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यह पुस्तक विश्वप्रसिद्ध अमेरिकन मोटिवेशनल स्पीकर क्लाउड एम ब्रिस्टल की सबसे सफल पुस्तक है, जिसने अमेरिका में धूम मचा दी थी। इसका पहला संस्करण सन् 1948 में प्रकाशित हुआ था और उसके बाद यह विश्व की अनेक भाषाओं में प्रकाशित हो चुकी है। यह पुस्तक पाठकों को निराशा के भाव से निकालकर बड़े लक्ष्य को साधने के लिए निरंतर सकारात्मक रहने की प्रेरणा देती है। इसी प्रणाली को अपनाते हुए सैकड़ों लोगों ने अपने व्यक्तिगत, सामाजिक, पारिवारिक व कार्यालयीय जीवन में असीम उन्नति प्राप्त की है।
यह पुस्तक ऐसे महत्त्वाकांक्षी लोगों के लिए है, जो जीवन के हर क्षेत्र में कामयाबी और सफलता हासिल करना चाहते हैं। लेखक बार-बार कहते हैं कि हमें सफलता पाने के लिए सबसे पहले यह विश्वास करना होगा कि बड़े-से-बड़ा लक्ष्य हर हालत में प्राप्त किया जा सकता है, यदि हममें उसे प्राप्त करने की जिजीविषा हो और सकारात्मकता हो। अत्यंत सरल भाषा में लिखी गई यह पुस्तक सफलता पाने के वैज्ञानिक तरीके सिखाती है।
क्लाउड ब्रिस्टल प्रथम विश्वयुद्ध के पूर्व सैनिक और सैन्य मामलों के एक पत्रकार थे। एक संवाददाता के रूप में अलग-अलग क्षेत्र के लोगों से उन्हें मिलने का अवसर मिला और धार्मिक दर्शन का विस्तार से अध्ययन करने पर उन्हें यह अहसास हुआ कि अधिकांश लोग यह जानते ही नहीं कि मन की शक्ति जैसा कोई प्रभावशाली साधन होता है या जानते भी है तो उन्हें यह मालूम नहीं कि उसका लाभ कैसे उठाया जा सकता है। इसी ने ‘द मैजिक ऑफ बिलीविंग’ यानी ‘विश्वास का जादू’ को जन्म दिया। उनकी एक अन्य पुस्तक ‘टी.एन.टी. : इट रॉक्स द अर्थ’ को भी जबरदस्त सफलता मिली है।