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शेर; भालू; चीता; भेडि़या; पेड़-पौधे—जंगल और जंगल की बातें बच्चों को खूब आर्कषित करती है।
बाल साहित्य के मर्मज्ञ रुडयार्ड किपलिंग की ‘द जंगल बुक’ जंगल की दुनिया का वर्णन करनेवाली अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक है। दुनिया की लगभग हर भाषा में इसका अनुवाद हो चुका है और हर भाषा में इसने अपनी लोकप्रियता के कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस पर बने धारावाहिक; फिल्में भी पूरी दुनिया के बच्चों को रिझा चुकी हैं। इसमें जंगल-जीवन की गतिविधियों और जंगली जीवों के कार्यकलापों को बालसुलभ भाषा में रोचकता के साथ वर्णित किया गया है; ताकि बच्चे जंगल के बारे में अधिक-से-अधिक जान पाएँ।
शेरखान और तमाम साथियों की हरकतों और क्रीड़ाओं का अत्यंत रोमांचक एवं मनोरंजन से भरपूर संकलन है। नन्हे-मुन्ने ही नहीं; सभी आयु वर्ग के पाठकों को खूब पसंद आएगी यह पुस्तक।
जन्म 30 दिसंबर, 1865 को बंबई में हुआ था। गद्य-पद्य लेखन के लिए समान रूप से विख्यात किपलिंग की पुस्तक ‘द जंगल बुक’ सर्वाधिक लोकप्रिय एवं चर्चित है। ‘किम’ तथा ‘द मैन हु वुड बी किंग’ साहसिक कहानी संग्रह हैं। उनकी कविताओं में ‘मंडालय’, ‘गंगादिन’ और ‘इफ’ प्रमुख हैं। लघु कहानी विधा के वे अन्वेषक माने जाते हैं। बाल साहित्य में तो उनकी कई कालजयी कृतियाँ हैं। सन् 1907 में उन्हें साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार पानेवाले वे अंग्रेजी भाषा के आज तक के सबसे युवा प्राप्तकर्ता माने जाते हैं। इसके अलावा उन्हें ‘ब्रिटिश पोयट लॉरिएटशिप’ और ‘नाइटहुड’ की उपाधि दी गईं, लेकिन उन्होंने इन्हें स्वीकार करने से मना कर दिया। 18 जनवरी, 1936 को उनका स्वर्गवास हुआ।