₹200
"जब हम चिड़िया की बात करते हैं
तो हौसले की बात करते हैं
क्योंकि परवाज डैनों से नहीं
हौसले से भरी जाती है।
जब हम चिड़िया की बात करते हैं
किसी रजिया, किसी राधा की बात नहीं करते
क्योंकि चिड़िया, बस चिड़िया होती है
रजिया या राधा नहीं।"