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आधे मिलियन डॉलर की खबर ने मुझे बहुत आत्मविश्वास दिया। मेरे पास एक बहुत स्पष्ट अवधारणा थी कि मैंने यह कैसे किया था और मुझे इस बात का भी यकीन था कि मैं यह फिर से कर सकता था। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं था कि मैंने अपनी कला में महारत हासिल कर ली थी। अपने टेलीग्रामों के साथ काम करते हुए मैंने एक तरह की छठी इंद्रिय विकसित कर ली थी। मैं अपने शेयरों को महसूस कर सकता था। मैं लगभग बता सकता था कि स्टॉक क्या करेंगे। यदि एक आठ अंक की बढ़त के बाद एक शेयर चार अंक पीछे आ जाता था तो मैं चिंतित नहीं होता था। मैं उससे ऐसा ही करने की अपेक्षा करता था। यदि कोई शेयर मजबूत होने लगता था तो मैं अकसर अनुमान लगा लेता था कि उसका बढ़ना किस दिन शुरू होगा। यह एक रहस्यमयी, समझाई न जा सकनेवाली वृत्ति थी; लेकिन मेरे मन में कोई संदेह नहीं था कि यह मेरे पास थी। इसने मुझे एक जबरदस्त शक्ति की भावना से भर दिया था।
—इसी पुस्तक से
यह पुस्तक निकोलस डरवास की असफलता, संघर्ष और अंततः अभूतपूर्व सफलता की यात्रा के बारे में है, जहाँ वह 6.5 वर्षों के दौरान 10 करोड़ रुपए से अधिक कमाते हैं। ध्यान रहे, यह 1950 के दशक के 2 मिलियन हैं। स्टॉक मार्केट में असामान्य और अद्वितीय सफलता की कहानी, जो निवेशकों को आत्मविश्वास देगी और सही निवेश करके अपनी कमाई को बढ़ाने के व्यावहारिक सूत्र बताएगी।
हंगरी में जन्मे, निकोलस डरवास ने बुडापेस्ट यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र की शिक्षा प्राप्त की। नाजियों या सोवियतों के कब्जा जमाने से पहले ही, 23 साल की उम्र में एक फर्जी एग्जिट वीजा के सहारे उन्होंने हंगरी छोड़ा और भूख मिटाने के लिए जरूरी पचास पाउंड स्टर्लिंग के साथ तुर्की के इस्तांबुल आ गए। बतौर डांसर अपने काम से मिले खाली समय में हर दिन आठ घंटे के हिसाब से, उन्होंने शेयर बाजार और बड़े-बड़े सटोरियों पर लिखी करीब 200 किताबें पढ़ डालीं। डरवास ने अपना पैसा कुछ ऐसे शेयरों में लगाया जो 52 हफ्ते तक बुलंदी पर थे। उन्हें यह देखकर हैरत हुई कि उनके शेयर लगातार चढ़ते गए और आखिर में उन्होंने अपने शेयर एक बहुत बड़े मुनाफे पर बेच दिए। शेयरों के चुनाव का उनका मुख्य स्रोत बैरंस मैगजीन थी। 39 साल की उम्र में, अच्छी-खासी दौलत कमाने के बाद, डरवास ने अपनी तरकीबों को इस पुस्तक, ‘स्टॉक मार्केट में मैंने 0 से 10 करोड़ रुपए कैसे कमाए’ में दर्ज किया। पुस्तक में उनके अनोखे बॉक्स सिस्टम के बारे में बताया गया है, जिसका इस्तेमाल उन्होंने शेयर खरीदने और बेचने के लिए किया। डरवास की यह पुस्तक आज भी शेयर बाजार पर लिखी एक उत्कृष्ट पुस्तक है।