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Shreshtha Banne Ke Marg Par 7 Divine Laws (Hindi Translation of 7 Divine Laws To Awaken Your Best Self)   

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Author Swami Mukundananda
Features
  • ISBN : 9789355210159
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Swami Mukundananda
  • 9789355210159
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2022
  • 192
  • Soft Cover
  • 250 Grams

Description

व्यक्तिगत विकास और जीवन का कायापलट इतना कठिन क्‍यों है ? क्या सृष्टि चाहती है कि हम विफल हो जाएँ? बिल्कुल नहीं | इस ब्रह्मांड की अद्भुत योजना के पीछे का उद्देश्य हमें सफल बनाना ही है। संसार के विधानों के प्रति हमारी अज्ञानता ही रुकावटें खड़ी करती है ।

जिस प्रकार भौतिक घटना विधानों से बँधी होती है, उसी प्रकार जीवन- यात्रा को नियंत्रित करने के लिए आध्यात्मिक विधान होते हैं। उनकी जानकारी से हम समझ पाते हैं कि कुछ लोग इतनी आसानी से सफल कैसे हो जाते हैं, जबकि दूसरों के लिए सफलता एक संघर्ष बनी रहती है। क्यों कुछ लोग जूते के फीते ही बाँधते रह जाते हैं, जबकि दूसरे दौड़ पूरी कर लेते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि प्रकृति के भौतिक विधानों के समान, जीवन में प्रसन्‍नता और संतुष्टि को नियंत्रित करनेवाले डिवाइन लॉज़ भी सदा मान्य रहते हैं ।

इस पुस्तक में प्रसिद्ध आध्यात्मिक विभूति स्वामी मुकुंदानंद ने 7 डिवाइन लॉज़ को आसानी से समझ में आनेवाले तरीके से बताया है--वैदिक रचनाओं के ज्ञान और गुदगुदानेवाली उन कहानियों के साथ, जिन्हें हम सभी अपने साथ जोड़ सकते हैं ।
यह पुस्तक आपको अपना सबसे अच्छा संस्करण बनने की शक्ति देगी ।

The Author

Swami Mukundananda

स्वामी मुकुंदानंद भारतवर्ष के एक विश्वविख्यात आध्यात्मिक शिक्षक, मन प्रबंधन विषय के प्रामाणिक विद्वान तथा श्रेष्ठ लेखक हैं। उन्होंने आई.आई.टी दिल्ली एवं आई.आई.एम कोलकाता जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से अपनी डिग्रियां प्राप्त कीं लेकिन एक शानदार कॉर्पोरेट भविष्य को त्यागकर सन्यासी जीवन को चुना। उन्होंने जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज के पादपद्मों का आश्रय लेकर वेदों-शास्त्रों का अध्ययन किया। लगभग चार दशकों से वे अपनी पुस्तकों, प्रवचनों एवं जीवन परिवर्तित करने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से अपने विशाल ज्ञान का वितरण कर रहे हैं।

स्वामीजी प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों से मिलते हैं। उनकी दृढ़ सकारात्मकता, उनसे जुड़ने वाले लोगों में आशा, स्पष्टता और संकल्प की भावना को प्रकट करती है। उन्होंने ऐसे असंख्य लोगों के जीवन को गहराई से प्रभावित किया है जो उनकी सत्यनिष्ठा, करिश्माई व्यक्तित्व और सेवा भावना से उनकी ओर आकर्षित हुए हैं। उनकी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद, उनसे मिलने वाले लोगों को उनके वास्तविक सहानुभूतिपूर्ण व्यक्तित्व का अनुभव हुआ है तथा वे इससे अत्यंत प्रभावित भी हुए हैं। स्वामीजी के प्रवचनों में हास्य का पुट होता है। उनकी खंडन-मंडन पद्धति तर्कसंगत होती है एवं उनका मार्गदर्शन व्यावहारिक होता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाखों लोग उनके व्याख्यानों को पसंद करते हैं और उनका पालन करते हैं। स्वामीजी ने अपना समय भारत व अमेरिका के बीच बांटा हुआ है।

 

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