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यह उपन्यास ऐसे वर्ग के विषय में है, जिनके प्रति समाज की मनोदशा भद्दी व नकारात्मक है। यह कहानी एयर होस्टेस की पर्सनल व प्रोफेशनल जिंदगी को एक साथ दिखाएगी। यह कहानी आपको समझाएगी कि कैसे प्लेन की गैलरी में आपकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लिये हमारे ही समाज की लड़की मुसकान के साथ घंटों सेवा में खड़ी रहती हैं, जो अपने घर से दूर निरंतर साज-सज्जा के साथ न केवल आपके स्वास्थ्य का खयाल रखती हैं, बल्कि आपके खाने-पीने और मानसिक व्यवहार का भी खयाल रखती हैं। अतः इनका यह कार्य इन्हें देश की सुरक्षा में खड़े सैनिकों के समान यों कहें कि सैनिकों का दर्जा दिलाता है।
शुभी सक्सेना का यह जीवन आपको बताएगा कि प्लेन की गैलरी में खड़ी लड़की के चेहरे पर हर रोज लगातार 14-15 घंटे खिली मुसकान के पीछे क्या और कितना कुछ छुपा है! यह कहानी आपको समझाएगी कि नारी के बलिदान की कोई सीमा नहीं होती तथा नारी का धैर्य सबकुछ छिन जाने के बाद भी कितना विशाल होता है। यह कहानी आपको बताएगी कि नारी सशक्तीकरण का मेडल लिये कोई लड़की अपने जीवन से कितना कुछ देती है समाज को...।
संदीप कुमार यादव
कृतियाँ : ‘जनाग्रह’ (उपन्यास 2014), ‘प्रशिक्षु’ (संस्मरण 2015), ‘दृष्टि’ (उपन्यास 2017), ‘स्कॉलर’ (उपन्यास 2019)। साथ ही प्रतिष्ठित दैनिक और साप्ताहिक अखबारों में संपादकीय लेखन। प्रतिलिपि लेखक (150 से अधिक लेख, कहानियाँ और कविताएँ)।
शिक्षा : स्नातक।
कार्यक्षेत्र : केंद्रीय पुलिस कार्मिक; सामाजिक कार्यक्षेत्रों में निरंतर सहभागिता।
रुचि : लेखन और भ्रमण।
संपर्क : ग्राम-लाडपुर मुडि़या, पोस्ट-सुनाह, तहसील-फरीदपुर, बरेली (उ.प्र.)
इ-मेल : sandeepyadav40178@gmail.com