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जमशेदजी टाटा प्रख्यात भारतीय उद्यमी और उद्योगपति थे, जिन्होंने भारत के सबसे बड़े और सबसे सम्मानित व्यापारिक समूह में से एक टाटा समूह की स्थापना की थी। उनका जन्म 3 मार्च, 1839 को नवसारी, गुजरात में एक पारसी व्यापारी परिवार में हुआ था। 1868 में उन्होंने बंबई में एक छोटी व्यापारिक कंपनी की स्थापनाकी, जो बाद में टाटा समूहके नामसेविख्यात हुई। इस्पात, ऑटोमोबाइल, दूरसंचार, होटल और कई अन्य क्षेत्रों में इसकी प्रभावी उपस्थिति है ।
जमशेदजी टाटा अपनी दूरदर्शी सोच, नवाचार के प्रति विशेष आग्रह और सामाजिक दायित्वबोध की प्रबल भावना के लिए जाने जाते थे। उनका मानना था कि व्यवसाय भलाई के लिए अत्यंत प्रभावी और कारगर हो सकता है। इसीलिए उन्होंने अपने धन और प्रभाव का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण जैसे कार्यों के विस्तार एवं विकास के लिए किया। जमशेदजी की विरासत भारत और दुनिया भर में व्यापारिक नेताओं और उद्यमियों को प्रेरित एवं प्रभावित करती रही है। भारतीय दृष्टि के अनुसार व्यापार व उद्योग करते हुए समाज के लिए कुछ करने की उत्कट उत्कंठा लिये अपना संपूर्ण जीवन मानवता के कल्याण के लिए समर्पित करनेवाले भारतीय उद्योग जगत् के पुरोधा जमशेदजी टाटा की अत्यंत प्रेरक और रोचक प्रामाणिक जीवनी है यह पुस्तक ।
सार्वकालिक महान् व सफल उद्यमियों में से एक जमशेदजी टाटा की प्रेरक जीवनगाथा |