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"मस्तिष्क एक शानदार यंत्र है, लेकिन अगर प्रभावी ढंग से प्रबंधित नहीं किया जाता है, तो यह संकट, नकारात्मकता और उदासीनता का स्रोत बन सकता है। हालाँकि अच्छी खबर यह है कि सही ज्ञान, उपकरणों और अभ्यास के साथ हम अपनी बुद्धि की शक्ति का उपयोग करना सीख सकते हैं और अपने स्वयं के बौद्धिक क्षेत्र के स्वामी बन सकते हैं।
यह पुस्तक हमें व्यावहारिक रणनीतियों, उदाहरणों और अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए है, जो हमें अपनी बुद्धि पर नियंत्रण रखने और अपने लक्ष्यों, मूल्यों और आकांक्षाओं के अनुरूप जीवन को बनाने में मदद कर सकती है।
अपनी बुद्धि पर नियंत्रण पाना आजीवन चलनेवाली यात्रा है और इसके लिए समर्पण, सतत प्रयास और अभ्यास की आवश्यकता होती है।
यह पुस्तक एक त्वरित समाधान नहीं है, बल्कि एक रोडमैप है, जो हमको अधिक आत्म-चेतना, आत्म-देखभाल और आत्म-निपुणता में हमारा मार्गदर्शन कर सकती है। यह एक ऐसा उपकरण है, जिसका उपयोग हम सकारात्मक बौद्धिकता विकसित करने, स्वस्थ आदतें बनाने, अपनी भावनाओं को प्रबंधित करने और सोच-समझकर निर्णय लेने के लिए कर सकते हैं। यह एक ऐसा संसाधन है जिसका हम संदर्भ ले सकते हैं।
आशा है, यह पुस्तक अपनी बुद्धि को नियंत्रित करने की यात्रा में हर आयु वर्ग के पाठक का भरपूर मार्गदर्शन करेगी।
2008 बैच के गुजरात कैडर के आई. ए. एस. अधिकारी डॉ. रणजीत कुमार सिंह का जन्म बिहार के वैशाली जिले के एक गाँव देसरी में हुआ। डॉ. रणजीत कुमार ने स्नातक की डिग्री पटना कॉलेज (पटना विश्वविद्यालय) से प्राप्त की तथा आई.ए.एस. अधिकारी बनने के पश्चात एल.एल.बी., पटना लॉ कॉलेज (पटना विश्वविद्यालय) तथा पी-एच.डी. (पटना विश्वविद्यालय) की डिग्री प्राप्त की ।
बिहार राज्य में विभिन्न उच्च पदों पर कार्य कर चुके डॉ. रणजीत कुमार सिंह शिक्षा विभाग एवं पंचायती राज विभाग में निदेशक के पद पर कार्यरत थे, इससे पूर्व वे जिला पदाधिकारी, सीतामढ़ी रह चुके हैं।
उन्होंने पटना में ‘मिशन 50' नामक संस्था के माध्यम से सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए 1850 से अधिक उम्मीदवारों को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया है। समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए उन्हें 'बेस्ट लीडरशिप अवार्ड', 'महात्मा गाँधी स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार' सहित अन्य कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।