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इस पुस्तक में अयोध्या विवाद की सुप्रीम कोर्ट में 40 दिनों तक चली मैराथन सुनवाई और कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के हर बारीक-से-बारीक पहलुओं का वर्णन किया गया है। 40 दिन की सुनवाई में किस दिन किस पक्षकार ने क्या दलीलें दीं? उनके क्या जवाब दिए गए और कोर्ट के किस-किस जज ने सुनवाई के दौरान क्या टिप्पणी की? अयोध्या विवाद की 40 दिन की सुनवाई में अखबारों की सुर्खियाँ केवल गिनी-चुनी कोर्ट की टिप्पणियाँ और दलीलें ही बनी थीं, जबकि कोर्ट की सुनवाई में उनसे इतर भी बहुत कुछ घटित हुआ था। अखबारों व टी.वी. चैनलों की खबरों में इन जानकारियों का अभाव रहता है कि दिन भर चली सुनवाई में खास टिप्पणियों के अलावा क्या कुछ हुआ। बहुत से लोग ये जानना चाहते हैं कि अयोध्या विवाद की दिन भर की सुनवाई में पूरे दिन क्या-क्या हुआ? इनके जवाब आपको इस पुस्तक के माध्यम से मिलेंगे।
पुस्तक में अयोध्या विवाद का संक्षिप्त वर्णन, इलाहाबाद हाइकोर्ट का फैसला किन प्रमुख आधारों पर दिया गया था, इसकी जानकारी भी दी गई है। फिर यह विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुँचा और 8 साल तक लंबित रहा। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता से विवाद को सुलझाने के दो प्रयास किए और दोनों ही विफल रहे।
आखिर कैसे तीन हिस्सों में विभाजित जमीन के मालिक रामलला साबित हुए। इस सवाल का जवाब भी आपको इस पुस्तक में मिलेगा। पुस्तक के अंत में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले में बेनामी राय देनेवाले जज के 116 पेज के अडेंडम को विस्तार दिया गया है, जिसमें एक जज ने बिना अपना नाम बताए तथ्यों के आधार पर बताया है कि विवादित स्थल ही भगवान् राम का जन्मस्थल है। इन सभी सुनी-अनसुनी जानकारियों के साथ इस पुस्तक को तैयार किया गया है।
“इस अदालत को एक ऐसे विवाद का समाधान करने का कार्य सौंपा गया था, जिसकी जड़ें उतनी ही पुरानी थीं जितना पुराना भारत का विचार है। इस विवाद के घटनाक्रम मुगल साम्राज्य से लेकर मौजूदा संवैधानिक शासन तक फैले हैं।”
“ऐतिहासिक निर्णय का अंतिम वाक्य—
निष्कर्ष यह है कि मस्जिद बनने से पहले भी हिंदुओं की आस्था यही थी कि भगवान् राम का जन्मस्थान वही है, जहाँ बाबरी मस्जिद थी और इस आस्था की पुष्टि दस्तावेजों और मौखिक गवाही से हो चुकी है।”
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अनुक्रम
भूमिका —Pgs. 7
आभार —Pgs. 9
1. अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद का इतिहास —Pgs. 15
2. अयोध्या विवाद के अदालती सफर की शुरुआत —Pgs. 20
3. अयोध्या विवाद सुप्रीम कोर्ट में आठ साल दस्तावेजों की वजह से लटका और 11 आदेश जारी किए गए —Pgs. 22
4. सुप्रीम कोर्ट ने दो बार किए मध्यस्थता के प्रयास, मगर मध्यस्थता के जरिए विवाद को नहीं निपटाया जा सका —Pgs. 25
5. अयोध्या विवाद के वो 15 मुद्दे जिन पर केंद्रित रही हिंदू व मुस्लिम पक्षकारों की दलीलें —Pgs. 27
6. सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद पर 40 दिन की मैराथन सुनवाई करनेवाले पाँचों जजों का संक्षिप्त परिचय —Pgs. 35
7. अयोध्या मामले की मैराथन सुनवाई का पहला दिन (6 अगस्त, 2019) —Pgs. 37
8. अयोध्या मामले की सुनवाई का दूसरा दिन (7 अगस्त, 2019) —Pgs. 41
9. अयोध्या मामले की सुनवाई का तीसरा दिन (8 अगस्त, 2019) —Pgs. 45
10. अयोध्या मामले की सुनवाई का चौथा दिन (9 अगस्त, 2019) —Pgs. 48
11. अयोध्या मामला—पाँचवीं सुनवाई (13 अगस्त, 2019) —Pgs. 52
12. अयोध्या मामला—छठी सुनवाई (14 अगस्त, 2019) —Pgs. 57
13. अयोध्या मामला—सातवीं सुनवाई (16 अगस्त, 2019) —Pgs. 61
14. अयोध्या मामला—आठवीं सुनवाई (20 अगस्त, 2019) —Pgs. 65
15. अयोध्या मामला—नौवीं सुनवाई (21 अगस्त, 2019) —Pgs. 69
16. अयोध्या मामला—10वीं सुनवाई (22 अगस्त, 2019) —Pgs. 73
17. अयोध्या मामला—11वीं सुनवाई (23 अगस्त, 2019) —Pgs. 79
