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Shrimadbhagwadgita   

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Author Dr. Jagmohan Sharma
Features
  • ISBN : 9789393111463
  • Language : HINDI
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
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More Information

  • Dr. Jagmohan Sharma
  • 9789393111463
  • HINDI
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2022
  • 216
  • Hard Cover
  • 250 Grams

Description

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता संपूर्ण मानव जगत्‌ के लिए प्रासंगिक है। यह एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें सृष्टि के समस्त आध्यात्मिक पक्षों का समावेश किया गया है| इसमें संगृहीत सात सौ श्लोक सात महाद्वीपों के समान गंभीर हैं, जिन्हें समझकर भारतीय चिंतन का समस्त सार ज्ञात हो सकता है।

युद्धभूमि में श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया ज्ञान सार्वभौमिक है । उसमें किसी भी देश, धर्म, जाति के लिए समान रूप से कर्म का संदेश समाहित है ।

प्रस्तुत पुस्तक श्रीमद्‍भगवद्‍गीता के सात सौ श्लोकों का बहुत सुंदर शब्दों में दोहे रूप में रूपांतरण है ।
उदाहरण के लिए--

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदाssत्मानं सृजाम्यहम्‌॥
दोहा--
हानि होय जब-जब धरम, अति अधर्म बढ़ जाय। हे भारत ! संसार में, तब-तब प्रकटूँ आय॥

परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्‌ । धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे ॥
दोहा--
पापी करूँ विनाश मैं, करूँ साधु उद्धार । युगों-युगों में प्रकटता, धर्म स्थापना सार ॥
मानवीय संबंधों और जीवनमूल्यों को वर्णित करती सरल-सहज कृति, जो हर पाठक के हृदय को छू लेगी और वे 'गीता-ज्ञान' से संपकृत हो जाएँगे।

The Author

Dr. Jagmohan Sharma

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