापि उनकी त्रासद स्थितियाँ हूबहू एक जैसी नहीं हैं। इस वर्ग की इतनी मर्मांतक शक्लें हैं कि उन्हें किसी एक ढाँचे में नहीं ढाला जा सकता। यह वर्ग भारतीय समाज की रीढ़ है। भयानक त्रासद स्थितियों के बावजूद इस वर्ग से जहाँ विद्यार्थी, मामूली क्लर्क और अध्यापक तथा छोटे दुकानदार आते हैं, वहीं चिंतक, विचारक, कवि, लेखक, दार्शनिक और सामाजिक परिवर्तन के ध्वजवाहक भी आते हैं। इन कहानियों के पात्र निरंतर कष्टों और अभावों में जीते चले जाने के बावजूद अपने वर्तमान के प्रति उदासीन और आस्थावादी नहीं होते। उनका बीहड़ परिस्थितियों में कर्मविमुख और कर्तव्यच्युत न होना ही उनकी सर्वोपरि ऊर्जावान शक्ति है। गिरते-पड़ते और आपाधापी में भी वह निरंतर एक सुखद कल के भरोसे गतिशील रहते हैं। उनकी श्रेष्ठता और टुच्चापन दोनों ही दर्शनीय हैं, किंतु वह उनकी मनुष्यता को नहीं नकारती। श्रेष्ठ और गर्हित दोनों ही मनुष्य के शाश्वत रूप हैं। सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए रुचिकर लोकप्रिय कहानियाँ।

The Author

Se.Ra. Yatri

जन्म : 10 जुलाई, 1932 को मुजफ्फरनगर उ.प्र. में।
रचना-संसार : ‘दूसरे चेहरे’, ‘अलग-अलग अस्वीकार’, ‘काल विदूषक’, ‘धरातल’, ‘केवल पिता’, ‘सिलसिला’, ‘अकर्मक क्रिया’, ‘टापू पर अकेले’, ‘खंडित संवाद’, ‘नया संबंध’, ‘भूख तथा अन्य कहानियाँ’, ‘अभयदान, पुल टूटते हुए’, ‘चर्चित कहानियाँ’, ‘विरोधी स्वर’, ‘इक्कीस पुरस्कृत कहानियाँ’, ‘खारिज और बेदखल’, ‘परजीवी’, ‘इक्कीस पुरस्कृत कहानियाँ’ (कहानी-संग्रह); ‘दराजों में बंद दस्तावेज’, ‘लौटते हुए’, ‘चाँदनी के आर-पार’, ‘बीच की दरार’, ‘कई अँधेरों के पार’, ‘टूटते दायरे’, ‘चादर के बाहर’, ‘प्यासी नदी’, ‘भटका मेघ’, ‘आकाश चारी’, ‘आत्मदाह’, ‘बावजूद’, ‘अंतहीन’, ‘प्रथम परिचय’, ‘जली रस्सी’, ‘युद्ध अविराम’, ‘अपरिचित शेष’, ‘दिशाहारा’, ‘बेदखल अतीत’, ‘सुबह की तलाश’, ‘घर न घाट’, ‘आखिरी पड़ाव’, ‘एक जिंदगी और’, ‘अनदेखे पुल’, ‘कलंदर’ तथा ‘सुरंग के बाहर’ (उपन्यास); ‘किस्सा एक खरगोश का’, ‘दुनिया मेरे आगे’ (व्यंग्य-संग्रह);  ‘लौटना एक वाकिफ उम्र का’ (संस्मरण); ‘विस्थापित’  (संपादित कथा-संग्रह)।
सम्मान-पुरस्कार : पाँच कथा-संग्रह उ.प्र. हिंदी संस्थान द्वारा पुरस्कृत, ‘साहित्यश्री सम्मान’, ‘साहित्य भूषण सम्मान’, ‘महात्मा गांधी साहित्य सम्मान’ एवं अन्य अनेक प्रतिष्ठित सम्मान।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW