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स्नेहमूर्ति जगदीश मित्तल पुस्तक शत प्रतिशत समाज समर्पित श्री जगदीश मित्तल के जाने-अनजाने जीवन-प्रसंगों पर आधारित है। महावटवृक्ष जैसा छतनार जीवन जीते-जीते वे ऐसे उच्च भाव वाले, उच्च पदस्थ लोगों के साथ जितने निकट रहे, उतने ही आत्मीय रहे मिट्टी में लोट-पोट उन अनाम, अकिंचन सामान्य लोगों के साथ, जिन्हें कोई अपने पास भी नहीं फटकने देता। इस संकलन में कुछ ही आत्मीय जनों के संस्मरण आ पाए हैं।
कितने ही लोग उनके प्रति भावपूर्वक समर्पित हैं। मित्तलजी के राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक योगदान को रेखांकित करती हुई भावधाराओं का आनंद लीजिए। व्यक्ति का व्यवहार, प्रभाव और आदर्श किस प्रकार साहित्य के सिर पर जादू की तरह बोलता है, इसे समझने के लिए पढ़िए यह अनमोल संस्मरण ग्रंथ ।
डॉ. अशोक बत्रा
पूर्व प्राचार्य, श्री लाल नाथ हिंदू कॉलेज, रोहतक (हरियाणा)।
साहित्यिक लेखन : 'सन् 57', 'तेजपुंज विवेकानंद', 'रामचंद्र शुक्ल : व्यक्तित्व एवं कृतित्व', 'रामचंद्र शुक्ल के दो निबंध', 'कुछ शिक्षक कवि' (संपादित) दो भागों में, '25 श्रेष्ठ कहानियाँ' (संपादित), 'आधुनिक मीडिया लेखन', 'नवयुग हिंदी व्याकरण', 'आधुनिक हिंदी व्याकरण', 'विशेष हिंदी व्याकरण' (तीन भागों में), 'सुरभि पुस्तक माला' (11 पुस्तकें) ।
सम्मान : व्याकरण ग्रंथों पर 2005-06 का 'सर्वश्रेष्ठ लेखक सम्मान', फेडरेशन ऑफ एजुकेशनल पब्लिशर्स इन इंडिया, न्यू दिल्ली (FEPI) द्वारा; हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा सन् 2019 का 'आदित्य अल्हड़ सम्मान'; 'पंडित महेंद्र शर्मा स्मृति पुरस्कार' देहरादून, सन् 2020
भाषा-शोध : हिंदी भाषा के परिष्कार को समर्पित भाषा संस्कार के निदेशक । 6 शोध छात्रों का शोध निर्देशन ।
काव्यपाठ अनुभव : प्रतिष्ठित काव्य मंचों पर देशभर में काव्यपाठ ।
संप्रति : 'राष्ट्रीय कवि संगम' के राष्ट्रीय महामंत्री।
पता : एच-1004, माइक्रोटेक ग्रीनबर्ग, सेक्टर 86, गुरुग्राम-122005 (हरियाणा)