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शिवावतार महायोगी गुरु श्रीगोरखनाथ की तपोस्थली का भव्य स्मारक श्रीगोरखनाथ मन्दिर योग, धर्म और अध्यात्म के केंद्र के रूप में विश्व- विख्यात है। इस मन्दिर की यशस्वी महंत परंपरा ने लोकोन्नति में ही आत्मोन्नति का दर्शन किया है। इस मन्दिर के मूल में ही लोक-कल्याण है। शिक्षा और चिकित्सा के माध्यम से राष्ट्रसेवा के संकल्प को पूर्ण करने के लिए यह मन्दिर निरंतर अग्रसर है। सामाजिक समरसता के लिए भी श्रीगोरक्षपीठ का अवदान स्तुत्य है। सनातन धर्मावलंबियों के समादर का भाव भी इस पीठ की विशिष्टता है। यह पीठ सामाजिक सरोकारों से बहुत गहराई से संबद्ध है। यह पुस्तक श्री गोरखनाथ मंदिर की इन्हीं विशिष्टताओं को उद्घाटित करती है।