18. अयोध्या मामला—12वीं सुनवाई (26 अगस्त, 2019) —Pgs. 82
19. अयोध्या मामला—13वीं सुनवाई (27 अगस्त, 2019) —Pgs. 85
20. अयोध्या मामला—14वीं सुनवाई (28 अगस्त, 2019) —Pgs. 88
21. अयोध्या मामला—15वाँ सुनवाई (29 अगस्त, 2019) —Pgs. 92
22. अयोध्या मामला—16वीं सुनवाई (30 अगस्त, 2019) —Pgs. 96
23. अयोध्या मामला—17वीं सुनवाई (02 सितंबर, 2019) —Pgs. 100
24. अयोध्या मामला—18वीं सुनवाई (03 सितंबर, 2019) —Pgs. 106
25. अयोध्या मामला—19वीं सुनवाई (04 सितंबर, 2019) —Pgs. 110
26. अयोध्या मामला—20वीं सुनवाई (05 सितंबर, 2019) —Pgs. 114
27. अयोध्या मामला—21वीं सुनवाई (11 सितंबर, 2019) —Pgs. 117
28. अयोध्या मामला—22वीं सुनवाई (12 सितंबर, 2019) —Pgs. 119
29. अयोध्या मामला—23वीं सुनवाई (13 सितंबर, 2019) —Pgs. 122
30. अयोध्या मामला—24वीं सुनवाई (16 सितंबर, 2019) —Pgs. 125
31. अयोध्या मामला—25वीं सुनवाई (17 सितंबर, 2019) —Pgs. 128
32. अयोध्या मामला—26वीं सुनवाई (18 सितंबर, 2019) —Pgs. 132
33. अयोध्या मामला—27वीं सुनवाई (19 सितंबर, 2019) —Pgs. 135
34. अयोध्या मामला—28वीं सुनवाई (20 सितंबर, 2019) —Pgs. 138
35. अयोध्या मामला—29वीं सुनवाई (23 सितंबर, 2019) —Pgs. 141
36. अयोध्या मामला—30वीं सुनवाई (24 सितंबर, 2019) —Pgs. 145
37. अयोध्या मामला—31वीं सुनवाई (25 सितंबर, 2019) —Pgs. 151
38. अयोध्या मामला—32वीं सुनवाई (26 सितंबर, 2019) —Pgs. 157
39. अयोध्या मामला—33वीं सुनवाई (27 सितंबर, 2019) —Pgs. 163
40. अयोध्या मामला—34वीं सुनवाई (30 सितंबर, 2019) —Pgs. 167
41. अयोध्या मामला—35वीं सुनवाई (01 अक्तूबर, 2019) —Pgs. 173
42. अयोध्या मामला—36वीं सुनवाई (03 अक्तूबर, 2019) —Pgs. 177
43. अयोध्या मामला—37वीं सुनवाई (04 अक्तूबर, 2019) —Pgs. 183
44. अयोध्या मामला—38वीं सुनवाई (14 अक्तूबर, 2019) —Pgs. 189
45. अयोध्या मामला—39वीं सुनवाई (15 अक्तूबर, 2019) —Pgs. 195
46. अयोध्या मामला—40वीं सुनवाई, अर्थात् अंतिम सुनवाई (16 अक्तूबर, 2019) —Pgs. 201
47. सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : अयोध्या में रामलला ही विराजमान —Pgs. 210
48. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऐसी शक्ति का प्रयोग किया, जिसे प्रयोग करने का अधिकार उसके पास नहीं था —Pgs. 214
49. मुसलमानों ने खुद मस्जिद का परित्याग नहीं किया, उन्हें बाहर किया गया —Pgs. 217
50. 69 साल पहले हिंदुओं को पूजा की अनुमति दिलानेवाली कमिश्नर की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने बनाया अपनी जजमेंट का हिस्सा —Pgs. 220
51. अयोध्या मामले के सबूतों का आकलन— ए बर्ड आई व्यू से किया सुप्रीम कोर्ट ने —Pgs. 223
52. ‘जस्टिस, इक्विटी एंड गुड कॉनसाइंस टुडे’ के सिद्धांत पर सुप्रीम कोर्ट ने निपटाया अयोध्या विवाद —Pgs. 226
53. अयोध्या मामले में एक जज की 116 पेज की बेनामी राय, जिसमें विवादित जगह के राम जन्मस्थान होने की पुष्टि की गई —Pgs. 228
पवन कुमार पिछले करीब दो दशक से न्यायालयों से जुड़ी रिपोर्टिंग में सक्रिय हैं। वे पिछले तीन साल से देश के सबसे बड़े समाचार-पत्र समूह दैनिक भास्कर के लिए सुप्रीम कोर्ट के विशेष संवाददाता हैं। वर्ष 2000 से सक्रिय पत्रकारिता में रहे हैं। इन्होंने हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और दिल्ली में अलग-अलग विषयों पर आधारित सक्रिय पत्रकारिता की है। इन्होंने अपने पत्रकारिता के कॅरियर में पंजाब केसरी अखबार से शुरुआत करते हुए हरिभूमि, दैनिक जागरण, अमर उजाला, ईनाडु ग्रुप (ई.टी.वी.) और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख समाचार-पत्रों में काम किया है। इन्होंने अपनी लीगल रिपोर्टिंग के दौरान विभिन्न बड़े मामलों, यथा—तीन तलाक, आधार, रफाल, सहारा-सेबी विवाद और हिंदुत्व जैसे संवेदनशील मामलों—में लाइव रिपोर्टिंग का कॉन्सेप्ट शुरू किया।
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