Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Shahnai Vadak Ustad Bismillah Khan   

₹300

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Murli Manohar Shrivastava
Features
  • ISBN : 9788173157356
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Murli Manohar Shrivastava
  • 9788173157356
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 128
  • Hard Cover
  • 200 Grams

Description

विश्वविख्यात शहनाईवादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ का जन्म डुमराँव (बिहार) के एक संगीतज्ञ घराने में हुआ। अपने चाचा उस्ताद अली बक्श से उन्होंने संगीत की शिक्षा पाई, जो काशी विश्वनाथ मंदिर के शहनाईवादक थे।
सन् 1937 में कलकत्ते में हुए अखिल भारतीय संगीत समारोह में श्रोताओं को अपनी शहनाई की स्वर-लहरियों से मंत्रमुग्ध करके उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ ने शहनाई के साज को शास्त्रा्य संगीत के उच्च मंच पर बिठाया। 15 अगस्त, 1947 को देश के प्रथम स्वाधीनता समारोह में और फिर 26 जनवरी, 1950 को प्रथम गणतंत्र दिवस पर दिल्ली का ऐतिहासिक लाल किला उनके सुमधुर शहनाई वादन का साक्षी बना।
उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ ने भारत के अनगिनत संगीत समारोहों के अतिरिक्त इराक, कनाडा, पश्चिम अफ्रीका, अमेरिका, सोवियत संघ, जापान, हांगकांग आदि अनेक देशों में जाकर अपनी शहनाई का जादू बिखेरा। गहरी धार्मिक आस्था के साथ-साथ देशभक्ति की भावना उनमें कूट-कूटकर भरी हुई थी। अपने अल्लाह के साथ ही वह माँ सरस्वती के भी अनन्य भक्त थे। उन्हें बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी और गंगा से गहरा लगाव था। जब एक अमेरिकन विश्वविद्यालय ने अपने यहाँ स्थायी रूप से विश्वविद्यालय का संगीतज्ञ बनने का प्रस्ताव भेजा तो उस्ताद ने विनम्रतापूर्वक कहा कि वह अमेरिका तभी आ सकते हैं, जब वह अपनी माँ गंगा को भी साथ ला सकें।
उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत-रत्न’ देकर उनके हुनर का विशिष्ट सम्मान किया गया।

The Author

Murli Manohar Shrivastava

मुरली मनोहर श्रीवास्तव एक संवेदनशील लेखक हैं। लेखन के प्रति उनकी रुचि ने कई अनछुए तथा शोधपरक पहलुओं पर उन्हें कार्य करने के लिए प्रेरित किया। अपनी लेखनी में सपाट विषयों को भी तथ्य-आधारित प्रस्तुत करने की कोशिश करते हैं। अब तक आधा दर्जन पुस्तक लेखन, एक दर्जन डॉक्युमेंट्री, आधा दर्जन नाटक लिखने के अलावा 1500 से ज्यादा पारंपरिक भोजपुरी गीतों का संग्रह भी कर चुके हैं।

उन्होंने बी.एससी. (भौतिकी), पत्रकारिता स्नातकोत्तर डिप्लोमा, चेन्नई, एम.ए. (लोक प्रशासन), एम.ए. (पत्रकारिता) व कैथी लिपि का अध्ययन किया। लेखनी में बेहतर कार्य के लिए अपना नाम ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड-2022’ में दर्ज करा चुके हैं। उन्होंने विभिन्न अखबारों और टीवी चैनलों में काम करते हुए भी अपनी लेखनी को कभी प्रभावित नहीं होने दिया। साथ ही राजनीतिक, सामाजिक, साहित्यिक व सांस्कृतिक विषयों पर उनके आलेख देश-दुनिया में प्रकाशित होते रहते हैं। अपनी लेखनी के माध्यम से हिंदू-मुसलिम एकता व जातिगत संघर्ष के बीच की खाई को पाटने की पूरी कोशिश करते हैं।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW