Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Shwet Patra   

₹450

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Viveki Rai
Features
  • ISBN : 9789382901808
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Viveki Rai
  • 9789382901808
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2018
  • 224
  • Hard Cover

Description

श्वेत -पत्र’  सन्  1942  के जनांदोलन और बलिया-गाजीपुर जनपद तथा बिहार के सीमावर्ती भोजपुरी अंचल के तत्कालीन गुप्त आंदोलन के प्रामाणिक इतिहास पर आधारित, उद्वेलित मानसिकता की संपूर्ण पकड़ से परिपूर्ण ऐसी कलाकृति है, जिसमें व्यापक राष्ट्रीय आंदोलन और गाँवों में फैले क्षेत्रीय आंदोलन का कहीं अभिन्न और कहीं समानांतर चित्रण है।

तत्कालीन स्थिति के कुछ सर्वथा नए तथ्यों को उजागर करता ‘श्वेत-पत्र’ अर्थात् आजादी का ऐतिहासिक दस्तावेज प्रस्तुत करता है। जयप्रकाश, लोहिया आदि के उन महत्त्वपूर्ण, प्रामाणिक बुलेटिनों, पैंफलेटों, पर्चों और गुप्त पत्रों को, जिनको सही मायने में अस्त्र बनाकर जनता स्वयं अपनी लड़ाई लड़ती है, गाँव के किसान-मजदूर, अध्यापक-विद्यार्थी और किसान-सरदार लड़ते हैं।

लेखक का दावा है—उन पैंफलेटों आदि का मूल रूप उसके पास सुरक्षित है  और इस प्रकार स्वतंत्रता संग्राम का एक सही-सही तथा रचनात्मक रूप उभर आता है ‘श्वेत-पत्र’ में। अत्यंत रोचक, सनसनीखेज, प्रभावशाली, प्रेरणाप्रद और आज  की  राष्ट्रीय  स्थितियों  के पुनर्मूल्यांकन योग्य अनेक अछूते आयामों से परिपूर्ण।

The Author

Viveki Rai

विवेकी राय
जन्म : 19 नवंबर, 1924 को गाँव : भरौली, जिला बलिया (उ.प्र.) में। 
शिक्षा : पैतृक गाँव : सोनवानी, जिला : गाजीपुर में। शुरू में कुछ समय खेती-बारी में जुटने के बाद अध्यापन कार्य में संलग्न।
रचना-संसार : ‘बबूल’, ‘पुरुषपुराण’, ‘लोकऋण’, ‘श्वेत-पत्र’, ‘सोनामाटी’, ‘समर शेष है’, ‘मंगल-भवन’, ‘नमामि ग्रामम्’, ‘अमंगलहारी एवं देहरी के पार’ (उपन्यास); ‘फिर बैतलवा डाल पर’, ‘जुलूस रुका है’, ‘गँवई गंध गुलाब’, ‘मनबोध मास्टर की डायरी’, ‘वन-तुलसी की गंध’, ‘आम रास्ता नहीं है’, ‘जगत् तपोवन सो कियो’, ‘जीवन अज्ञात का गणित है’, ‘चली फगुनहट बौरे आम’ (ललित-निबंध); ‘जीवन परिधि’, ‘गूँगा जहाज’, ‘नई कोयल’, ‘कालातीत’, ‘बेटे की बिक्री’, ‘चित्रकूट के घाट पर’, ‘सर्कस’ (कहानी-संग्रह); छह कविता-संग्रह, तेरह समीक्षा ग्रंथ, दो व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित ग्रंथ, दो संस्मरण ग्रंथ, चार विविध, नौ ग्रंथ लोकभाषा भोजपुरी में भी, पाँच संपादन। कई कृतियों का अन्य भाषाओं में अनुवाद। 85 से अधिक पी-एच.डी.।
सम्मान-पुरस्कार : प्रेमचंद पुरस्कार, साहित्य भूषण तथा महात्मा गांधी सम्मान, नागरिक सम्मान, यश भारती, आचार्य शिवपूजन सहाय पुरस्कार, राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान, महापंडित राहुल सांकृत्यायन सम्मान, सेतु सम्मान, साहित्य वाचस्पति, महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान।
स्मृतिशेष : 22 नवंबर, 2016

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW