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Tirange Ki Gaurav Gatha   

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Author K.V. Singh
Features
  • ISBN : 9789351868248
  • Language : Hindi
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More Information

  • K.V. Singh
  • 9789351868248
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2018
  • 196
  • Hard Cover
  • 250 Grams

Description

किसी भी देश का राष्‍ट्रीय ध्वज उसका सर्वाधिक समादृत प्रतीक होता है। देश का हर व्यक्‍ति—चाहे राष्‍ट्रपति हो या प्रधानमंत्री अथवा सामान्य जन—सभी अपने राष्‍ट्रीय ध्वज को सलामी देते हैं। राष्‍ट्रीय ध्वज कहा जानेवाला कपड़े का यह टुकड़ा पूरे राष्‍ट्र, उसकी गरिमा एवं प्रतिष्‍ठा का प्रतिनिधित्व करता है।
भारत के गौरव का प्रतीक तिरंगा ध्वज अब लगभग साठ वर्ष का होने जा रहा है। यदि हमारे राष्‍ट्र को कोई एकता के सूत्र में बाँध सकता है तो वह हमारा राष्‍ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’ ही है, जिसका न कोई अपना धर्म है और न ही कोई देश या प्रदेश। इसलिए आज देश के लिए तिरंगे से अच्छा और सच्चा प्रेरणा-स्रोत अन्य क्या हो सकता है!
एक समय था जब भारतीय नागरिक राष्‍ट्रीय ध्वज का प्रयोग नहीं कर सकते थे, पर आज हमें संवैधानिक रूप से इसे फहराने का अधिकार प्राप्‍त है। हमारे देशवासी अब तिरंगे को मात्र 15 अगस्त व 26 जनवरी के दिन ही नहीं, बल्कि प्रतिदिन फहरा सकते हैं और देशप्रेम की अपनी भावना का प्रकटीकरण कर सकते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक की रचना का उद‍्देश्य पाठकों को अपने देश के राष्‍ट्रीय ध्वज का संपूर्ण परिचय देना और इसके प्रति यथोचित सम्मान प्रकट करने को प्रेरित करना है।
विश्‍वास है, ‘तिरंगे की गौरव गाथा’ पढ़कर पाठकगण भारत के गौरव को पहचानेंगे और इसकी रक्षा के लिए तन-मन-धन से समर्पित होने को सन्नद्ध होंगे।

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अनुक्रम

१. तिरंगे का जन्म —Pgs. ११

२. तिरंगे की मुक्ति-गाथा —Pgs. १८

३. झंडों का विकास —Pgs. ३१

४. प्राचीन ध्वजा —Pgs. ३८

५. महाकथाओं में झंडे —Pgs. ४१

६. प्राचीन, मध्यकालीन एवं ब्रिटिश भारत के झंडे —Pgs. ४६

७. राष्ट्रीय ध्वज का विकास —Pgs. ५२

८. मैडम कामा की देन —Pgs. ६३

९. राष्ट्रीय ध्वज की आवश्यकता —Pgs. ७१

१०. सन् १९२३ का झंडा-आंदोलन —Pgs. ८१

११. सन् १९२४ से १९३० तक की कहानी —Pgs. ९२

१२. सन् १९३१ की झंडा समिति —Pgs. ९५

१३. मान्यता प्राप्त प्रथम झंडा —Pgs. १०१

१४. स्वतंत्र भारत का ध्वज —Pgs. १०८

१५. राष्ट्रीय ध्वज के मानक नाप-तौल —Pgs. १२३

१६. आम नागरिक और तिरंगा —Pgs. १२७

१७. संशोधित झंडा-संहिता २००२ व २००५ —Pgs. १३२

१८. पूर्व रियासतों द्वारा उनके राजकीय व राजसी झंडों का प्रदर्शन —Pgs. १५६

१९. तिरंगे के कुछ रोचक तथ्य —Pgs. १५९

परिशिष्ट-१ —Pgs. १६६

परिशिष्ट-२ —Pgs. १७३

परिशिष्ट-३ —Pgs. १७६

परिशिष्ट-४ —Pgs. १७७

परिशिष्ट-५ —Pgs. १७९

परिशिष्ट-६ —Pgs. १९०

पाश्चात्य झंडों की शदावली —Pgs. १९३

The Author

K.V. Singh

12 नवंबर, 1939 को दिल्ली में जन्म। दिल्ली विश्‍वविद्यालय से स्नातक एवं पत्रकारिता में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्‍त की। रक्षा सेवा में एक कमीशंड अधिकारी के रूप में उनतीस वर्षों की सेवा के उपरांत सन् 1992 में सेवानिवृत्त। रक्षा सेवा में आने से पूर्व कुछ समय तक बंगाल सिविल सर्विसेज में डिप्टी कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट के रूप में भी कार्य किया।
पूरे भारत सहित कई देशों, जैसे—जापान, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर और दुबई का भी भ्रमण।
भारत के राष्‍ट्रध्वज तिरंगे पर पुस्तक लिखनेवाले पहले व्यक्‍ति। इसके अतिरिक्‍त तिरंगे तथा झंडों से संबंधित एक अन्य पुस्तक ‘झंडों की रंग-बिरंगी दुनिया’ की रचना भी की, जो ‘नेशनल बुक ट्रस्ट’ द्वारा प्रकाशित है। उनके द्वारा भारत के विभिन्न धर्मों, महान् संतों, उपदेशकों, सुधारकों एवं अन्य कई विषयों पर विभिन्न पुस्तकें प्रकाशित हैं।

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