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Sukhi Parivar Samriddha Rashtra

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Author Acharya Mahapragya , A P J Abdul Kalam
Features
  • ISBN : 9788173157097
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Acharya Mahapragya , A P J Abdul Kalam
  • 9788173157097
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2020
  • 208
  • Hard Cover

Description

परिवार व राष्‍ट्र के विकास के माध्यम से ही एक शांतिपूर्ण, सुखी व समृद्ध समाज का विकास हो सकता है। सुविख्यात जैन मुनि आचार्य महाप्रज्ञ तथा पूर्व राष्‍ट्रपति भारत-रत्‍न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का समाज के प्रति समर्पण और उसकी उन्नति के प्रति चिंता सर्वविदित है; परंतु विसंगतियों के बावजूद उसके सशक्‍त होने की क्षमता पर भी उन्हें पूरा भरोसा है। इस विचार-प्रधान पुस्तक ‘सुखी परिवार, समृद्ध राष्‍ट्र’ में इन दो विशिष्‍ट व्यक्‍तियों के परिवार, समाज और राष्‍ट्र के प्रति सरोकारों को रेखांकित किया गया है।
लेखकद्वय का विचार है कि एक उत्तम राष्‍ट्र का निर्माण करने के लिए इसके बीज परिवार में ही बोए जाने चाहिए। कोई ऐसा व्यक्‍ति ही, जिसका पालन-पोषण उचित मूल्यों की शिक्षा देनेवाले परिवार में हुआ हो, राष्‍ट्र के प्रति अपने उत्तरदायित्व को समझ सकता है। ऐसा नागरिक ‘निष्‍ठा से काम करो और निष्‍ठा से सफलता पाओ’ के सिद्धांत को अपनाएगा। केवल आर्थिक विकास और सैन्य-शक्‍ति से राष्‍ट्र उन्नत नहीं होगा, बल्कि इसके लिए मूल्यपरक समाज-जीवन का वातावरण बनाना होगा। यह दर्शन ही इस पुस्तक का मूल सिद्धांत है।

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अनुक्रम

आभार — ... 5

पुस्तक का उद्भव — ... 7

भाग-1 : विकास — ... 13

1. भारतीय संस्कृति की गतिशीलता — ... 15

2. विकास की प्रक्रिया और पीड़ा — ... 37

3. एकता का विचार — ... 68

भाग-2 : व्यति, परिवार और राष्ट्र — ... 99

4. स्वस्थ व्यतियों का निर्माण — ... 101

5. एक सुखी परिवार का सृजन — ... 136

6. एक समृद्ध राष्ट्र का उद्भव — ... 171

पश्चालेख — ... 196

संदर्भ — ... 200

The Author

Acharya Mahapragya

आचार्य महाप्रज्ञ विश्‍व भर के जैन धर्म के चिंतकों में अग्रणी स्थान रखते हैं और जैन श्‍वेतांबर तेरापंथ के दसवें आचार्य हैं। सन् 1920 में राजस्थान के एक गाँव में जनमे आचार्य महाप्रज्ञ दस वर्ष की आयु में भिक्षु बन गए। उनकी शिक्षा-दीक्षा आचार्य श्री तुलसी के मार्गदर्शन में संपन्न हुई, जिन्होंने सन् 1949 में विश्‍व में अहिंसा, घृणा और पृथक्‍ता के भाव से मुक्‍त धर्म के प्रचार के लिए अणुव्रत आंदोलन का सूत्रपात किया। आचार्य महाप्रज्ञ का व्यक्‍तित्व बहुआयामी है और वे भारतीय तथा पश्‍च‌िमी धर्म व दर्शन के सुविख्यात अध्येता हैं। अनेक पुस्तकों के लेखक आचार्यश्री को ‘आधुनिक विवेकानंद’ भी कहा जाता है। अहिंसा का संदेश फैलाने के लिए वे पैदल ही 1 लाख किलोमीटर और 10 हजार गाँवों का भ्रमण कर चुके हैं। इसी उद‍्देश्य से उन्होंने वर्ष 2001 में ‘अहिंसा यात्रा’ प्रारंभ की। सांप्रदायिक सौहार्द के लिए किए गए कार्यों में उनके विशिष्‍ट योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2004 में ‘कम्यूनल हार्मोनी अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।

A P J Abdul Kalam

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के यशस्वी वैज्ञानिकों में से एक तथा उपग्रह प्रक्षेपण यान और रणनीतिक मिसाइलों के स्वदेशी विकास के वास्तुकार हैं। एस.एल.वी.-3, ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ उनकी नेतृत्व क्षमता के प्रमाण हैं। उनके अथक प्रयासों से भारत रक्षा तथा वायु आकाश प्रणालियों में आत्मनिर्भर बना।
अन्ना विश्‍वविद्यालय में प्रौद्योगिकी तथा सामाजिक रूपांतरण के प्रोफेसर के रूप में उन्होंने विद्यार्थियों से विचारों का आदान-प्रदान किया और उन्हें एक विकसित भारत का स्वप्न दिया। अनेक पुरस्कार-सम्मानों के साथ उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘भारत रत्‍न’ से भी सम्मानित किया गया।
संप्रति : भारत के राष्‍ट्रपति।

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