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कथा-कहानियाँ सृष्टि के आरंभ से ही मनुष्य का मार्ग-दर्शन करती रही हैं। पंचतंत्र और हितोपदेश की कहानियाँ प्राचीन काल से हमारा मार्गदर्शन करती चली आ रही हैं।
प्रत्येक कहानी के लिए कथावस्तु का होना अनिवार्य है, क्योंकि इसके अभाव में कहानी की रचना की कल्पना भी नहीं की जा सकती। कहानी में केवल मनोरंजन ही नहीं होता, उसमें कोई उद्देश्य और संदेश भी निहित होता है।
जीवन में सादगी और सरलता का बहुत महत्त्व है। हमारी परंपरा में वर्णित है ‘सादा जीवन, उच्च विचार’। सादगी हमारे व्यक्तित्व को जो आभा प्रदान करती है, वह आडंबर या दिखावा नहीं। यह सादगी हमें आत्मविश्वास, शक्ति और आत्मबल देती है। इन्हीं जीवनमूल्य को समेटे, सादगी की महत्ता बताती प्रेरणाप्रद कहानियों का संकलन।
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अनुक्रम
प्राक्कथन —Pgs. 5
1. नन्हे का खोना और मिलना —Pgs. 15
2. दहेज का विरोध —Pgs. 17
3. समान व्यवहार —Pgs. 19
4. छोटे आदमी की राय —Pgs. 21
5. कद की बाधा —Pgs. 23
6. सच्ची मानवता —Pgs. 25
7. शास्त्रीजी की सादगी —Pgs. 27
8. सबकी पीड़ा में हमदर्दी —Pgs. 29
9. उधड़े हुए कुरते —Pgs. 31
10. साड़ी की कीमत —Pgs. 33
11. गाड़ी का दुरुपयोग —Pgs. 35
12. अकाल की समस्या —Pgs. 37
13. जंगल का फूल —Pgs. 39
14. नेता के गुण —Pgs. 41
15. किताब की नकल —Pgs. 43
16. स्टेशन का प्लेटफॉर्म —Pgs. 45
17. फूलों का चोर —Pgs. 47
18. देशवासियों की एकता —Pgs. 49
19. ड्यूटी के प्रति निष्ठा —Pgs. 51
20. दो शेरों का सामना —Pgs. 53
21. हॉकी, फुटबॉल और गेंद —Pgs. 55
22. विवाह के मंत्र —Pgs. 57
23. रसगुल्ले वाली डाँट —Pgs. 59
24. देश के फकीर —Pgs. 61
25. रेलमंत्री का सैलून —Pgs. 63
26. घोटाले का सुबूत —Pgs. 65
27. साधु जैसे शास्त्री —Pgs. 67
28. नौकरों के प्रति विनम्रता —Pgs. 69
29. आम आदमी के प्रधानमंत्री —Pgs. 70
30. ड्राइवर एक पिता —Pgs. 73
31. सैनिकों को प्रणाम —Pgs. 75
32. दो गिलास दूध —Pgs. 77
33. मांसाहारी सदस्य —Pgs. 79
34. देश-एक परिवार —Pgs. 81
35. स्वयं योग्य बनो —Pgs. 83
36. विरोधी बने अनुयायी —Pgs. 85
37. बेबसी का फायदा न उठाएँ —Pgs. 87
38. नियमों का पालन —Pgs. 89
39. नींव का पत्थर —Pgs. 91
40. कवि को दी सीख —Pgs. 93
41. नदिया के पार —Pgs. 95
42. आजादी का संघर्ष —Pgs. 97
43. गाँव के आदमी —Pgs. 99
44. समझौताकार शास्त्रीजी —Pgs. 101
45. माली काका से मिलाप —Pgs. 103
46. महिला कंडक्टर —Pgs. 105
47. गन्नों का दाम —Pgs. 107
48. नेहरूजी का कोट —Pgs. 109
49. उधार का रुपया —Pgs. 111
50. पहली जेलयात्रा —Pgs. 113
51. अलग-अलग भाषण —Pgs. 115
52. राजनीति में ललिताजी —Pgs. 117
53. काँच की चूड़ियाँ —Pgs. 119
54. बेटी की कुल्फी का सुख —Pgs. 121
55. कैदी का असाध्य रोग —Pgs. 123
56. बेटे की बीमारी —Pgs. 125
57. जेल में अध्ययन —Pgs. 127
58. ललिताजी को क्षय —Pgs. 129
