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आज की दुनिया खरीदारों की दुनिया है—बस, कमी है तो अच्छे सेल्समैनों की। अगर आप अपने कस्टमर का खयाल नहीं रखते तो आपका प्रतिद्वंद्वी रखेगा और वह आपसे आगे निकल जाएगा। फिर आप नंबर वन सेल्समैन बनने की दौड़ में पिछड़ जाएँगे।
आप जब कस्टमर के सभी प्रश्नों के सटीक उत्तर देंगे, तभी वे संतुष्ट होंगे और आपसे सामान खरीदेंगे। अगर आप दो बार ‘नो थैंक्स’ कहने के बावजूद कस्टमर के पीछे पडे़ रहते हैं तो फिर वे भविष्य में कभी मुड़कर आपके पास नहीं आते। वहीं आप सहज और सरल भाव से मुसकराकर उन्हें विदा करते हैं तो जरूरत पड़ने पर वे अवश्य आपके पास आएँगे या आपको कॉल करेंगे।
यह एक कड़वी सच्चाई है कि सेल्समैन को ‘हाँ’ से ज्यादा ‘ना’ सुननी पड़ती है। यह याद रखें कि ‘ना’ या ‘नो’ शब्द सेल्स से गहराई से जुड़ा हुआ है। जो जितनी ज्यादा ‘नो’ सुनने की हिम्मत रखता है, वह उतनी ही शिद्दत से सेल्स करता है। यह पुस्तक आपको अच्छे सेल्समैन से सर्वोत्तम सेल्समैन बनाएगी। यह सिखाएगी कि एक सेल्स टीम का नेतृत्व करने का बेहतर तरीका क्या है? अपने प्रतिद्वंद्वी से स्पर्धा करते हुए अपनी बिक्री और मुनाफा कैसे बढ़ाएँ? गलत फैसलों से कैसे बचें और अच्छे फैसले कैसे लें?
मार्केटिंग और सेल्स के बहुप्रशंसित गुरु संदीप गज्जर के गहन अनुभव का सार है यह बेस्टसेलर पुस्तक।
मार्केटिंग और वितरण के लिए मशहूर एशिया की अग्रणी डायरेक्ट सेलिंग कंपनी यूरेका फोर्ब्स में काम करनेवाले संदीप गज्जर सेल्स के सबसे महत्त्वपूर्ण और आसान सीक्रेट बताते हैं, जिनके बल पर कोई भी सेल्समैन सफलता हासिल कर सकता है। प्रशिक्षण में अपने उत्कृष्ट कार्य के जरिए आज वे सुप्रसिद्ध कॉरपोरेट ट्रेनर, पीक परफॉरमेंस कोच, एन.एल.पी. मास्टर प्रैक्टिशनर और इंडियन ट्रेनर्स एसोसिएशन के सह-संस्थापक हैं।
अपनी ट्रेनिंग से उन्होंने मार्केटिंग के क्षेत्र में अनेक व्यक्तियों और संस्थाओं को नई ऊँचाइयाँ दी हैं। बीमा, नेटवर्क मार्केटिंग, बैंक और वित्तीय संस्थाओं जैसे तमाम उद्योगों के हजारों कर्मचारियों तथा उभरते हुए उद्यमियों-बिजनेसमैनों ने उनकी संगोष्ठियों और कार्यशालाओं से लाभ उठाया है। मानव-स्वभाव का बारीक अध्ययन कर सेल्स और मार्केटिंग के गुर बताने में दक्ष संदीप गज्जर ने साधारण सेल्समैन को भी एक विलक्षण, टॉप सेल्समैन बनने का मार्ग प्रशस्त किया है।