₹500
विवाह जैसे मांगलिक अवसर को शानदार एवं यादगार बनाने के लिए उससे जुड़े विभिन्न पहलुओं को इस पुस्तक में समाहित किया गया है। आपके यहाँ आयोजित शादी अपने सुव्यवस्थित अंदाज के कारण सदैव सराही जाए और यह जीवन के स्वर्णिम क्षण के रूप में सबके मन-मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ सके, इस हेतु इस पुस्तक में विवाह की रस्मों का सचित्र एवं प्रसंग सहित वर्णन करने का प्रयास किया गया है।
यह पुस्तक न केवल निर्देशिका की तरह कार्य करेगी बल्कि विवाह की प्रत्येक रस्म-रिवाज के साथ-साथ एक मित्र व मार्गदर्शिका के रूप में भी कार्य करेगी। इसमें जहाँ एक तरफ न केवल संस्कारों की परंपरा और प्रासंगिकता का ध्यान रखा गया है, वहीं दूसरी तरफ आडंबरों पर चोट भी की गई है। इस पुस्तक में कुछ नए विषय, जैसे जेवर, विवाह का रजिस्ट्रेशन, वर-वधू को परोटना आदि भी शामिल किए गए हैं। जैसे-जैसे विवाह की रस्म-रिवाजें परवान चढ़ती जाएँगी, वैसे-वैसे इस पुस्तक की उपयोगिता व उपादेयता भी बढ़ती जाएगी। आपकी प्रतिक्रिया और सुझावों का सदैव इंतजार रहेगा।
13 जुलाई, 1967 को गुलाब बाग, बिहार में जन्मी रजनी बोरड़ की भारतीय रीति-रिवाजों और परंपराओं में विशेष अभिरुचि है। जयपुर के प्रतिष्ठित ‘सुबोध पब्लिक स्कूल’ में अध्यापिका हैं। यूरोप में जर्मनी और स्विट्जरलैंड तथा भारत के विभिन्न हिस्सों का भ्रमण। पुत्र के विवाह से जो अनुभव मिले, उनको ‘शुभ विवाह’ पुस्तक के रूप में सँजोकर सहज व सरल भाषा में, प्रभावी रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास है यह पुस्तक। राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी प्रदीप कुमार बोरड़ की सहधर्मिणी।