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राज कपूर भारतीय सिनेमा के एक दिग्गज अभिनेता थे। वे एक असाधारण शोमैन, एक प्रेमी, एक आदर्शवादी, एक संत और एक सुधारक भी थे। बेहतरीन निर्माता, निर्देशक, अभिनेता, एडिटर, गीतकार और कहानीकार के रूप में, इस क्षेत्र पर उनका प्रभुत्व ऐसा था कि उन्होंने कुछ ऐसी फिल्में बनाईं, जिन्हें दुनिया में कहीं भी बनी फिल्मों से ज्यादा देखा गया—ऐसी फिल्में, जिन्होंने दर्शकों की कई पीढि़यों को मंत्रमुग्ध किया है।
राज कपूर में न केवल हास्य की उम्दा टाइमिंग थी, बल्कि इतिहास में उनकी अपनी टाइमिंग थी। उन्होंने न केवल फिल्में बनाईं, बल्कि मुख्यधारा के भारतीय फिल्मी दर्शक वर्ग को भी उस समय तैयार किया, जब बाजार में किसी ने बॉलीवुड का नाम तक नहीं सुना था। विरासत में मिली सिनेमाई परंपरा के साथ काम करते हुए उन्होंने उसमें बदलाव किए, नई-नई चीजों को जोड़ा, और एक अलग ही, मोहक रोमांस से भरपूर और जबरदस्त लोकप्रिय फिल्मों का निर्माण किया।
वह भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक दूत थे। कहा जाए तो उनकी फिल्में भावनाओं और मनोरंजन की एक विचारधारा थीं। अपनी सामाजिक चिंताओं और संदेशों को उन्होंने हास्य, संगीत, रोमांस और नाटकीयता का रूप दिया। उनमें दर्शकों की नब्ज को पहचानने की गजब की समझ थी। फिल्म-निर्माण में राज कपूर के वास्तविक योगदान पर अंतहीन बहस हो सकती है, लेकिन इस बात से कुछ ही लोग इनकार कर सकते हैं कि वह हिंदी सिनेमा के अब तक के सबसे बड़े एंटरटेनर थे।
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अनुक्रम
मेरी बात —Pgs. 9
आभार —Pgs. 21
1. बाल्यकाल —Pgs. 25
2. परिवार —Pgs. 33
3. शुरुआत —Pgs. 83
4. नायिकाएँ —Pgs. 87
5. फिल्में —Pgs. 105
6. सहकर्मी और दोस्त —Pgs. 143
7. संगीत —Pgs. 153
8. राजनीतिक बैठकें —Pgs. 169
9. कार्य —Pgs. 175
10. विश्राम के पल —Pgs. 191
11. चिंतन —Pgs. 197
12. भारत से परे —Pgs. 217
13. अंतिम दिन —Pgs. 233
14. श्रद्धांजलियाँ —Pgs. 241
15. राज कपूर जन कल्याण संस्था —Pgs. 278
पुरस्कार —Pgs. 280
फिल्म तालिका —Pgs. 283
राज कपूर : द वन एंड ओनली शोमैन एक महान् हस्ती को उनके पाँच बच्चों रणधीर कपूर, रितु नंदा, ऋषि कपूर, रीमा जैन और राजीव कपूर की ओर से श्रद्धांजलि है, जिसे आर.के. फिल्म एंड स्टुडियो ने प्रोड्यूस किया है। यह एक अनोखा प्रयोग है, जो आत्मकथा भी है और जीवनी भी। आत्मकथा में उनके ही शब्दों का प्रयोग किया गया है, जिन्हें इंटरव्यू, पत्रिकाओं और किस्से-कहानियों से जुटाया गया है, ताकि एक जीनियस के मन में झाँकने का अनोखा अवसर मिल सके। राज कपूर के साथ पूरा न्याय करते हुए न तो उनके विचारों और शब्दों की विवेचना की गई है, न ही उन्हें फिर से लिखा गया है, बल्कि उनका संग्रह और संपादन मात्र किया गया है। उनकी जीवनी आनेवाली पीढ़ी के लिए उनके शानदार व्यक्तित्व के अनछुए पहलुओं को उनके परिवार, सहयोगियों और दोस्तों की यादों की सहायता से कलमबंद करने का प्रयास है। हर घटना राज कपूर की सोच को लेकर बहुत कुछ कहती है।
उनकी बेटी रितु नंदा की ओर से प्रस्तुत और उनके बच्चों की ओर से प्यार से सँजोई गई यह पुस्तक महान् शोमैन पर एक संपूर्ण अध्ययन है और उनकी यादों एवं भावनाओं को सदा जीवंत बनाए रखने का एक अद्भुत संग्रह।