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हिंदी में स्वास्थ्य पत्रकारिता की जितनी जरूरत है, वह उतनी ही उपेक्षित है। आवश्यक नहीं कि हर पत्रकार को डॉटर हो जाना चाहिए। लेकिन अखबारों और पत्रिकाओं में स्वास्थ्य को ठीक रखने की ठीक-ठीक एवं आधिकारिक जानकारियाँ छपनी चाहिए। पत्रकारिता का एक प्रमुख लक्ष्य यह भी है कि वह अपने पाठकों को शिक्षित करे, समय की चुनौतियों से दो-चार होने के लिए तैयार करे। इसलिए पाठकों को अपना स्वास्थ्य ठीक रखने तथा नई-पुरानी बीमारियों से निबटने की ताकत देने का काम पत्रकारिता को करना होगा।
यह सुखद संकेत है कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए डॉटर्स सरल-सुबोध हिंदी भाषा में लिखने लगे हैं। कुछ डॉटर हिंदी चैनलों पर नियमित चर्चाओं में भाग भी लेने लगे हैं। यह स्वास्थ्य पत्रकारिता के विकास-पथ को प्रशस्त करने का प्रशंसनीय कदम है।
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अनुक्रम
भूमिका—5
आमुख—9
1. स्वास्थ्य पत्रकारिता : उद्भव और विकास—15
2. स्वास्थ्य पत्र-पत्रिकाओं का मूल्यांकन—25
3. रोग की अवधारणा एवं लक्षण—49
4. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भोजन—65
5. चिकित्सा के क्षेत्र में पद्धतियाँ—79
6. विशिष्ट रोगों पर अनुसंधान—88
7. दिल्ली में मेडिकल संस्थान एवं अस्पताल—110
8. स्वास्थ्य बजट और इलाज—118
9. एंटीबायोटिक दवाएँ और जागरूकता—123
10. स्वास्थ्य और बीमा—128
11. स्वास्थ्य मेले, शिविर, कैंप, रैली—133
12. रोग के प्रति जागरूकता और स्वास्थ्य दिवस—141
13. हैंडबिल, पोस्टर, ब्रोशर, बुकलेट—149
14. स्वास्थ्य से संबंधित विज्ञापन—153
15. स्वास्थ्य के क्षेत्र में अंगदान—156
16. स्वास्थ्य और सर्वेक्षणात्मक कार्य—159
17. स्वास्थ्य पत्रकारिता की उपयोगिता—184
संदर्भ—196
मूलनाम : ( एस. के. पांडेय)
जन्म : 02 अक्तूबर, 1966 का ।
शिक्षा : बी. ए., बी. एड., एम.ए. ( हिंदी), बी. जे. एम. सी., एम. जे. एम. सी. ।
कृतित्व : ' क्षण के टुकड़े ' काव्य - संग्रह । देश की प्रतिष्ठित पत्र - पत्रिकाओं में 200 से आधिक रचनाएँ प्रकाशित ।
आकाशवाणी से ' सामयिकी ' कार्यक्रम के लिए वार्त्ता प्रसारित । एफ. एम. ( आकाशवाणी, दिल्ली) के लिए सामयिक वार्त्ता । ' राजधानी से ', ' कला परिक्रमा ' तथा ' एक मुलाकात ' कार्यक्रमों ( दूरदर्शन) के लिए स्क्रिप्ट लेखन तथा वॉयस ओवर । भारतीय पुलिस, दुर्गापूजा, दशहरा, रामलीला आदि विषयों पर ( दिल्ली दूरदर्शन) डॉक्यूमेंटरी के लिए स्क्रिप्ट लेखन तथा वॉयस ओवर ।
संप्रति : 1986 से पत्रकारिता में सक्रिय । गत 18 वर्षों से दैनिक ' हिंदुस्तान ' के संपादकीय विभाग से संबद्ध ।