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प्रयास करें कि आपका स्वभाव ऐसा हो कि आप जीवन के सफर में किसी बच्चे को जिज्ञासु बनाएँ। उसे मुक्त छोड़ें, ताकि वह इस गूढ़ विश्व में जीवन के रहस्यों को अपनी विवेचना से खुद सुलझाए। इस पुस्तक का अंतर्निहित विषय यही है। इस पुस्तक में पन्ना-दर-पन्ना आगे बढ़ते जाना वाकई करामाती अनुभव है। यह उत्साहजनक अनुभूति है कि कैसे हर पन्ना एक बच्चे को अपनी पहचान बचाने की संकल्पना बताते हुए जागरूक करता है। साथ ही बताता है कि कैसे आधुनिक शिक्षा प्रक्रिया में हमारे विद्यालय उसे निर्दयता से कुचलते जा
रहे हैं।
छात्र एक मानव संसाधन है और उसे पढ़ाते समय यह बात अच्छी तरह गाँठ बाँधकर रख लेनी चाहिए। छात्रों को विशेष लाभ दिलाने के लिए यह बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि दो छात्र एक तरह के कभी नहीं हो सकते। विद्यालय और शिक्षक किसी भी स्तर पर शिक्षा देने की अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते। उन्होंने विद्यादान का प्रण लिया है और यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वे अंत तक यह देखें कि इसे अच्छी तरह निभाया गया अथवा नहीं।
शिक्षा के साथ प्रयोग करते हुए इस क्षेत्र में क्या करणीय है और क्या अकरणीय है तथा विद्यार्थी का हित किसमें है, यह बताने का सहज प्रयास इस पुस्तक में किया गया है।
शिक्षा के स्तर के उन्नयन के व्यावहारिक कदम बताती पठनीय पुस्तक।
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अनुक्रम
भूमिका—7
लेखकीय—9
1. विद्यालय—शिक्षा के मंदिर—15
2. कक्षा—एक पुण्यमय ढाँचा—29
3. बच्चा—अपने आप में अनोखा—45
4. प्रेरणा—सफलता की कुंजी—54
5. जिज्ञासा को जगाना—66
6. प्रतिस्पर्धा—76
7. व्यतिगत अंतर—84
8. विशेष बच्चे—97
9. कक्षा प्रबंधन—110
10. अभिभावक-शिक्षक मेल-मिलाप—123
ममता मेहरोत्रा
शिक्षा : एम.एस-सी. (प्राणी विज्ञान)।
कृतित्व : ‘अपना घर’, ‘सफर’, ‘धुआँ-धुआँ है जिंदगी’ (लघुकथा-संग्रह), ‘महिला अधिकार और मानव अधिकार’, ‘शिक्षा के साथ प्रयोग’, ‘विद्यार्थियों के लिए टाइम मैनेजमेंट’, ‘विश्वासघात तथा अन्य कहानियाँ’, ‘जयप्रकाश तुम लौट आओ’ तथा अंग्रेजी में ‘We Women’, ‘Gender Inequality in India’, ‘Crimes Against Women in India’, ‘Relationship & Other Stories’ & ‘School Time Jokes’ पुस्तकें प्रकाशित। RTE Act पर लिखी पुस्तक ‘शिक्षा का अधिकार’ काफी प्रसिद्ध हुई और अनेक राज्य सरकारों ने इस पुस्तक को क्रय किया है। उनकी पुस्तकें मैथिली में भी प्रकाशित हो चुकी हैं। कुछ संक्षिप्त डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का भी निर्माण किया है।
‘सामयिक परिवेश’ एवं ‘खबर पालिका’ पत्रिकाओं का संपादन। अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं से संबद्ध।
संप्रति : निशक्त बाल शिक्षा एवं महिला अधिकारों से संबंधित कार्यों में संलग्न।