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"पूनमजी की नवीनतम कृति 'सूरजमुखी', जिसकी ध्वनि काव्य की है, 27 छोटी कथाओं का संग्रह है। तेजी से भाग रहे आज के समय में जब पाठकों के पास भी समय का घोर अभाव है, तब छोटी कथाएँ अधिक लोकप्रिय हो रही हैं। संभवतः इसीलिए आधुनिक कथाकारों में लघुकथाओं की ओर अधिक झुकाव है |
समय की प्रवृत्ति को जो लेखक समझ लेता है, वह समाज का उचित मार्गदर्शन कर पाता है। समय की प्रवृत्ति को समझना ही 'युग-चेतना' है । रचनाओं में इसकी अभिव्यक्ति स्वतः होती है। सुबुद्ध लेखिका पूनमजी समाज की पीड़ा और उसकी प्रवृत्ति को समझ पाती हैं, यह बात 'सूरजमुखी' में संकलित उनकी कथाओं से समझी जा सकती है।
पूनमजी की कहानियों की भाषा सरल और संप्रेषण के तत्त्वों से परिपूर्ण है, इसलिए पाठकों तक उतनी ही सरलता और सहजता से पहुँच जाती है । पाठक इसे अपने बीच घटित घटनाओं से जोड़कर देख पाते हैं । विश्वास है कि यह नूतन कथा - कृति 'सूरजमुखी' सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए रुचिकर और पठनीय सिद्ध होगी ।"
शिक्षा : एम.ए. (द्वय) हिंदी और भोजपुरी।
विधा : कहानी, लघु कविता, हाइकू, पिरामिड एवं बाल-साहित्य।
उपलब्धि : विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में हिंदी और भोजपुरी में समयानुसार रचनाएँ प्रकाशित।
विशेष योग्यता : आकाशवाणी पटना और दूरदर्शन से हिंदी एवं भोजपुरी में स्वमुख स्वरचित रचनाओं का प्रसारण।
प्रकाशित पुस्तकें : ‘दर्पण’ (एकल कहानी-संग्रह), साझा संकलन विभिन्न विधा में दस से भी अधिक।
शीघ्र प्रकाश्य : कहानी-संग्रह (एकल) ‘सुगंधा’, लघुकथा-संग्रह (एकल) ‘कस्तुरी’, भोजपुरी कहानी-संग्रह (एकल) ‘सुकन्या’।
सम्मान : ‘नारीसागर सम्मान’, ‘तेजस्विनी सम्मान’, ‘अंतराशब्द-शक्ति सम्मान’, ‘साहित्य सारथी सम्मान’, ‘साहित्य सम्मेलन विशिष्ट सेवा सम्मान’, ‘अंतरराष्ट्रीय युवा सम्मान’, ‘महंथ बचाऊ बाबा स्मृति सेवक सम्मान’, ‘भोजपुरी साहित्य सेवा प्रेरणा सम्मान’ एवं विभिन्न क्षेत्रों में अनेक सम्मान प्राप्त।
संप्रति : साहित्य सृजन।
संपर्क : रामनगरी, सेक्टर-1, ‘सूर्यमुखी वाटिका’, आशियाना नगर, पटना-800025 (बिहार)।
दूरभाष : 09835265651
इ-मेल : klkm.punamjee@gmail.com