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सियाचिन ग्लेशियर को लेकर भारत तथा पाकिस्तान के बीच निरंतर हो रहे संघर्ष ने पूरे विश्व का ध्यान आकृष्ट किया हुआ है।
प्रस्तुत पुस्तक सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र के इतिहास व भूगोल को बताने तथा कराकोरम पहाड़ों की शृंखला के एक सुदूरवर्ती कोने में ग्लेशियरों पर अद्भुत सैन्य उद्यम की रोमांचक कथा प्रस्तुत करती है; संघर्ष को प्रभावित करनेवाले रणनीतिक तथा प्रकार्यात्मक विचार-तंतुओं को साथ लाती है। यह सियाचिन मुद्दे पर कई दौर की बातचीत के दौरान भारत तथा पाकिस्तान, दोनों की सैन्य-नीति तथा राजनीतिक परिदृश्य का विश्लेषण करती है। यह उन बाध्यताओं का भी परीक्षण करती है, जो दो दक्षिण एशियाई राष्ट्रों को एक संघर्ष में संलिप्त रखती हैं, जबकि इसकी कोई सैन्य आवश्यकता नहीं है।
भारत और पाकिस्तान—दोनों परमाणु शक्ति-संपन्न राष्ट्र बन गए हैं। सन् 1999 में करगिल में एक हिंसक सैन्य संघर्ष हुआ, जो आंशिक रूप से सियाचिन संघर्ष का एक अंग था। यह पुस्तक इन घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में सियाचिन पर एक दृष्टिकोण स्थापित करने के साथ ही सियाचिन के अंतहीन संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक व्यावहारिक तथा चरणबद्ध समाधान ढूँढ़ निकालने का प्रयास करती है।
प्रस्तुत पुस्तक को पढ़कर पाठक सियाचिन की सैन्य व्यवस्था और संघर्ष से संबंधित तथ्यगत, प्रामाणिक व महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कर सकेंगे।
ले- जन. वी.आर. राघवन
जनरल राघवन ने ब्रिटेन के रॉयल मिलिट्री कॉलेज ऑफ साइंस तथा आर्मी स्टॉफ कॉलेज से सन् 1968 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वे हेनरी एल. स्टिमसन सेंटर, वाशिंगटन डी.सी. और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर इंटरनेशनल सिक्यूरिटी एंड कोऑपरेशन के फेलो भी हैं। भारतीय सेना में रहते हुए उन्होंने सन् 1994 तक सैंतीस वर्ष देश की सेवा की। सन् 1992 से 1 ष्ठय तक वे मिलिट्री ऑपरेशंस के महानिदेशक रहे।
जनरल राघवन ने भारतीय सेना के इतिहास और विकास पर अनेक पुस्तकें लिखी हैं। उनकी पुस्तकें 'इंडिया जै नीड फॉर स्ट्रैटेजिक बैलेंस' तथा 'लिमिटेड वार एंड न्यूक्लीयर एस्केलेशन इन साउथ एशिया' काफी चर्चित रही है तथा 'इकैंट्री इन इंडिया' और 'सियाचिन-कनफ्लिक्ट विदआउट एंड' सैन्य कॉलेजों में अनिवार्य रूप से पढ़ी जाती हैं।
जनरल राघवन इंटरनेशनल इंस्टिव्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज, लंदन के सदस्य हैं। भारत, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका के प्रमुख रक्षा सेवा कॉलेजों और संस्थाओं के वे विजिटिंग लेक्चरर हैं। रणनीतिक मसलों पर नियमित रूप से पत्र-पत्रिकाओं में लिखते हैं ।
वे दिल्ली पालिसी तुपकेनिदेशक और रक्षा विश्लेषण केंद्र, चेन्नई के अध्यक्ष हैं।