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Author Vinod Kumar Mishra
Features
  • ISBN : 9789382901945
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Vinod Kumar Mishra
  • 9789382901945
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2020
  • 148
  • Hard Cover
  • 200 Grams

Description

बाल्यकाल में ही बधिरता जैसे अभिशाप को एकाग्रता जैसे अद्भुत गुण में परिवर्तित करनेवाले थॉमस अल्वा एडिसन ने जीवन के अंतिम प्रहर तक थकना नहीं सीखा। औपचारिक शिक्षा से वंचित होने पर भी साहित्य से लेकर विज्ञान तक का गहन अध्ययन करनेवाले इस वैज्ञानिक ने अपने कार्यकाल में औसतन हर पंद्रह दिन में एक पेटेंट हासिल किया; उनके जरिए दुनिया आधुनिक काल में प्रवेश कर गई और उपभोक्तावाद का प्रादुर्भाव हुआ।
नियति ने उसे पल-पल पर खोने के लिए मजबूर किया। तमाम उद्योगों में घाटा हुआ, अनेक आविष्कार असफल हुए, प्रयोगशाला जल गई, मित्रों और सहयोगियों ने भी धोखा दिया, संतानों में अविश्वास उपजा; किंतु एडिसन आयु के हर पड़ाव पर दुनिया को देता ही रहा।
बिजली, ग्रामोफोन, सिनेमा, रबर जैसे सैकड़ों अद्भुत आविष्कारों का जनक न युद्धकाल में चैन से बैठा और न ही शांतिकाल में। उसने पत्रकारिता भी की और समाज-सेवा भी। उसे मानव से प्यार था और पक्षियों से भी। वह नेत्रहीनों की सहायता भी करता रहा और फिल्मों के जरिए नवोदित कलाकारों की भी। अमेरिकी राष्ट्रपति से लेकर आम आदमी तक उसका मुरीद बन चुका था। आज भी एडिसन अनुसंधानकर्ताओं के लिए आइंस्टाइन की तरह रोचक विषय है।
एक श्रेष्ठ जीवन की श्रेष्ठ गाथा है यह पुस्तक।

The Author

Vinod Kumar Mishra

जन्म : 12 जनवरी, 1960 को इटावा (उ.प्र.) में।
शिक्षा : विकलांग होने के बावजूद हाई स्कूल तथा इंटरमीडिएट की परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कीं। सन् 1983 में रुड़की विश्‍वविद्यालय से इंजीनियरिंग की उपाधि प्राप्‍त कर सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (CEL) में सहायक अभियंता के रूप में नियुक्‍त हुए। विभिन्न विभागों में काम करते हुए आजकल मुख्य प्रबंधक के रूप में काम कर रहे हैं।
अब तक कुल 32 पुस्तकें तथा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 300 लेख प्रकाशित।
पुरस्कार-सम्मान : सन् 1996 में राष्‍ट्रपति पदक, 2001 में ‘हिंदी अकादमी सम्मान’ तथा योजना आयोग द्वारा ‘कौटिल्य पुरस्कार’। सन् 2003 में अपारंपरिक ऊर्जा स्रोत मंत्रालय द्वारा ‘प्राकृतिक ऊर्जा पुरस्कार’, 2004 में राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा ‘सृजनात्मक लेखन पुरस्कार’, विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा ‘डॉ. मेघनाद साहा पुरस्कार’ तथा महासागर विकास मंत्रालय द्वारा ‘हिंदी लेखन पुरस्कार’।

 

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