₹250
हम सभी चाहते हैं कि हमारे बच्चे जीवन में अच्छे से अच्छा करें। ‘आप अपने बच्चे को एक सुपर चाइल्ड बना सकते हैं।’ हाँ, आपने बिल्कुल ठीक सुना। श्रेष्ठ आदतें ऐसी होती हैं, जो आपके बच्चे को सच में सुपर चाइल्ड बना सकती हैं। हमारे बच्चों की आदतें, उनके कौशल और उनकी नैतिक वैल्यू अच्छी होनी चाहिए, जिनका इस्तेमाल वे अपने आपको एक सुपर चाइल्ड बनाने में और अपनी सच्ची प्रतिभा को दिखाने में कर सकते हैं। यह पुस्तक इसी विषय पर आधारित है। ऐसी 52 आदतें हैं, जो साल के 52 सप्ताह की ही तरह हैं। एक बच्चा हर सप्ताह एक अच्छी आदत ग्रहण कर सकता है और साल के अंत तक उसकी ये 52 आदतें ऐसी होंगी, जो निश्चित रूप से उसे सुपर चाइल्ड बना देंगी।
इस पुस्तक में व्यवहार, शिष्टाचार, आदतों और मूल्यों पर अलग-अलग अध्याय हैं। हर बच्चे में इनका होना जरूरी है, तभी वह जिंदगी में जैसा बनना चाहता है, वैसा बन सकता है। ये ऐसी 52 आदतें हैं, जो बच्चे की जिंदगी के सभी पहलुओं का खयाल रखती हैं, चाहे उसकी सेहत हो, स्वच्छता या फिर उसकी फिटनेस, उसके शौक और उसके उद्देश्य, उसकी धारणाएँ, उसके निजी और पारिवारिक मूल्य। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद बच्चों के साथ-साथ उसके माता-पिता भी जीवन में उसके इरादों और उद्देश्यों को पूरा करने में उसकी मदद कर सकते हैं।
रोहित मेहरा 2004 बैच के एक आई.आर.एस. अधिकारी हैं। उन्हें नई-नई चीजें करना पसंद है। वह लेखक, ब्लॉगर और मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। उन्हें पर्यावरण से गहरा लगाव है। उन्होंने भारत में वर्टिकल गार्डंस की शुरुआत की है। उन्हें ‘ग्रीनमैन’ के नाम से जाना जाता है और वृक्षायुर्वेद के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए उन्होंने 40 से ज्यादा माइक्रो-जंगल बनाए हैं। उन्होंने चार साल में लगभग 7.50 लाख पेड़-पौधे लगाए हैं और 550 से ज्यादा वर्टिकल गार्डन खडे़ किए हैं। उन्होंने भारत में सीड-बॉल्स की मुहिम का नेतृत्व किया और पिछले तीन साल में लगभग 20 लाख सीड-बॉल्स बनाकर उनका वितरण भी किया, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। उन्होंने सुंदरी और इलेक्शन-आई नाम से दो मोबाइल एप्लीकेशन बनाए हैं। ‘तीर्थ-यात्रा’ नाम का मोबाइल एप उनकी ही प्रेरणा से बना है। उन्हें घूमने का बहुत शौक है और वे पूरे भारत का भ्रमण कर चुके हैं। उन्होंने ‘101 सैक्रेड प्लेसेज ऑफ इंडिया’ पुस्तक भी लिखी है। व्यक्तित्व विकास पर वह ‘डिजाइन योर डेस्टिनी’ के नाम से एक सफल ब्लॉग चला रहे हैं। उन्होंने विभिन्न विषयों पर लेख भी लिखे हैं, जो राष्ट्रीय समाचार-पत्रों में प्रकाशित होते रहते हैं।