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Swachchhata Ka Darshan   

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Author Ed. Dr. Bindeshwar Pathak
Features
  • ISBN : 9789352660889
  • Language : Hindi
  • ...more

More Information

  • Ed. Dr. Bindeshwar Pathak
  • 9789352660889
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2017
  • 288
  • Hard Cover

Description

यू.एन्.डी.पी. ने सुलभ-तकनीक की अति प्रशंसा की। सन् 2009 में ‘स्टॉकहोम वॉटर प्राइज’, 2014 में ‘मदर टेरेसा-स्मारक-सम्मान’ और 2015 में ब्रिटेन की पत्रिका ‘द इकोनॉमिस्ट’ में विश्व के 50 प्रभावशाली लोगों की ‘द ग्लोबल डायवर्सिटी’-सूची में बराक ओबामा, बिल गेट्स, दलाई लामा के साथ आपका नाम शामिल है। सन् 2016 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ‘डब्ल्यू.एच्.ओ. पब्लिक हेल्थ चैम्पियन अवार्ड’ और न्यूयॉर्क ग्लोबल लीडर्स् डायलॉग ने ‘ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड’ से सम्मानित किया। न्यूयॉर्क के माननीय मेयर श्री बिल डे ब्लासियो ने 14 अप्रैल, 2016 को ‘डॉ. विन्देश्वर पाठक-दिवस’ घोषित किया। फ्रांस के शहर मोन्टियर के मेयर श्री जीन जैक्स बेयर ने 19 नवंबर, 2016 को ‘मोन्टियर की मानद नागरिकता’ से सम्मानित किया। 2016 में ही आपको दीनदयाल उपायाय-जन्म-शताब्दी-समारोह की राष्टऊाद्धय समिति और राष्टऊाद्धय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) का सदस्य मनोनीत किया गया। भारत के माननीय रेलमंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने आपको स्वच्छ रेल मिशन का ब्रंड एम्बैसडर घोषित किया। आपको वर्ष 2017 में न्यूयॉर्क की रोचेस्टन एयह्यडिटेशन इंस्टिट्यूट ने ‘डिस्ग्विंश्ड् इंजीनियर अवार्ड’, बैंगलुरू में ‘गोल्डन पीकॉक लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड फॉर लीडरशिप ऑफ सोशल सर्विस-2016’, ‘आई.ए.एम.ए. पब्लिक सर्विस एक्सीलेंस अवार्ड’ और ‘स्वदेशी विज्ञान-पुरस्कार-2017’ से सम्मानित किया गया। विगत दिनों बी.बी.सी. होराइजन्स् ने विश्व के पाँच महनवपूर्ण आविष्कारों में से सुलभ शौचालय-तकनीक को एक माना है। आप स्वच्छता एवं सुलभ-तकनीक के विशेषज्ञ के रूप में विश्वभर में व्याख्यान के लिए आमंत्रित किए जाते हैं।

The Author

Ed. Dr. Bindeshwar Pathak

डॉ. विन्देश्वर पाठक आधुनिक भारत में महान् मानवतावादी विचारधारा के साथ बड़े समाज-सुधारक के रूप में प्रतिष्ठित हैं। समाज के कमजोर वगोह् के प्रति आपमें एक विशेष करुणा, दार्शनिक की दूरदृष्टि और समाज की समस्याओं के समान के लिए अंतहीन उत्साह है।
आपका जन्म 2 अप्रैल, 1943 ई. को बिहार के वैशाली जिला के रामपुर-बघेल गाँव के परंपरावादी ब्राहण-परिवार में हुआ। आपने पटना विश्वविद्यालय से समाजशात्र और अँगरेजी विषयों में एम्.ए. के बाद पीएच्.डी. और डी.लिट्. की उपा प्राप्त की। समाजशात्र, स्वच्छता इत्यादि ज्वलंत सामाजिक विषयों पर आपकी 35 पुस्तकें प्रकाशित हैं। आप एक ससदय कवि, गीतकार एवं संगीतकार हैं। 
आपने सन् 1970 में ‘सुलभ शौचालय संस्थान’ की स्थापना की, जो अब ‘सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन’ के नाम से सुप्रसिद है। आपने देश में प्रचलित ‘कमाऊ शौचालयों’ को दो गड्ढेवाले जल-प्रवाही सुलभ शौचालयों में परिवर्तित कर 2 लाख से भी अीक स्कैवेंजरों को मैला ढोने के अमानवीय कार्य से मुक्त कराया। आपने 15 लाख घरेलू शौचालय और 8,500 से अीक सार्वजनिक शौचालय निर्मित कराए हैं, जो स्वच्छता के क्षेत्र में मील के पत्थर साबित हुए हैं। माननीय प्रीनमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘स्वच्छ भारत-अभियान’ में आपकी सयय भागीदारी है।
आपके सत्प्रयासों से वृंदावन, वाराणसी और उनाराखंड की विधवाओं के जीवन में आमूल परिवर्तन आया है। वे होली, दिवाली जैसे त्योहार मनाकर सुख-चैन से मर्यादित जीवन जी रही हैं।
भारत-सरकार ने 1991 ई. में आपको ‘पद्मभूषण’ की उपा से अलंकृत किया। 2003 ई. में 

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