59. मुसलिम पड़ोसी ने की मदद —Pgs. 131
60. पुलिस और जनता —Pgs. 133
61. यातायात के साधन —Pgs. 135
62. पुलिस का संयमित व्यवहार —Pgs. 137
63. बड़ों को प्रणाम —Pgs. 139
64. पेट का दर्द —Pgs. 141
65. गृहस्थ जीवन की सीख —Pgs. 143
66. पुत्र का कर्तव्य —Pgs. 145
67. लाल पगड़ी हटाएँ —Pgs. 147
68. पहली फिएट कार —Pgs. 149
69. वे दो समोसे —Pgs. 151
70. समय के पाबंद —Pgs. 153
71. पिता का कर्तव्य —Pgs. 155
72. ‘शास्त्री’ नामक शब्द —Pgs. 157
73. पद प्रतिष्ठा का इस्तेमाल —Pgs. 159
74. दिल का पहला दौरा —Pgs. 161
75. चुनाव का खर्च —Pgs. 163
76. मुलाकातियों से भेंट —Pgs. 165
77. मुसलमान बैरे का भोजन —Pgs. 167
78. हीरे की कील —Pgs. 169
79. चाय समारोह —Pgs. 170
80. भारत-श्रीलंका समझौता —Pgs. 173
81. रेल सेवाओं में सुधार —Pgs. 175
82. रेल-संपदा की चोरी —Pgs. 177
83. वे दो आम —Pgs. 179
84. बीता बुरे दिनों का दौर —Pgs. 181
85. सादे मंत्री का सादा भोजन —Pgs. 183
86. रेल कर्मचारी की ईमानदारी —Pgs. 185
87. भारतीय वस्तु का सम्मान —Pgs. 187
88. आय में कटौती —Pgs. 189
89. धोती-कुरते की पहचान —Pgs. 191
90. सादगीपूर्ण रहन-सहन —Pgs. 193
91. आंदोलन का प्रथम अनुभव —Pgs. 195
92. प्राकृतिक दाँतों ने दिया जवाब —Pgs. 197
93. गृह मंत्रालय का अतिरिक्त भार —Pgs. 199
94. भाषा विवाद —Pgs. 201
95. शास्त्री फॉर्मूला —Pgs. 203
96. यूगोस्लोवाकिया की यात्रा —Pgs. 205
97. सच्चे नेता की नीति —Pgs. 207
98. खाद्यान्न समस्या का हल —Pgs. 209
99. फोन पर अंतिम बात —Pgs. 211
100. ताशकंद में बिगड़ी तबीयत —Pgs. 213
101. देश का दुर्भाग्य —Pgs. 215
रेनू सैनी
जन्म : 1 अप्रैल।
शिक्षा : एम.फिल. (हिंदी)।
प्रकाशन : ‘दिशा देती कथाएँ’, ‘बचपन का सफर’, ‘बचपन मुसकाया जब इन्हें सुनाया’, ‘महात्मा गांधी की प्रेरक गाथाएँ’, ‘कलाम को सलाम’, ‘संत कथाएँ मार्ग दिखाएँ’, ‘सक्सेस गीता : सफल जीवन के 125 मंत्र’, ‘डायमंड लाइफ’, ‘जीवन धारा’, ‘मोदी सक्सेस गाथा’, ‘दीनदयाल उपाध्याय की प्रेरककहानियाँ’, ‘मिशन Impossible’, ‘दिल्ली चलो’, ‘लौहपुरुष सरदार पटेल के प्रेरकप्रसंग’ एवं ‘शास्त्रीजी के प्रेरकप्रसंग ’।
सम्मान : दिल्ली सरकार की हिंदी अकादमी द्वारा चार बार नवोदित लेखन एवं आठ बार आशुलेखन में पुरस्कृत; ‘बचपन का सफर’ पुस्तक को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा बाल साहित्य वर्ग के अंतर्गत ‘भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पाँचवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक ‘वितान’ के अंतर्गत कहानी ‘अद्भुत प्रतिभा’ एवं पाठ्यपुस्तक ‘बातों की फुलवारी’ के अंतर्गत ‘आखरदीप’ कहानी का प्रकाशन। राष्ट्रीय स्तर की अनेक पत्र-पत्रिकाओं एवं आकाशवाणी से रचनाओं का प्रकाशन व प्रसारण। अनेक साहित्यिक कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन।
संप्रति : सरकारी सेवा में कार्यरत।
संपर्क : saini.renu830@gmail.com