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होम्स ने घंटी बजाते हुए जवाब दिया, ‘‘कुछ ठंडा मीट और एक गिलास बियर हो जाए, मैं इतना व्यस्त था कि मैं खाने के बारे में सोच भी न सका और मेरी आज की शाम के भी व्यस्त रहने की संभावना है। डॉक्टर, मुझे तुम्हारे साथ की जरूरत होगी।’’
‘‘मुझे इसमें खुशी होगी।’’
‘‘तुम्हें कानून तोड़ना बुरा तो नहीं लगेगा?’’
‘‘बिलकुल नहीं।’’
‘‘गिरफ्तार होने की संभावना से भी नहीं?’’
‘‘अच्छे कारण के लिए, बिलकुल नहीं।’’
‘‘हाँ, कारण तो बहुत ही अच्छा है।’’
‘‘तब तो मैं तुम्हारा ही आदमी हूँ।’’
‘‘मुझे यकीन था कि मैं तुम पर भरोसा कर सकता हूँ।’’
‘‘मगर, तुम चाहते क्या हो?’’
—इसी संग्रह से
शेरलॉक होम्स की कहानियाँ दुनिया भर में जासूसी और साहसिक कारनामों के लिए जानी जाती हैं। कहानी के अंत तक रोमांच तथा सस्पेंस बना रहता है। बेहद पठनीय एवं रोमांच से भरपूर सर आर्थर कॉनन डॉयल सृजित पात्र शेरलॉक होम्स की लोकप्रिय कहानियों का पठनीय संग्रह।
सर आर्थर कॉनन डॉयल (22 मई, 1859-7 जुलाई, 1930) एक स्कॉटिश चिकित्सक और लेखक थे, जिन्हें अधिकतर जासूस शेरलॉक होम्स की कहानियों और प्रोफेसर चैलेंजर के साहसिक कारनामों के लिए जाना जाता है। उन्होंने विज्ञान कल्पना कथाएँ, ऐतिहासिक उपन्यासों, नाटकों और रोमांस, कविता और विभिन्न कल्पना साहित्य के रूप में विपुल साहित्य-सृजन किया।
कॉनन डॉयल ने प्रारंभिक शिक्षा रोमन कैथोलिक जेसुइट स्कूल में तथा उच्च शिक्षा स्टोनीहर्स्ट कॉलेज में प्राप्त की। उन्होंने एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में चिकित्सा विज्ञान का अध्ययन किया, तदुपरांत एस्टन शहर (जो अब बर्मिंघम का एक जिला है) और शेफील्ड में कार्य भी किया। अध्ययन काल में ही कॉनन डॉयल ने लघु-कथाओं का लेखन भी शुरू कर दिया था; उनकी पहली कहानी 20 वर्ष की अवस्था में चैंबर्स एडिनबर्ग जर्नल में प्रकाशित हुई।