₹350
‘व्यापार’ ही एक ऐसी चीज है, जिसने इस दुनिया में सबसे ज्यादा रंक से राजा बनाए हैं। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को चलाने में, लोगों के जीवन का पालन-पोषण करने में, इस दुनिया को बेहतर बनाने में सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान किसी का है तो वह ‘व्यापार’ का ही है। ‘व्यापार’ एक सदैव गतिशील रहनेवाली प्रक्रिया है, जो सरहदों को मिटाती है, दिलों को एक करती है।
सभी व्यापारी भिन्न-भिन्न परिस्थितियों से अपने जीवन में आगे आए; कोई अत्यंत दुर्दम्य गरीबी में से आगे आया तो कोई अत्यंत धनवान परिवार में पैदा हुआ, तो कोई अपने ज्ञान के बलबूते पर अपनी किस्मत बदलने में सक्षम हुआ। पर इन सब में एक बात समान थी, वह थी—जिद। परिस्थितियों को बदलकर रखने की, कुछ कर गुजरने की जिद। अपने परिश्रम, नवाचार, कर्मठता और दूरदर्शिता से इन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि हिम्मत से परिस्थितियाँ बदली जा सकती हैं। कई ऐसे उत्पादों का इन्होंने निर्माण किया, जिनके बगैर हम आज अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। इन कर्मयोगियों ने पूरेविश्व को जीने की राह बताई है। उद्यमशीलता के मूल-मंत्र से अनुप्राणित यह पुस्तक पाठकों को भी इस क्षेत्र में सफल होने के लिए प्रेरित करेगी और इन कर्मयोगी व्यापारियों के कर्तव्य के प्रति नतमस्तक कर देगी।
जीवन को नई दिशा देनेवाली इन प्रेरक कर्मयोगियों की गाथा पाठकों के जीवन में भी नई आशा का संचार करेगी तथा व्यापार उद्यमिता की मशाल हजारों-लाखों पाठकों के दिलों में जलाएगी।
________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रम
भूमिका —Pgs. 7
दिल से.. —Pgs. 9
कृतज्ञता —Pgs. 13
शुभकामना संदेश —Pgs. 15
1. जापान का गौरव — अकिओ मोरीटा —Pgs. 19
2. साबुन से सॉटवेयर तक — अजीम प्रेमजी —Pgs. 24
3. टेकओवर टायकून — आर.पी. गोयनका —Pgs. 29
4. भारत का लॉक मास्टर — आर्देशिर गोदरेज —Pgs. 34
5. आई.टी. पितामह — एन.आर. नारायण मूर्ति —Pgs. 40
6. इंटेल इनसाइड —ऐंडी ग्रोव —Pgs. 46
7. सफेदी की कामयाबी —करसनभाई खेडियादास पटेल —Pgs. 52
8. स्वाद भरी सफलता — कर्नल हरलैंड सैंडर्स —Pgs. 56
9. शेविंग एंपायर — किंग कॅप जिलेट —Pgs. 61
10. रिटेल के बिग बॉस — किशोर बियानी —Pgs. 65
11. कर्मयोगी तपस्वी — कोनोसुके मात्सुशिटा —Pgs. 73
12. उद्योग महामेरु — घनश्याम दास बिरला —Pgs. 78
13. कॉपी का विश्व-मसीहा — चेस्टर कार्लसन —Pgs. 85
14. सड़कपति से खरबपति —जॉन कुम —Pgs. 89
15. भारत-रत्न — जे.आर.डी. टाटा —Pgs. 96
16. पुस्तक सम्राट —जेफ बेजॉस —Pgs. 102
17. खुशियों की डिलीवरी —टॉम मोनाहन —Pgs. 108
18. ब्रेकिंग न्यूज का मसीहा —टेड टर्नर —Pgs. 113
19. जूतों के शहंशाह —डेसलर बंधु —Pgs. 118
20. वैज्ञानिक उद्योगपति —थॉमस अल्वा एडिसन —Pgs. 123
21. सर्वम हमेशा —पृथ्वीराज सिंह ओबेरॉय —Pgs. 129
22. साबुन सम्राट —विलियम प्रोटर और
जेम्स गैंबल —134
23. महालक्ष्मी-पुत्र —बिल गेट्स —Pgs. 139
24. जूतों की दुनिया —बिल बॉवरमैन और फिल नाइट —Pgs. 144
25. हीरो ग्रुप ‘देश की धड़कन’ —बृजमोहन लाल मुंजाल —Pgs. 148
26. कंप्यूटर क्रांति का अग्रज —माइकल डेल —Pgs. 153
27. चॉकलेट का जन्मदाता —मिल्टन हर्षे —Pgs. 157
28. यूटी महाराजा —राधेश्याम अग्रवाल और
राधेश्याम गोयनका —Pgs. 161
29. बर्गर से बिलेनियर तक —रे क्रॉक —Pgs. 166
30. इंटरनेट का महासाम्राज्य —लैरी पेज एवं सर्जे ब्रीन —Pgs. 170
31. निवेश का जादूगर — वॉरेन बफे —Pgs. 174
32. सपनों का सौदागर —वॉल्ट डिजनी —Pgs. 180
33. च्युइंगम का जनक —विलियम रिगली —Pgs. 185
34. विश्व को दी ठंडक —विलीस कैरियर —Pgs. 189
35. कर्मयोद्धा — सर रिचर्ड ब्रांसन —Pgs. 194
36. सामान्य से सर्वम — सुनील भारती मिल —Pgs. 201
37. रिटेलिंग की दुनिया का शहंशाह —सैम वॉल्टन —Pgs. 206
38. वालिटी मास्टर — सोईशिरो होंडा —Pgs. 211
39. बदल दी दुनिया —स्टीव जॉस —Pgs. 216
40. कॉफी का सुपर स्टार —हॉवार्ड शुल्ज —Pgs. 227
खुद को गर्व से ‘व्यापारी’ कहनेवाले नीलेश परतानी (NP) ने ‘Born to be Entrepreneur’ इस उक्ति को अपने जीवन के हर पहलू में अंगीकार किया है। उन्होंने डिजाइनर ग्लास प्रोसेसिंग से लेकर रियल एस्टेट तक विभिन्न क्षेत्रों में अपनी व्यापार-यात्रा पिछले पंद्रह वर्षों से भी अधिक समय से अनवरत सफलतापूर्वक जारी रखी है।
फ्यूचर ग्रुप एवं सीएनबीसी नेटवर्क द्वारा आयोजित भारत के प्रथम बिजनेस रियलिटी शो ‘छोटा बिजनेस बड़े सपने’ में विजेता के रूप में चुनाव होने के बाद इन्हें फ्यूचर ग्रुप चेयरमैन श्री किशोर बियाणी का मार्गदर्शन मिला और फिर एक शहर, एक राज्य की सीमाएँ लाँघते हुए इन्होंने अपना व्यापार देशव्यापी कर सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया।
उद्यमिता (Entrepreneurship) के बारे में बोलना, पढ़ना और लिखना इनका सबसे बड़ा पैशन (जुनून) है और अपने साप्ताहिक कॉलम ‘जय व्यापार’ द्वारा लाखों लोगों को इन्होंने ‘उद्यमिता’ के पथ पर चलने के लिए प्रोत्साहित किया है। व्यापारी होने के साथ ही नीलेश परतानी (हृक्क) एक असाधारण प्रेरक वक्ता एवं लेखक भी हैं और अपने प्रेरणादायी उद्बोधनों से देश-विदेश में समाज-जागरण का कार्य निरंतर कर रहे हैं।