₹400
"भारतीय मनीषा की चिरंतन चिंतन-परंपरा हमेशा ही अखंड, असीम और शाश्वत रही है। शाश्वत अस्तित्व का अवबोध ही अध्यात्म कहा जाता है। इस अवबोध की सूक्ष्म अभिव्यक्ति हमारे आर्ष ग्रंथों की गरिमामय विरासत है।
गीता हमारे आर्ष साहित्य की उत्कृष्ट उपलब्धि है। गीता के संपूर्ण कथ्य का आधार दैहिक सत्ता और चेतनतत्त्व की पृथकता की समझ का परिज्ञान है। मनुष्य के जीवन के साथ संपूर्ण सृजन खंडित और सीमित स्वरूप में नहीं है। वह अखंड, असीम और अनंत है। अपरिवर्तनशील सत्य की धुरी पर समस्त परिवर्तनशील दृश्यप्रपंच की परिधि गतिशील है। परिवर्तनशीलता के उद्दाम प्रवाह में अपरिवर्तनशील को अभिज्ञात करके उसे उपलब्ध हो लेने को कृष्ण ने ज्ञान कहा है। गीता का कथ्य किसी विशेष समय और परिस्थिति के सापेक्ष नहीं है। उसमें असीम जीवन-प्रवाह में सामंजस्य की सनातन संगति है।
इस पुस्तक में विराट् जीवन-बोध के मर्म को साहित्यिक संवेदना के धरातल पर पकड़ने की कोशिश है। विराट् अवबोध के परिप्रेक्ष्य में ही मनुष्य जीवन की अर्थवत्ता के फलित होने का विधान गीता में उद्घाटित होता है। अध्यात्म दूरारूढ़ परिकल्पनाओं की भूल भुलैया में भटकने का नाम नहीं, बल्कि सत्य से संवलित होकर द्वंद्वहीन सहज हो लेने की अनुभूति है। गीता के इस अनुभूति योग की रसमयता को ग्रहण कर सकने की उत्कंठा ही इस पुस्तक के प्रणयन की उत्प्रेरणा रही है।"
जन्म : 20 जुलाई, 1961 को चंदौली जनपद के खखड़ा गांव में।
शिक्षा : काशी हिंदू विश्वविद्यालय में। वहीं से डॉ. शिवप्रसाद सिंह के निर्देशन में हिंदी में पी.एच.डी.।
वाराणसी के हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय में और डॉ. घनश्याम सिंह पी.जी. कॉलेज में अध्यापन। हिंदी विभाग काशी हिंदू विश्वविद्यालय में रिसर्च एसोसिएट के रूप में उच्च स्तरीय शोध और अध्यापन।
ठाकुर प्रसाद उपांत महाविद्यालय के संस्थापक प्राचार्य।
संप्रति : प्राचार्य, माँ गायत्री महिला महाविद्यालय, हिंगुतरगढ़, चंदौली।
कृतियाँ : यह भी सच है (कहानी संग्रह), क्षितिज के पार (उपन्यास), हवा कुछ कह रही है (ललित निबंध), बच्चों को सिर्फ गणित पढ़ाइए (व्यंग्य निबंध), हारी हुई लड़ाई का वारिस (ठाकुर प्रसाद सिंह के रचना कर्म पर), स्वातंत्र्योत्तर हिंदी उपन्यास (समीक्षा), दस दिगंत (संपादन), नदी सूखने की सदी में (ललित निबंध), यह उपन्यास नहीं है (उपन्यास), चलो, चलें अपनी मधुशाला (काव्य)
संपर्क : ग्राम व पोस्ट—खखड़ा, जिला—चंदौली-232118 (उ.प्र.)।
मो.- 9450551160