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जो रिश्ता आइस स्केटिंग रिंक में बना और जिसे काम के बीच चाय और कॉफी के न जाने कितने ब्रेक ने मजबूती दी, वो प्यार के परवान चढ़ते ही पागलपन की हद तक जा पहुँचा।
अल्हड़ और कामयाब फैशन ब्लॉगर मीरा को अपने सबसे अच्छे खडूस दोस्त, इशान से प्यार हो जाता है। साथ चलते, गिरते, साथ ही सँभलते, जब उन्हें अपनी मंजिल मिलती है, तो लगता है कि इससे बेहतर तो सफर ही था।
‘शायद यही है प्यार’ दोस्ती की तलाश, प्यार के पीछे भागने, सपनों को उड़ान देने, और उन सबके बीच संतुलन कायम करने की कहानी है। एक सच्ची प्रेम कहानी जो दिल से निकली और अपनी राह ढूँढ रही है।
देवांशी शर्मा जवान और उत्साही लेखिका हैं, जिन्होंने ‘नो मैटर व्हाट आई डू’ और ‘इमपरफेक्ट मिसफिट्स’ जैसी मशहूर पुस्तकें लिखी हैं। उनकी जिंदगी का यही फलसफा है कि ये वैसी ही होती है, जैसी हम इसे बनाते हैं और अपने शब्दों से प्यार और उसकी शरारतों को दिखाने की वो पूरी कोशिश करती हैं।